आपने तरह-तरह के खाद्य पदार्थों के जरिए पोषक तत्व तो खूब अवशोषित के होंगे, लेकिन क्या आर्टीफीशियल पोषक तत्वों (Artificial Nutrients) का सेवन किया है। क्या आप जानते हैं फूड फॉर्टिफिकेशन (Food Fortification) और फॉर्टीफाइड फूड (Fortified Food) क्या है। इससे शरीर को क्या फायदे मिलते हैं। सुनने में भले ही थोड़ा अजीब लगे कि आर्टीफीशियल तरीके से पोषक तत्व कैसे डाले जाते हैं, लेकिन इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है। इस प्रक्रिया में खाद्य पदार्थों को प्रोसेस्ड करते समय इनमें पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि फूड फॉर्टीफिकेशन क्या है और फॉर्टीफाइड फूड किन वर्गों के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। शरीर में किसी भी पौष्टिक तत्व की कमी को पूरा करने के लिए फूड फॉर्टिफिकेशन एक बहुत ही अच्छा तरीका माना जाता है। सूक्ष्म पोषक तत्वों (Micro Nutrients) की कमी के कारण बहुत से लोग बीमार होते हैं और मृत्यु को प्राप्त होते है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार पूरी दुनिया में करीबन दो अरब लोग सूक्ष्म पोषक तत्वों (Micro Nutrients) की कमी का शिकार होते है।
क्या है फूड फॉर्टिफिकेशन (What is Fortified Food)
फूड फॉर्टिफिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें खाद्य पदार्थो में आर्टिफिशियल तरीके से पौष्टिक तत्वों को डाला जाता है। जैसे नमक में आयोडीन (Iodine in Salt) मिलाया जाता है उसी प्रकार किसी भी खाद्य पदार्थ की प्रोसेसिंग के समय जब उसके अंदर के प्राकृतिक पोषण नष्ट हो जाते हैं, तो उसमें ज़रूरी होता है कि उपर से पोषण मिलाया जाए। फूड फॉर्टिफिकेशन WHO और FAO की दुनिया भर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने की एक नीति है। फूड फॉर्टिफिकेशन एक ज़रूरी प्रक्रिया है। कई बार हम केवल एक तरह का खान पान करते है और डाइट में अन्य पोषण तत्वों को शामिल ही नहीं करते। ऐसे में हम किसी ना किसी पोषण की कमी के शिकार हो जाते है। धूप जब त्वचा पर पड़ती है तो वह विटामिन डी बनाती है।
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मात्र तीस मिनट ही विटामिन डी की पूर्ति के लिए काफी है। लेकिन कई ठंडी जगहों पर महीनों महीनों तक धूप नहीं निकलती और इस कारण लोग विटामिन डी की कमी का शिकार हो जाते है। इतना ही नहीं, कुछ पौष्टिक तत्व पशु स्त्रोत खाद्य पदार्थ में ही ज़्यादातर मिलते हैं जैसे कि विटामिन बी 12, विटामिन बी 1, विटामिन ए विटामिन डी आदि। शाकाहारी पशु का सेवन नहीं करते इस वजह से उनके सबसे ज़्यादा विटामिन बी 12 की कमी होती है। इन सभी उदाहरणों से पता चलता है कि फूड फॉर्टिफिकेशन कितना ज़रूरी है और देश की नीति का एक हिस्सा होना क्यों आवश्यक है।
1. शिशुओं में फॉर्टीफाइड फूड्स के फायदे (Benefits of Fortified Foods in Infants)
कुपोषित महिलाओं (Under Nourished Women) के स्तन के दूध में सूक्ष्म पोषण की मात्रा काफी कम होती है। उनमें अक्सर विटामिन ए (Vitamin A) और कई सारे बी विटामिन्स की कमी होती है। इसलिए फॉर्टीफाइड फूड्स शिशु को अतिरिक्त पोषण (Provides Nutrients in Infants) पहुंचाते है। जो शिशु मां के स्तन से दूध पीते हैं उनके लिए ज़रूरी है कि फॉर्टीफाइड फूड्स से अतिरिक्त पोषण दिया जाए। शिशु और बच्चों में आयरन की कमी की पूर्ति के लिए सोया सॉस को आयरन के साथ फॉर्टीफाइड किए गए मील को खाना चाहिए। बच्चों के लिए कई तरह के फोर्टीफाइड फूड्स आते हैं जैसे कि ओटमील, बेबीफुडस आदि।
2. प्रेगनेंट महिलाओं में फॉर्टीफाइड फूड्स के फायदे (Benefits of Fortified Foods in Pregnant Women)
प्रेगनेंट महिलाओं (Pregnant Lady) में इस बात का खास ध्यान रखा जाना चाहिए कि उनकी शरीर में किसी भी पोषण की कमी ना रह जाए। नहीं तो उसका असर शिशु के विकास पर भी पड़ सकता है। अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में कैल्शियम, फोलिक एसिड (Folic Acid) की कमी होती है। इसके लिए जरूरी है उनकी डाइट में फोलिक एसिड से फोर्टीफाइड किए गए फूड्स दिए जाए। ऐसा करने से उनमें न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural Tube Defect) नहीं होता। आयरन फॉर्टीफाइड फूड्स से एनेमिया का खतरा नहीं होता। साथ ही विटामिन ए, बी, डी ज़िंक आयोडीन कॉपर आदि फॉर्टीफाइड फूड्स के सेवन से प्रेगनेंट महिलाएं कुपोषित नहीं होती।
3. उम्रदार के लिए फोर्टीफाइड फूड्स के फायदे (Benefits of Fortified Foods in Old Age)
जैसे जैसे उम्र बढ़ती है शरीर धीरे-धीरे ढीला पड़ने लगता है। इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने लगता है। हड्डियों में भी कमज़ोरी आने लगती है। इसलिए उम्रदार लोगो को अपनी सेहत का खास खयाल रखना चाहिए। कुपोषण का शिकार ना होना पड़े इसलिए फॉर्टीफाइड फूड्स लेकर पोषण की पूर्ति करनी चाहिए। बुजुर्गो के लिए बाजार में खास तरह के फॉर्टीफाइड फूड्स उपलब्ध हैं। दूध में भी विटामिन डी फॉर्टीफाइड किया जाता है, ताकि विटामिन डी की कमी ना हो। प्रोटीन की कमी में प्रोटीन शेक पिया जा सकता है। ऐसे में फॉर्टीफाइड दूध, मक्खन सीरियल का सेवन करना चाहिए।
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4. खाने में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी को करे दूर
कई लोगों में पोषक तत्व ठीक तरह से अवशोषित नहीं हो पाते हैं। माइक्रोन्यूट्रीएंट्स की कमी के कारण शरीर में कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इससे बचने के लिए फॉर्टीफाइड फूड्स का सेवन करना बेहद लाभदायक माना जाता है। इसके सेवन मात्र से ही शरीर को माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की प्राप्ति हो जाती है। इससे शरीर में सभी पोषक तत्व आसानी से पहुंच जाते हैं।
फॉर्टीफाइड फूड्स में मौजूद पोषक तत्व आपकी शरीर के विकास के लिए अच्छा माना जाता है। इसलिए फॉर्टीफाइड फूड्स को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बनाना चाहिए।
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