
उपचार की क्रिस्टल थेरेपी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है। इस थेरेपी में दवाओं का इस्तेमाल नहीं होता। क्रिस्टल पृथ्वी में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक पदार्थ है। इसका विकास एक नियत समय में होता है जैसे कि मेटल्स का। ये हीट कंडक्टर और ऊर्जा के अच्छे सुचालक होते हैं। ये एक स्रोत से ऊर्जा लेकर दूसरे में विस्तारित कर देते हैं। क्रिस्टल के प्रत्येक कण पर एक प्रकार की ऊर्जा होता आवरण होता है, जो एक अनूठी आंतरिक संरचना है। यह क्रिस्टल हर बीमारी की चिकित्सा करने में सक्षम है। एक सुसंगत तरीके से इसका इस्तेमाल करने से ये शरीर की प्राकृतिक ऊर्जा (तंत्र उत्तेजक, शरीर की ऊर्जा प्रणाली) को स्थिरता प्रदान करने और संतुलित करने का काम करता है। विभिन्न प्रकार की मानसिक और शारीरिक बीमारियों में क्रिस्टल चिकित्सा का उपयोग किया जाता है।
उपचार के लिए क्रिस्टल का प्रयोग
शरीर के कुछ निश्चित हिस्सों पर क्रिस्टल रखकर या फिर शरीर पर घुमाकर राहत पाई जा सकती है। इसके साथ ही, अपनी शारीरिक दशाओं के साथ मेल खाता हुआ क्रिस्टल पहनने या साथ रखने से भी ये काम करता है। चक्र उपचार के लिए भी एक निश्चित रंग के क्रिस्टल का इस्तेमाल किया जाता है। उन्हें सेवन कलर चक्र लेआउट का इस्तेमाल करते हुए शरीर पर रखा जा सकता है।
नीचे कुछ ऐसी समस्याओं के बारे में बताया जा रहा है जिनमें क्रिस्टल का इस्तेमाल करके राहत पाई जा सकती है।
सर दर्द
सर के दर्द से राहत पहुंचाने के लिए क्रिस्टल का इस्तेमाल सर दर्द के कारण पर निर्भर करता है। तनाव से होने वाले दर्द का उपचार सर के आसपास नीलम, ऐंम्बर या फ़िरोज़ा क्रिस्टल को रखकर किया जा सकता है। लंबे अर्से से माइग्रेन के लिए लैपिस लजूली क्रिस्टल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सर दर्द का एक और कारण सर की ऊर्जा और सौर जाल चक्र में असंतुलन, तनाव और अनुपयुक्त आहार के कारण होता है। अगर आपको इस तरह का सर दर्द है तो सिट्रीन और मूनस्टोन जैसे क्रिस्टल का इस्तेमाल करें।
अनिद्रा
सर दर्द की ही तरह, इस परेशानी के लिए इस्तेमाल होने वाला क्रिस्टल अनिद्रा के कारण पर निर्भर करता है। इसी वजह से ऐसा होता है कि कोई स्टोन किसी व्यक्ति पर अपना असर दिखाता है तो किसी पर नहीं भी दिखाता। अगर आपको लगता है कि तनाव और चिंता आपको सोने से रोक रही हैं तो क्रिसप्रेज़ रोज़ क्वार्ट्ज, सिट्रीन या नीलम जैसे क्रिस्टल्स बेड या तकिये के नीचे रखें। ये आपको शांत करेगा। अगर आपको लगता है कि ज्यादा खाना खा लेने की वजह से आपको बेचैनी महसूस हो रही है तो पेट को शांत रखने के लिए आयरन पायराइट या मूनस्टोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर डरावने सपनों की वजह से सो नहीं पा रहे तो रक्षा करने वाले क्रिस्टल से उपचार संभव है। जैसे कि टॉर्मालाइन या स्मोक क्वार्ट्ज। इन्हें बेड के फुट पर रखा जा सकता है।
कमजोरी
ऊर्जा को बढ़ाने के लिए लाल, संतरी और पीले क्रिस्टल का इस्तेमाल करना चाहिए, जो शरीर में ऊर्जा बढ़ाता है। गहरे रंगों के क्रिस्टल्स सबसे ज्यादा उत्तेजक और गतिशील क्रिस्टल्स होते हैं। जैसे कि डीप रेड गार्नेट, गोल्डन ऐंबर या गोल्डन-यैल्लो टोपाज़। दोनों हाथों में क्लियर क्वार्ट्स क्रिस्टल को ऊपर की ओर मुंह करके पकड़ने से शरीर की पूरी प्रणाली में ऊर्जा का तुरंत प्रसार होता है।
एकाग्रता में कमी
क्वार्ट्स जो मानसिक स्पष्टता देने वाला क्रिस्टल माना जाता है उससे एकाग्रता बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा कार्नेलिअन असंगत विचारों को दूर करता है। सिट्रीन और ऐंबर याद्दाश्त बढ़ाते हैं और लैपिस लजूली विचारों के लिए शक्तिशाली प्रवर्धक है। ऐमीथिस्ट मानसिक स्पष्टता लाकर, यथार्थवादी लक्ष्यों पर ध्यान लगाने में मदद करता है। ये भी माना जाता है कि ये नर्वस सिस्टम को आराम पहुंचाता है।
क्रिस्टल थेरेपी को आध्यात्मिक और परंपरागत उपचार भी माना जाता है। ये उपचार पश्चिमी उपचारों की तुलना में अधिक वक्त लेता है। क्रिस्टल फूड एडेटिव्स, विद्युत चुंबकीय विकिरण, प्रदूषित पानी और हवा जैसे पर्यावरणीय जोखिमों का भी मुकाबला कर सकते हैं। ये तंबाकू, अल्कोहल और कैफीन के असर को कम करते हैं। अधिकांश चिकित्सक शल्य चिकित्सा के पहले और बाद में मानसिक आघात को कम करने के लिए क्रिस्टल का उपयोग करते हैं।
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