
वजन बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। फिर चाहे वो शरीर के ऊपरी हिस्से का वजन हो अथवा निचले हिस्से का। वजन असंतुलित होने के पीछे प्राथमिक कारण अनुवांशिक होता है। वजन बढ़ने को अगर समय रहते नियंत्रित न किया जाए, तो यह समस्या आगे चलकर मोटापे का रूप ले लेता है और ऐसे में आपको कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। बचपन की कुछ आदतें आगे चलकर आपको मोटा बना सकती हैं, जैसे हमेशा कुछ न कुछ खाते रहना या पेट भरा होने के बाद भी प्लेट साफ करने के नाम पर सब चट कर जाना।
हार्मोंस में बदलाव, आहार, व्यायाम के स्तर में कमी और उम्र इन सब का सम्मिलित प्रभाव हमारे वजन पर पड़ता है। हालांकि वजन बढ़ने के कुछ ऐसे कारण हैं, जो आपके नियंत्रण से बाहर हैं, लेकिन बावजूद कई ऐसे कारण हैं जिनके कारण जांघों और पिंडलियों पर अतिरिक्त वसा एकत्रित हो जाती है।

हॉर्मोंस और अन्य कारण
वजन बढ़ने के पीछे एक कारण हार्मोंस के स्तर में बदलाव हो सकता है। इसके साथ ही शारीरिक बदलाव जैसे यौवनावस्था और मेनोपॉज के दौरान भी वजन पर असर पड़ता है। इसके अलावा अन्य कई ऐसे कारण हैं, जो वजन बढ़ने के पीछे उत्तरदायी हो सकते हैं। व्यायाम की कमी और कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव का असर भी इनसान के वजन पर पड़ता है। यह साबित हो चुका है कि सही आहार और व्यायाम इन नकारात्मक प्रभावों को कम करने और हॉर्मोंस बदलाव के असर को आसान बना देते हैं।
कॉर्डियोवस्कुलर व्यायाम जैसे पैदल चलना, दौड़ना और रोइंग से हृदय गति बढ़ जाती है और हम अतिरिक्त कैलोरी बर्न करते हैं। सप्ताह में कम से कम 150 से 200 मिनट तक का व्यायाम जरूरी माना जाता है। हालांकि वजन कम करने के लिए आपको इससे अधिक समय तक व्यायाम करना चाहिए।
उम्र का असर
उम्र के आधे पड़ाव पर पहुंचते ही कई व्यस्क वजन बढ़ने की शिकायत करने लगते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ आपके कैलोरी बर्न करने की गति कम हो जाती है। साथ ही आपका मेटाबॉलिज्म भी धीमा पड़ जाता है। आपको इस बात का अहसास होता है कि आपकी रोजमर्रा की डायट और एक्सरसाइज वजन काबू रखने के लिए काफी नहीं है। जाहिर सी बात है कि अगर आप अधिक कैलोरी का उपभोग कर रहे हैं और उसके मुकाबले कम कैलोरी का सेवन कर रहे हैं, तो इससे आपको वजन बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
आपको अपनी आहार-योजना पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। अपने रोजमर्रा के खाने में से आपको गैरजरूरी कॉर्बोहाइड्रेट हटा देना चाहिए और उसकी जगह लीन प्रोटीन को शामिल करना चाहिए। इसके लिए आप किसी आहार विशेषज्ञ की सहायता भी ले सकते हैं। इसके साथ ही इंटरवल ट्रेनिंग के जरिये आप अपने वजन को काबू में रख सकते हैं। अगर आप तीस मिनट में 4 से 5 किलोमीटर तक चलने का लक्ष्य बनाइए। सप्ताह में दो से तीन बार ऐसा जरूर कीजिए। इससे आपको जांघों और पिंडलियों पर जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने का मौका मिलेगा।

व्यायाम न करना
संभव है कि चोट अथवा किसी अन्य चिकित्सीय कारण से आप व्यायाम न कर पा रहे हों। यह भी संभव है कि आप अवसाद से जूझ रहे हों और आपको एक्सरसाइज करने के लिए स्वयं को प्रेरित न कर पा रहे हों। अपर्याप्त नींद अथवा सही से न सो पाने के कारण भी ऊर्जा का स्तर कम रहता है, जिसके कारण व्यक्ति के लिए एक्सरसाइज कर पाना मुश्किल हो जाता है। ये सब कारण आपको उचित आहार और व्यायाम से दूर रख सकते हैं, जिसके कारण आपका वजन अनावश्यक रूप से बढ़ सकता है। किसी विशेषज्ञ की मदद से आप इन सब मसलों का सामना कर सकते हैं और आपका जीवन एक बार फिर पटरी पर लौट सकता है। ऐसे भी व्यायाम किये जा सकते हैं जो आपकी चोट पर अधिक दबाव डाले बिना भी आपको लाभ पहुंचा सकते हैं। आप किसी ऐसे व्यक्ति से भी बात कर सकते हैं, जो आपकी समस्याओं को अच्छी तरह समझकर आपको सही रास्ता दिखा सके।
कुछ जीन्स
आपका वजन कैसा रहेगा यह काफी हद तक आपके जीन्स पर निर्भर करता है। आपके शरीर के किस हिस्से में वजन अधिक होगा यह भी काफी हद तक आपके जीन्स ही तय करते हैं। अगर आपके जीन्स इस तरह के हैं कि आपके शरीर में जांघों और पिंडलियों पर वसा एकत्रित हो, तो वह वहीं होगी। जीन्स ही आपकी पाचन क्रिया, विटामिन की कमी और थायराइड ग्रंथि की क्रियाप्रणाली तय करते हैं, और इसी का असर आपके वजन पर पड़ता है। अगर थायराइड ग्रंथि सही प्रकार से काम न करे, तो इसके कारण भी वजन ज्यादा होने लगता है। अनियमित पाचन क्रिया भी वजन बढ़ने का एक उपाय हो सकता है। अगर वजन कम करने के आपके सभी प्रयास नाकाफी साबित हो चुके हैं, तो आप डॉक्टर से संपर्क कर जांच करवा सकते हैं, ताकि इसके कारणों का पता चल सके।
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