Bleeding Eye Virus causes in Hindi: अभी तक दुनियाभर में कोरोना वायरस और एमपॉक्स का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है कि ऐसे में नए-नए वायरस दस्तक दे रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से दुनियाभर में मारबर्ग वायरस भी खतरे का सबब बना हुआ है। इसके चलते रवांडा में कई लोगों की मौत तक हो चुकी है। इसे आम भाषा में ब्लीडिंग आई वायरस के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस काफी खतरनाक और संक्रामक माना जा रहा है। अब तक सैकड़ों लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। यह अब तक कांगो, युगांडा और कीन्या समेत कई अन्य देशों में भी पैर पसार चुका है। इसके चलते प्रभावित देशों में जा रहे यात्रियों की को चेतावनी भी दी जा रही है। माना जाता है कि यह वायरस गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को जल्दी अपना शिकार बना रहा है। शार्प साइट आई हॉस्पिटल के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. समीर सूद से जानते हैं इसके बारे में।
क्या है ब्लीडिंग आई वायरस? (What is Bleeding Eye Virus)
ब्लीडिंग आई वायरस वास्तव में एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन है। आमतौर पर इस वायरस से पीड़ित होने के बाद 20 दिनों तक इसके लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यह वायरस या बीमारी मुख्य रूप से आंखों को नुकसान पहुंचाती है। इससे संक्रमित होने के बाद मरीज की आंखों के सफेद हिस्से में खून के थक्के जम जाते हैं। जिसके चलते आंखें लाल नजर आती हैं। इस वायरस को वैज्ञानी भाषा में हेमोरेजिक कंजक्टिवाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, शुरूआत से ही इलाज कराने पर इसे ठीक किया जा सकता है।
ब्लीडिंग आई वायरस के लक्षण (Bleeding Eye Virus Symptoms)
ब्लीडिंग आई वायरस होने पर चक्कर आने के साथ-साथ उल्टी-मतली की समस्या भी हो सकती है।
ऐसे में हल्का बुखार, मांसपेशियों में दर्द और डायरिया की समस्या हो सकती है।
ब्लीडिंग आई वायरस होने पर मसल क्रैंप्स, धुंधला दिखने और सिरदर्द जैसी समस्या बनी रह सकती है।
इसके साथ ही कई मामलों में आंखों में जलन और खुजली भी हो सकती है।
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ब्लीडिंग आई वायरस से बचने के तरीके (Bleeding Eye Virus Prevention)
- डॉ. अजय शर्मा के मुताबिक इस वायरस से बचने के लिए भी आपको काफी हद तक कोरोना वाले प्रोटोकॉल्स फॉलो करने हैं।
- इससे बचने के लिए कुछ भी छीने के बाद या किसी से हाथ मिलाने के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- ऐसे में मुंह और चेहरे को ढ़ककर रखें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।