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डिलीवरी के 6 महीने बाद तक महिलाओं को नहीं करनी चाहिए इन 5 तरह की एक्सरसाइज, जानें कारण

प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को अपने सेहत और फीटनेस का खास ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान महिलाओं को अपने रूटीन में कुछ ऐसे एक्सरसाइज को शामिल करने से बचना चाहिए।
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डिलीवरी के 6 महीने बाद तक महिलाओं को नहीं करनी चाहिए इन 5 तरह की एक्सरसाइज, जानें कारण

What Exercises Should Avoid in 6 Months Postpartum in Hindi: डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर को रिकवरी में समय लगता है। प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में कई महिलाएं खुद को फिट रखने के लिए पोस्टमार्टम के बाद एक्सरसाइज करना शुरू कर देती हैं। एक्सरसाइज करने से न सिर्फ महिलाओं का शरीर फिट रहता है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ने से रोका जा सकता है। लेकिन, कुछ एक्सरसाइज ऐसी भी होती है, जो आपके शरीर पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, महिलाओं को पोस्टमार्टम पीरिडय के दौरान कुछ एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए। ऐसे में आइए दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन से जानते हैं कि जन्म देने के बाद आपको किन व्यायामों से बचना चाहिए?

प्रेग्नेंसी के बाद किन एक्सरसाइज से बचना चाहिए? - What Exercises Should Be Avoided After Pregnancy in Hindi?

1. क्रंचेस

क्रंचेस एक कोर एक्सरसाइज है, लेकिन यह न्यू मॉम के लिए सही नहीं माना जाता है। प्रेग्नेंसी के बाद, कई महिलाओं को डायस्टेसिस रेक्टी की समस्या होती है। ऐसे में बहुत जल्दी क्रंचेस करने से पेट की परत पर दबाव पड़ सकता है, जिससे आपकी समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है। इसके अलावा, क्रंचेस उन महिलाओं के शरीर के उन मांसपेशियों को मजबूत नहीं करते हैं, जिन्हें डिलीवरी के बाद फिर से बनाने की जरूरत होती है।

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2. साइकिल क्रंचेस

साइकिल क्रंचेस में पैरों को एक-एक करके घुमाते हुए धड़ को मोड़ना शामिल है। यह एक्सरसाइज पेट और पेल्विक की मांसपेशियों पर बहुत ज्यादा तनाव डालता है। यह एक्सरसाइज डायस्टेसिस रेक्टी को बढ़ा सकता है, क्योंकि इसमें शरीर को इस तरह से मोड़ना पड़ता है, जिससे कमजोर कोर पर ज्यादा दबाव पड़ता है। इसके अलावा, साइकिल क्रंचेस पेल्विक फ्लोर पर दबाव डालता है, जो डिलीवरी के बाद रिकवर हो रही होती है।

3. रिवर्स क्रंचेस

रिवर्स क्रंचेस निचले पेट की मांसपेशियों को टारगेट करते हैं, जिसमें लक्षित करते हैं और इसमें हिप्स को फर्श से ऊपर उठाना शामिल होता है। क्रंच की तरह, रिवर्स क्रंच पेट की मांसपेशियों और पेल्विक फ्लोर पर ज्यादा दबाव डाल सकते हैं। क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद पेट का निचला हिस्सा और पेल्विक एरिया कमजोर होता है, इसलिए ये एक्सरसाइज आपके डायस्टेसिस रेक्टी और पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन जैसी समस्याओं को बढ़ा सकती हैं।

4. सिट-अप

सिट-अप एक एक्सरसाइज है, जो डिलीवरी के बाद महिलाओं के सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। क्रंच की तरह, सिट-अप भी महिलाओं के पेट की मांसपेशियों और पेल्विक फ्लोर दोनों पर काफी दबाव डालते हैं। इसलिए, अगर आपको डायस्टेसिस रेक्टी की समस्या है, तो सिट-अप एक्सरसाइज आपकी समस्या को खराब कर सकता है। इसके अलावा, सिट-अप करने से रीढ़ की हड्डी को मोड़ना पड़ता है, जो आपके शरीर की रिकवरी को कमजोर कर सकता है।

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5. बोट पोज

पोस्टपार्टम रिकवरी के लिए अक्सर महिलाओं को योग की सलाह दी जाती है, लेकिन डिलीवरी के बाद शुरुआती महीनों में महिलाओं को कुछ आसनों से बचना चाहिए, जिसमें बोट पोज भी शामिल है। यह एक्सरसाइज पैरों और शरीर को वी-शेप में उठाते हुए आपकी सिट बोन पर संतुलन बनाने की जरुरत होती है, इसके लिए कोर ताकत की जरूरत होती है। बच्चे के जन्म के बाद, आपका कोर अभी भी कमजोर होता है, और इस मुद्रा के कारण पेल्विक फ्लोर पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है।

निष्कर्ष

पोस्टपार्टम के पहले 6 महीने रिकवरी को प्राथमिकता दी जाती है, जो धीरे-धीरे शरीर की ताकत को बढ़ने में समय लगता है। ऐसे में कुछ एक्सरसाइज आपके शरीर पर ज्यादा तनाव डाल सकता है, जिससे आपको रिकवरी में ज्यादा समय लग सकता है, या स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए, आप इन एक्सरसाइजों को करने से बचें और इनके स्थान पर हल्के और शरीर को आराम मिलने वाले व्यायाम चुनें।

Image Credit: Freepik 

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