बच्चों में ही नहीं बल्कि बड़ों को भी होती है 'दांत पीसने' की आदत, जानें क्या है ये बीमारी और इसका उपाय

हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर वाले बच्चों में ब्रुक्सिज्म होता है। पर बड़ों में ये होना मानसिक विकारों का संकेत हो सकता है।
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बच्चों में ही नहीं बल्कि बड़ों को भी होती है 'दांत पीसने' की आदत, जानें क्या है ये बीमारी और इसका उपाय

दांत पीसना या ब्रुक्सिज्म (Bruxism) में व्यक्ति अपने दांतों को पीसता है या एक साथ रगड़ते हैं। ऐसा करते वक्त जबड़े जबर्दस्ती अगल-बगल या आगे-पीछे होते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि ये बच्चों की बीमारी है, पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है। बड़ों को भी ये आदत होती है। पर आपको जानकर ये हैरानी होगी कि दांत पीसना सिर्फ आदत ही नहीं, बल्कि कई बीमारियों का संकेत भी है। पर इसे करते वक्त अक्सर, व्यक्ति को यह पता नहीं होता है कि वे ऐसा कर रहे हैं। ज्यादातर लोग ये तभी करते हैं जब दांतों की झनझनाहट होती है या जब कोई व्यक्ति अपने दांतों को एक साथ रखता है और मांसपेशियों को पकड़ता है और उसे चबाता रहता है। लोग दिन और रात के दौरान अपने दांतों को पीस या कुतर सकते हैं, लेकिन नींद से संबंधित ब्रुक्सिज्म एक बड़ी चुनौती है क्योंकि इसे नियंत्रित करना कठिन है।

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लोग दांत क्यों पीसते हैं?

दांत पीसना (ब्रुक्सिज्म) सामान्य विकार है, जो तनाव या चिंता के कारण होता है। यह रोग कुछ न्यूरोलॉजिकल (मानसिक) विकारों से जुड़ा हुआ भी है। यह एक बेहोश न्यूरोमस्कुलर गतिविधि है। इसमें मायोफेशियल मांसपेशियों में दर्द, टेम्पोरोमैंडिबुलर संयुक्त रोग और सिरदर्द हो सकता है। गंभीर मामलों में टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़ों का गठिया हो सकता है। वहीं इनके कारणों की बात करें तो इसके पीछे कई स्वास्थ्य से जुड़ी संभावनाएं थी, जैसे कि 

  • -बच्चों में, दांत का पीसने आमतौर पर पहले दांत दिखाई देने के बाद होता है और फिर जब स्थायी दांत निकलते हैं। एक बार वयस्क दांत पूरी तरह से निकल जाने के बाद यह आमतौर पर बंद हो जाता है।
  • -कई बार तनाव, क्रोध, चिंता और एकाग्रता के कारण भी लोग दांत पीसते हैं। शोध में पाया गया है कि मस्तिष्क की गतिविधि, दिल की धड़कनों का बढ़ना और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) का दांत पीसने में एक प्रमुख भूमिका है।
  • -ब्रुक्सिज्म एक असामान्य काटने से संबंधित हो सकता है, जिसका अर्थ है कि जबड़े के बंद होने पर दांत ठीक से नहीं मिलते हैं। 
  • - अगर आपके ऊपर और नीचे के दांत ठीक से एक साथ नहीं आते हैं, तो इसके कारण भी लोगों में दांत पीसने की परेशानी रहती है।
  • -कुछ लोगों में, नींद के दौरान चेहरे की मांसपेशियों में ऐंठन होती है, जिसके कारण वो दांत पीसते हैं।
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दांत पीसने का स्वास्थ्य से जुड़े नुकसान

दांत पीसने से दांत नीचे गिर सकते हैं और छोटे या खंडित हो सकते हैं। वहीं ये जबड़े के आसपास की मांसपेशियों, ऊतकों और अन्य संरचनाओं पर दबाव डालती है। वहीं इसके अन्य शरीर और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नुकसानों की बात करें, तो 

  • -जबड़े का दर्द और जकड़न
  • -मसूड़ों में दर्द
  • -संवेदनशील, ढीले या टूटे हुए दांत
  • -जबड़े के जोड़ों पर क्लिक या पॉपिंग
  • -एक सुस्त सिरदर्द
  • -कान का दर्द आदि दांत पीसने के कारण महसूस हो सकता है।

अन्य प्रमुख लक्षणों में चिंता, अवसाद, खाने के विकार और अनिद्रा शामिल हैं। अगर दांत पीसने का शोर एक नींद वाले साथी को परेशान करता है, तो रिश्ते की समस्याएं विकसित हो सकती हैं।अत्यधिक ब्रुक्सिज्म दांतों की विशेष रूप से दाढ़ की सतहों को नुकसान पहुंचा सकता है। यह टेम्पोरोमैंडिबुलर संयुक्त (टीएमजे) सिंड्रोम का भी शिकार बना सकता है।

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इससे बचने का उपाय

  • -दांत पीसने से बचने के लिए पहले तो आपको तनाव लेना कम करना होगा।
  • -7 से 9 घंटे की पर्याप्त नींद लें।
  • -अपने गुस्से की आदत को कंट्रोल करने के लिए योग और ध्यान की मदद लें।
  • -सोते समय टीवी और मोबाइल को खुद से दूर रखें।
  • -चिंता, डिप्रेशन और अन्य मानसिक बीमारियों को कभी नजरअंदाज न करें।
  • -सोडा, चॉकलेट, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक लेना बंद करें।
  • -अपने डाउट में कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें।

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