World Brain Tumour Day 2020: ब्रेन ट्यूमर क्‍या है? एक्‍सपर्ट से जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार

World Brain Tumour Day 2020: ब्रेन ट्यूमर को मतिष्‍क का कैंसर भी कहा जाता है। यह एक जानलेवा रोग है। इसके बारे में विस्‍तार जानने के लिए पढ़ें ये लेख।
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World Brain Tumour Day 2020: ब्रेन ट्यूमर क्‍या है? एक्‍सपर्ट से जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार


घातक बीमारी माना जाने वाला मस्तिष्क का ट्यूमर अब भी चिंता का मुद्दा बना हुआ है। इस चिंता का मुख्य कारण काफी हद तक इसके रोगियों के जीवित रहने की संभावना का कम होना है। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रेन ट्यूमर के बहुत कम मरीज लंबी जिंदगी जी पाते हैं। हालांकि समय-समय पर मेडिकल साइंस में इस संबंध में कई अभूतपूर्व प्रगति हुई हैं, जिनसे इस मर्ज का समय पर जल्द निदान करना और इसका सफलतापूर्वक इलाज करना आसान हो गया है। इस बारे में विस्‍तार से बता रहे हैं फरीदाबाद स्थित एशियन हॉ‍स्पिटल के न्‍यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. कमल वर्मा।

ब्रेन ट्यूमर क्या है

ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं का एक संग्रह या पिंड है। खोपड़ी(स्कल) के अंदर असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि समस्या पैदा कर सकती है। ब्रेन ट्यूमर कैंसरजन्य (मैलिग्नेंट) या कैंसर रहित (बिनाइन) हो सकता है। जब मैलिग्नेंट ट्यूमर बढ़ते हैं, तो वे आपकी खोपड़ी के अंदर दबाव बढ़ा सकते हैं, ये मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं और ये जीवन को खतरे में डाल सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर वयस्कों और बच्चों दोनों में हो सकता है।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

  • ब्रेन ट्यूमर के सबसे आम लक्षणों में से एक सिरदर्द का बढ़ना है। यह सिरदर्द सुबह के समय अधिक तेज होता है।
  • जी मिचलाना और उल्टी की समस्या हो सकती है।
  • हाथों और पैरों में कमजोरी महसूस होना।
  • शरीर का संतुलन साधने में दिक्कत।
  • देखने या सुनने में कठिनाई होना।

ऐसे चलता है मर्ज का पता

ब्रेन ट्यूमर के निदान के लिए सबसे पहले शारीरिक परीक्षण किया जाता है जिसके तहत तंत्रिका तंत्र का विस्तृत परीक्षण किया जाता है। आपके डॉक्टर यह देखने के लिए एक परीक्षण करते हैं कि आपके क्रैनियल नर्व सही हैं या नहीं। यही वे नर्व हैं जो आपके मस्तिष्क से उत्पन्न होती हैं। शारीरिक परीक्षण के बाद रोग का पता चलता है। सीटी स्कैन, एमआरआई, एंजियोग्राफी या सिर की बॉयोप्सी की जा सकती है।

बात उपचार की

ब्रेन ट्यूमर का इलाज सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी जैसे पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके किया जाता रहा है, लेकिन ओपन ब्रेन सर्जरी से मस्तिष्क में अंदरूनी रक्तस्राव, याद्दाश्त में कमी या संक्रमण जैसे कई खतरे भी सामने आते थे। यहां तक कि थोड़ी सी त्रुटि के भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं और स्थायी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

न्यूरोनेविगेशन से सर्जरी

इन दिनों डायग्नोसिस और इलाज के अत्याधुनिक तरीकों की बदौलत ब्रेन ट्यूमर को हटाना और रोगी के जीवन काल को बढ़ाना संभव हो चुका है। न्यूरोनेविगेशन तकनीक सर्जन को मस्तिष्क में ट्यूमर को हटाने में कहीं ज्यादा सक्षम बनाती है। यह तकनीक जीपीएस के समान है। यह एक कंप्यूटर आधारित प्रोग्राम है जो कंप्यूटर सिस्टम पर एमआरआई और सीटी स्कैन की छवियों को दर्ज करता है। एक बार जब सूचना को एक विशेष वर्क-स्टेशन में फीड कर दिया जाता है, तब सिस्टम एमआरआई छवियों के साथ-साथ ऑपरेटिंग रूम में रोगी के नाक और भौंह जैसे बाहरी क्षेत्रों के विकारों को पहचानने का काम करता है और आंकड़ों को दो सेट में मिलान करता है।

इस तकनीक से सर्जन्स को सटीक चीरा लगाने में मदद मिलती है, जिससे सिर से पूरी तरह से बाल हटाने की जरूरत नहीं पड़ती है। न्यूरोनेविगेशन का मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के दौरान धीरे-धीरे बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।

सही समय पर हो रोग का निदान  

सीनियर न्यूरो स्पेशलिस्ट डॉ. मनीष वैश के मुताबिक, कैंसरयुक्त ट्यूमर को उसके विकसित होने के तरीके के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा जाता है। जो ट्यूमर सीधे मस्तिष्क में विकसित होते हैं, उन्हें प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं और जो शरीर के दूसरे भाग से मस्तिष्क में फैल जाते हैं उन्हें सेकंडरी या मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर आम तौर पर युवाओं को ज्यादा प्रभावित करता है। अन्य ट्यूमर की तरह प्रत्येक स्टेज पर इसके अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलते हैं। इस मेलिग्नेंट ट्यूमर(कैंसर सेल्स से निर्मित) के मामले में रोगी का एडवांस कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जिकल तकनीकों की मदद से इलाज किया जाता है। इससे रोगी की तीन साल तक उम्र बढ़ सकती है।

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इसके अलावा बिनाइन ट्यूमर होते हैं, जो आमतौर पर बुजुर्गों में पाए जाते हैं और इसका इलाज ट्यूमर के आकार को देखकर किया जाता है। इसके इलाज में सर्जरी या फिर गामानाइफ का सहारा लिया जाता है। अगर रोगी के ब्रेन ट्यूमर का जल्द पता चल जाता है,तो दवाओं व आधुनिक थेरेपी जैसे माइक्रोसर्जरी, इमेज गाइडेड सर्जरी, एंडोस्कोपिक सर्जरी और रेडियोथेरेपी से भी बीमारी को ठीक करने की कोशिश की जाती है।

Inputs: डॉ. कमल वर्मा, न्यूरो सर्जरी विभाग, एशियन हॉ‍स्पिटल फरीदाबाद और सीनियर न्यूरो स्पेशलिस्ट डॉ. मनीष वैश।

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