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Empty Nest Syndrome: नींद कम आना हो सकता है इस बीमारी का संकेत, जानें इसके कारण और उपाय

Empty Nest Syndrome Causes: दूसरे शहर या देश, पढ़ाई या नौकरी के लिए जाकर रहने वाले बच्चों के पेरेंट्स में एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम की समस्या देखने को मिलती है। 
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Empty Nest Syndrome: नींद कम आना हो सकता है इस बीमारी का संकेत, जानें इसके कारण और उपाय

हर माता-पिता अपने बच्चे का अच्छा भविष्य देखना चाहते हैं। इसलिए कई बार पढ़ाई के लिए, नौकरी के लिए या अच्छा शहर में सेटल होने के लिए उन्हें दूसरे शहर यानी खुद से दूर जाकर रहने देते हैं। दूसरे शहर जाकर रहने के बाद अक्सर बच्चे अपने जीवन में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उनके पास अपने माता-पिता से बात करने या मिलने तक का समय नहीं होता है। ऐसे में बुढ़ापे में उनके माता-पिता को मानसिक स्वास्थ्य की समस्या ज्यादा सताने लगती है। बच्चों के दूर जाने के कारण माता-पिता को जो अकेलापपन महसूस होता है उसे एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम कहा जाता है। आइए अहमदाबाद के मनोशांति: मेडिकेयर क्लिनिक साइकाइट्रिस्ट डॉ. हर्षल शाह से जानते हैं क्या होता है एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम और इससे बचाव के उपाय- 

एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम क्या है?

एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम, एक शब्द है जिसका उपयोग उदासी, अकेलेपन और नुकसान की भावनाओं का बताने के लिए किया जाता है। एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम शब्द का उपयोग उन माता-पिता के लिए किया जाता है, जो अपने बच्चों के दूर जाने (घर छोड़कर कहीं ओर रहने जाने) के कारण अकेलापन महसूस करते हैं। अपने बच्चों के दूसरे शहर या देश में जाकर सेटल होने के बाद माता-पिता में होने वाले परिवर्तन माता-पिता की पहचान, उद्देश्य और डेली रूटीन को प्रभावित कर सकता है। ऐसी अवस्था में कई माता-पिता महसूस कर सकते हैं कि उन्होंने अपनी प्राथमिक भूमिका खो दी है, खासकर अगर दोनों बच्चे एक ही समय में घर छोड़ते हैं, जिससे माता-पिता अचानक अकेले रह जाते हैं। यह अकेलापन और परिवर्तन कुछ माता-पिता के लिए डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है।

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एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम के कारण होने वाली समस्याएं

जब घर खाली हो जाता है तो माता-पिता खालीपन, दूध और अकेलेपन जैसी भावनाओं से जूझ सकते हैं। वे अपने बच्चों के जीवन से अपनी भूमिकाओं के बारे में बदलाव महसूस कर सकते हैं या अपने खुद के उद्देश्य की भावना को बदलता हुआ महसूस कर सकते हैं। इस बदलाव के कारण, उनका सामाजिक संबंध भी बदल सकता है, क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों से संबंधित स्कूल और अन्य गतिविधियों में पहले की तरह एक्टिव होने की कमी को महसूस कर सकते हैं। 

एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम से निपटने के उपाय

  • नियमित रूप से चेक-इन, कॉल या मुलाकात, पेरेंट्स में होने वाली इस समस्या से निपटने में मदद कर सकते हैं। 
  • अपने बड़े हो चुके बच्चे के साथ रिश्ते को मजबूत करने और संतुलन को बनाए रखने के लिए कभी आप उनसे मिलने जाए और कभी उन्हें अपने पास बुलाएं।  
  • एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम वाले लोग इस अवस्था से खुद को निकालने के लिए अपनी रुचियों को ढूंढे और नए शोक अपनाने की कोशिश करें। 
  • माता-पिता इस समस्या को बढ़ने से रोकने और अकेलापन दूर करने के लिए अपने पूराने मित्रा, रिश्तेदारों से मिलें। 

निष्कर्ष

बच्चों के दूर जाने पर उनके बिना रहना आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह बदलाव आपके अंदर सकारात्मक बदलाव भी ला सकता है, जैसे की आप खुद के बारे में ज्यादा सोच सकते हैं, अपने लिए समय निकाल सकते हैं। इसलिए, डिप्रेशन या तनाव जैसी स्थिति में जाने से बचने के लिए खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें और फोन के जरिए माता-पिता से जुड़ें रहने की कोशिश करें। 

Image Credit: Freepik 

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