What Happens in Sugar Disease in Hindi: डायबिटीज यानी मधुमेह (शुगर) आजकल की एक बेहद सामान्य समस्या बन गई है। आजकल अधिकतर लोग डायबिटीज के रोग का सामना कर रहे हैं। डायबिटीज के कई कारण होते हैं। जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज रोग होता है, तो इसका मतलब है कि उसके शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ गया है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर का स्तर बार-बार पेशाब आने, पसीना आने, तनाव, अनिद्रा जैसे लक्षणों को दिखा सकता है। लेकिन डायबिटीज होने पर व्यक्ति को कई बड़ी दिक्कतों से भी परेशान होना पड़ सकता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर शुगर में क्या क्या परेशानी होती है? (Sugar Mein Kya Pareshani Hoti Hai)
शुगर में क्या क्या परेशानी होती है?- What Happens in Sugar Disease in Hindi
किडनी की दिक्कत
डायबिटीज रोगियों को किडनी में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि खराब ब्लड शुगर का स्तर किडनी को भी प्रभावित कर सकता है। डायबिटीज किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी वजह से किडनी द्वारा रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को छानने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। यानी इस स्थिति में किडनी सही तरीके से काम नहीं कर पाती हैं। डायबिटीज से हुई किडनी की बीमारी को डायबिटिक नेफ्रोपैथी के रूप में जाना जाता है।
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सेंट्रल नर्वस सिस्टम
डायबिटीज सेंट्रल नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है। डायबिटीज नसों को नुकसान पहुंचा सकता है। इस स्थिति में आप चोट के प्रति अधिक संवेदनशील बन सकते हैं। डायबिटीज से आपको आंखों में सूजन हो सकती है। साथ ही रक्त वाहिकाओं को भी नुकसान पहुंच सकता है। डायबिटीज होने पर नसों में जलन या दर्द का अनुभव हो सकता है। यानी डायबिटीज में नसों से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं।
आंखों से जुड़ी परेशानी
डायबिटीज आंखों को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। डायबिटीज होने पर आपको आंखों में सूजन हो सकती है। जब डायबिटीज की वजह से आंखों में कोई दिक्कत होती है, तो इसे डायबिटिक रेटिनोपैधी कहा जाता है। डायबिटीज आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। डायबिटीज की वजह से आपको मोतियाबिंद या धुंधली दृष्टि का सामना करना पड़ता है।
बार-बार इंफेक्शन होना
डायबिटीज में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इसकी वजह से डायबिटीज में लोगों को इंफेक्शन का सामना करना पड़ता है। डायबिटीज रोगियों में नर्वस सिस्टम कमजोर हो जाता है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होता है। जब डायबिटीज रोगियों में रक्त और ऊतकों में शुगर का स्तर अधिक हो जाता है, तो संक्रमण तेजी से फैल सकता है। डायबिटीज रोगियों को कान, नाक, गला, किडनी और मूत्राशय का संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है।
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घाव भरने में देरी
डायबिटीज रोगियों में घाव भरना काफी मुश्किल हो जाता है। डायबिटीज रोगियों को थोड़ा सा खरोंच लगने के बाद भी त्वचा को ठीक होने में लंबा समय लग सकता है। दरअसल, डायबिटीज में नसों को नुकसान पहुंच जाता है। इसकी वजह से रक्त का प्रवाह खराब हो जाता है और व्यक्ति के घाव देरी से ठीक होते हैं। डायबिटीज रोगियों को पैर के अल्सर का भी सामना करना पड़ सकता है।