
बच्चों के विकास और सेहत को लेकर न जानें कितनी धारणाएं प्रचलित हैं। माता-पिता भी जानना चाहते हैं कि आखिर इन बातों में कितनी सच्चाई है?
भ्रम और सच के इस खेल में हम ना जानें बच्चों की सेहत और विकास को लेकर कितने एक्सपेरिमेंट कर चुके होते हैं, इसका हमें आईडिया भी नहीं होता। उदहारण के तौर पर बचपन से ही बच्चों को बादाम और अखरोट इसलिए खिलाया जाता है, जिससे उनका मानसिक विकास तेजी से हो सके। लेकिन क्या यह सच है कि केवल बदाम अखरोट से ही बच्चों का मानसिक विकास तेजी से हो सकता है? इसी तरह पेरेंट्स ना जानें कितनी बातों को सच मान लेते हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से कुछ ऐसी बातों से रूबरू करवाएंगे, जिन्हें बरसों से माना जा रहा है लेकिन उनमें कितनी सच्ची हैं और कितना भ्रम, इसका हमें अनुमान भी नहीं। पढ़ते हैं आंगे...
Fact: गाजर खाने से बढ़ती है आंखों की रोशनी? (Carrot for Eyes)
अक्सर हम सुनते हैं कि गाजर खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो यह सच है। गाजर के अंदर विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन ए आंखों की रोशनी बढ़ाने में बेहद मददगार है। ध्यान दें कि जिन बच्चों को नाइट ब्लाइंडनेस की समस्या होती है, ये समस्या भी गाजर खाने से दूर हो जाती है। लेकिन हां, कुछ पेरेंट्स अधिक मात्रा में बच्चों को गाजर खिलाते हैं। ऐसे में वे गाजर के अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां भी बच्चों की डाइट में शामिल करें इससे भी आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है। इस बात का ख्याल रखें अगर बच्चे की दृष्टि ज्यादा ही कमजोर हो रही है तो केवल खान-पान ही नहीं बल्कि डॉक्टर की सलाह भी बेहद जरूरी है। ऐसी स्थिति में पौष्टिक खानपान ही काफी नहीं होता है।
Myth: शाकाहारी बच्चों में प्रोटीन की पूर्ति नहीं हो पाती? (Vegetarians get enough protein)
एक्सपर्ट्स इस बात को गलत मानते हैं। उनका कहना है कि दाल, राजमा, लोबिया, सोयाबीन, पनीर आदि प्रोटीन के अच्छे स्रोतों में से एक हैं। इनसे भी शाकाहारी बच्चों को भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिल सकता है। नॉनवेज खाने वाले बच्चों की तरह शाकाहारी बच्चे भी प्रोटीन की पूर्ति अनाज के माध्यम से पूरी कर सकते हैं।
Fact: सर्दी जुकाम के लिए विटामिन सी है जरूरी? (Vitamin C For Cold and Cough)
यह बात सच है। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विटामिन सी द्वारा बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही संक्रमण से बचने के लिए इम्यून सिस्टम को तंदुरुस्त भी विटामिन सी ही बनाता है। लेकिन विटामिन सी के सप्लीमेंट बिना डॉक्टर की सलाह के बिना लेना उचित नहीं है। आप बच्चों की डाइट में संतरा, मौसमी, अंगूर आदि खट्टे फलों को शामिल कर सकते हैं क्योंकि इन में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है।
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Myth: बादाम-अखरोट का सेवन करने वाले बच्चे मानसिक रूप से तेजी से बढ़ते हैं? (Nuts for Brain Development)
एक्सपर्ट्स इस बात को गलत मानते हैं। उनका मानना है कि ड्राई फ्रूट्स में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद होता है जो ब्रेन के मेमोरी वाले हिस्से को तंदुरुस्त रखता है। लेकिन यह बात गलत है कि केवल बदाम-अखरोट खाने वाले बच्चों का दिमाग दूसरों की तुलना में ज्यादा तेजी से विकसित होता है। अगर सभी बच्चों की डाइट संतुलित है तो उनके मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिल सकता है।
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Fact: अच्छी ग्रोथ के लिए अच्छी नींद (Sleeping for kids)
2 से 10 साल तक के बच्चों के लिए 8 से 9 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है। इससे न केवल बच्चों के शरीर में एनर्जी बढ़ती है बल्कि उनके ग्रोथ वाले हारमोंस भी विकसित होते हैं। ऐसे में भरपूर मात्रा में नींद लेना बच्चों के शारीरिक और मानसिक दोनों विकास के लिए बहुत जरूरी है। अगर आपके घर में इस उम्र के बच्चे हैं तो उनकी दिनचर्या को कुछ इस तरह से बनाएं कि कम से कम 8 से 9 घंटे की नींद जरूरी है।
Myth: बच्चों का कद बढ़ाने के लिए ज्यादा दूध पीना है जरूरी (Milk For Height Growth)
एक्सपर्ट की मानें तो कैल्शियम के लिए दूध से अच्छा स्रोत कोई नहीं है। इसके सेवन से शारीरिक विकास में मदद मिलती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ज्यादा दूध पीने से बच्चों की हाइट तेजी से बढ़ती है। बच्चों के लिए दूध जरूरी है लेकिन नवजात शिशु को 6 महीने तक केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। इस उम्र के बाद शिशु को गाय का दूध पिलाना अच्छा विकल्प है। साथ ही आप दाल का पानी, केला, खिचड़ी, दलिया, सूजी की खीर आदि चीजों को भी शिशु की डाइट में शामिल कर सकते हैं। जब बच्चा 1 साल की उम्र को पार कर लेता है तो उनके लिए सुबह शाम दो कब दूध का सेवन काफी होता है।
(ये लेख पारस हॉस्पिटल की चीफ डायटीशियन, नेहा पठानिया से बातचीत पर आधारित है।)
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