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ब्लड कैंसर से जुड़ा हुआ है एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (AML), डॉक्टर से जानें इसके लक्षण

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. श्याम अग्रवाल का कहना है कि एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (AML) एक प्रकार का ब्लड कैंसर है, जो बोन मैरो में शुरू होता है।
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ब्लड कैंसर से जुड़ा हुआ है एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (AML), डॉक्टर से जानें इसके लक्षण

भारत समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में ब्लड कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जब ब्लड कैंसर की बात होती है तो अक्सर लोगों का ध्यान ल्यूकेमिया की ओर जाता है। ल्यूकेमिया, एक प्रकार का ब्लड कैंसर होता है जो ब्लड और बोन मैरो (अस्थि मज्जा) को प्रभावित करता है। इसमें कई प्रकार होते हैं, और इनमें से एक अत्यंत गंभीर प्रकार है एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (Acute Myeloid Leukemia - AML)।

एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया क्या है-

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. श्याम अग्रवाल का कहना है कि एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (AML) एक प्रकार का ब्लड कैंसर है, जो बोन मैरो में शुरू होता है। बोन मैरो में ही हमारे शरीर की ब्लड सेल्स बनती हैं। यह कैंसर होने पर शरीर में असामान्य माइलॉयड कोशिकाएं बहुत तेजी से बनती हैं और सामान्य ब्लड सेल्स की जगह ले लेती हैं। इससे शरीर में संक्रमण से लड़ने, ऑक्सीजन पहुंचाने और ब्लीडिंग रोकने की क्षमता कम हो जाती है। AML अचानक और तेजी से बढ़ता है, इसलिए इसे एक्यूट कहा जाता है।

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AML कितनी तेजी से फैलता है?

‘Acute’ शब्द इस बात की ओर इशारा करता है कि यह बीमारी अचानक शुरू होती है और बहुत तेजी से बढ़ती है। कुछ ही हफ्तों या दिनों में इसके लक्षण साफ नजर आने लगते हैं। इन लक्षणों को अगर शुरुआती दौर में नजरअंदाज कर दिया जाए, तो ये मरीज के लिए खतरनाक हो सकती है। एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया के गंभीर मामलों में शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

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AML के लक्षण - Symptoms of AML

डॉ. श्याम अग्रवाल के अनुसार किसी भी व्यक्ति में एएमल के शुरुआती लक्षण सामान्य कमजोरी या थकावट की तरह लग सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है, लक्षण गंभीर हो जाते हैं। एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया के सामान्य लक्षणों में शामिल हैः

लगातार शारीरिक थकान और कमजोरी

बार-बार बुखार आना

वजन कम होना

बिना किसी कारण भूख में कमी

शरीर पर नीले निशान होना

बिना चोट लगे ही खून बहना

मसूड़ों से खून आना

नाक से खून आना

रात में अत्यधिक पसीना आना

बार-बार संक्रमण होना

त्वचा का पीला पड़ना (एनीमिया के कारण)

हड्डियों या जोड़ों में दर्द

AML के कारण - Causes of AML

कैंसर के इस प्रकार का प्रमुख कारण क्या है, इसकी जानकारी हर किसी को नहीं होती है, लेकिन कुछ जोखिम कारक (Risk Factors) हैं जो इस कैंसर को बढ़ावा दे सकते हैं:

1. जेनेटिक म्यूटेशन (Gene Mutations): AML में DNA में होने वाले परिवर्तन असामान्य रक्त कोशिकाओं के निर्माण का कारण बनते हैं।

2. अनुवांशिक कारण: यदि परिवार में किसी को ल्यूकेमिया रहा हो तो इस प्रकार के कैंसर का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।

3. रेडिएशन एक्सपोजर: लंबे समय तक हाई रेडिएशन के एक्सपोजर में रहने से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है।

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Understanding A Silent Threat: How Acute Myeloid Leukaemia (AML) Is Different From Other Blood Cancers

किन लोगों को है एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया का खतरा

मुंबई के सनराइज ऑन्कोलॉजी सेंटर के वरिष्ठ सलाहकार ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. अशय कारपे ने बताया कि दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में वयस्कों में AML कैंसर के मामलों में चिंताजनक वृद्धि दर्ज की है। विशेष रूप से 30 और 40 की उम्र के युवा वयस्कों में इस घातक बीमारी के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं। डॉ. बताते हैं कि एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया ब्लड कैंसर के कुल मामलों में 10-15% मरीजों में पाया जाता है। भारत में इसकी घटनाएं प्रति लाख जनसंख्या पर 0.8 से 5 के बीच हैं।

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एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया से बचाव के तरीके

डॉ. बताते हैं कि एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया के खतरे को पूरी तरह से टाला नहीं जा सकता है। लेकिन कुछ आदतों को अपनाकर एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया के जोखिम को कम किया जा सकता है।

- रोजाना की जीवनशैली में धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें।

- जहां तक संभव हो केमिकल्स और रेडिएशन एक्सपोजर से बचाव करें।

- खाने में प्रोसेस्ड की बजाय घर का बना हुआ पौष्टिक आहार ही लें।

- अगर परिवार में कैंसर का इतिहास हो तो नियमित ब्लड टेस्ट कराएं।

- तनाव कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। तनाव को कम करने के लिए रोजाना 15 से 20 मिनट योग और मेडिटेशन करें।

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निष्कर्ष

एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (AML) एक गंभीर ब्लड कैंसर है। इसका जल्द पता चल जाए और समय पर इलाज शुरू हो जाए। आज की बदलती जीवनशैली और बढ़ते पर्यावरणीय खतरों को देखते हुए हमें ब्लड कैंसर के प्रति सतर्क रहना जरूरी है। यदि अगर आपके शरीर में कोई असामान्य लक्षण नजर आ रहा है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।

 

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