स्वास्थ्य का सीधा संबंध खानपान से है। संतुलित आहार सिर्फ व्यस्कों के लिए ही आवश्यक नहीं है, बल्कि यह बच्चों के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन जंक फूड के इस युग में बच्चों का ज्यादा झुकाव पिज्जा, बर्गर और बाहर के खाने की ओर ही होता है। ऐसे में उन्हें अगर घर का बना हेल्दी फूड खाने के लिए कहा जाए या फिर हरी सब्जियां खाने के लिए दी जाएं, तो वे किसी न किसी बहाने से उससे दूरी बनाते हैं। इस स्थिति में बच्चों को डांटने-फटकारने के स्थान पर थोड़ा धैर्य और समझ से काम लेना बेहद जरूरी है।
जंक फूड और बच्चों का कुछ ऐसा नाता है, जैसे कि पानी और मछली। जिस तरह पानी के बिना मछली जीवित नहीं रह सकती। ठीक उसी तरह, आजकल के ज्यादातर बच्चों को जंक फूड से दूर रख पाना लगभग नामुमकिन ही है। अमूमन देखने में आता है कि माता-पिता बच्चों को जंक फूड खाने से रोकने के लिए उन्हें डांटते हैं या फिर उन पर चिल्लाते हैं। लेकिन ऐसा करने से जंक फूड को बच्चों से दूर रख पाना अधिक दिन तक संभव नहीं है। ऐसे में यह टिप्स आपके बेहद काम आएंगे-
बदलें अपनी आदत
चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट रेनु गोयल कहती हैं कि बदलाव की शुरूआत स्वयं से होती है। जंक फूड के संदर्भ में भी यह कथन बिल्कुल सत्य है। अगर आप बच्चों की जंक फूड की आदत को छुड़वाना चाहते हैं, तो पहले अभिभावकों को जंक फूड और बाहर के खाने का मोह छोड़ना होगा। अक्सर माता-पिता खुद तो बाहर का खाना खाते हैं, लेकिन बच्चों को हेल्दी फूड खाने के लिए कहते हैं। ऐसे में बच्चा बिल्कुल भी उनकी बात नहीं मानता और फिर घर में विपरीत परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं। अभिभावकों को एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि बच्चों के लिए पहले रोल मॉडल उनके माता-पिता ही होते हैं और अमूमन बच्चे बड़ों की ही नकल करते हैं। इसलिए अगर आप हेल्दी फूड खाएंगे तो बच्चा भी वही भोजन करेगा।
बताएं फायदे
बच्चों को महज भोजन देने से उन्हें हेल्दी फूड नहीं खिलाया जा सकता। यह बेहद आवश्यक है कि पहले बच्चों को उस भोजन के फायदों के बारे में डीटेल से बताएं। मसलन, अगर आप बच्चे को अंडा या दाल खाने के लिए दे रही हैं तो उन्हें यह कहने की बजाय कि यह हेल्दी है। आप उन्हें कहें कि इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है, जिससे उनकी मसल्स बिल्डअप होंगी और वह अधिक ताकतवर बनेंगे। इस तरह बच्चे हेल्दी फूड खाना अधिक पसंद करने लगेंगे।
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गेम्स व एजुकेशनल वीडियो
वैसे बच्चों को समझाने के लिए इंटरनेट का सहारा लिया जा सकता है। आपको इंटरनेट पर ऐसी कई वीडियो मिल जाएंगी जो जंक फूड खाने से शरीर पर होने वाले विपरीत प्रभावों के बारे में बताती हैं। आप बच्चों को वह दिखाएं। इसके अतिरिक्त ऐसे भी कई गेम्स हैं, जो जंकफूड के नुकसान पर ही आधारित है। इन गेम्स में जब व्यक्ति जंक फूड खाता है तो कमजोर होता चला जाता है और बाद में हरी सब्जी खाने से उसमें ताकत आती है। इस तरह की वीडियो व गेम्स उनके मन में हेल्दी फूड के प्रति प्रेमभाव पैदा करती हैं।
सेट करें टाइमटेबल
यह सच है कि जंक फूड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित भी नहीं करना चाहिए। आप अपने घर का एक टाइमटेबल सेट करें। जिसमें आप पंद्रह दिन में एक बार बच्चे को जंकफूड खाने दें। इससे बच्चों का जंक फूड खाना सीमित होगा। हालांकि आप यह भी सुनिश्चित करें कि बच्चे व घर के अन्य सदस्य इस टाइमटेबल को फॉलो करें।
थोड़ी सख्ती भी जरूरी
डॉ. रेनू कहती है कि बहुत से घरों में देखने में आता है कि बच्चे हर दूसरे दिन जंक फूड खाने की जिद करते हैं और जब अभिभावक उन्हें मना करते हैं तो घर के अन्य सदस्य बच्चों का सपोर्ट सिस्टम बनकर सामने आते हैं। जिससे बच्चों की गलत आदतों को बढ़ावा मिलता है। इसलिए इस मामले में बच्चों के साथ थोड़ी सख्ती बरतनी जरूरी है। आप घर के अन्य सदस्यों को भी अपने टाइमटेबल से अवगत करा दें और बच्चे की गलत डिमांड को बिल्कुल भी बढ़ावा न दें।
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करें प्रोत्साहित
जब कोई कार्य करने पर बच्चे को रिवॉर्ड मिलता है तो वह प्रोत्साहित होता है और फिर वह मन लगाकर अपना काम करता है। ठीक इसी तरह, अगर आपने महीने में दो बार ही जंक फूड खाने का तय किया था और बच्चा वैसा ही करता है तो आप उसे इनाम के रूप में कोई उपहार दे सकते हैं या फिर इसे एक टास्क की तरह लें और महीने के अंत में बच्चे की कॉपी में उसे स्टार्स दें। इस तरह बच्चा ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां खाने की कोशिश करता है।
रंग-रूप में बदलाव
बच्चों को जंक फूड से दूर करने और हेल्दी फूड की तरफ आकर्षित करने का यह भी एक आसान व मजेदार उपाय है। आप सब्जी का रंग-रूप बदलने की कोशिश करें। हालांकि इस दौरान बच्चे की आदतों और पसंद का भी ख्याल रखें। मसलन, अगर बच्चा बेहद चंचल है और एक जगह बैठकर भोजन खत्म नहीं करता तो आप उसके लिए आटे और सब्जियों की मदद से वेज रोल बना सकती है। वहीं अगर बच्चे को किसी खास तरह के कार्टून पसंद है तो आप उसी शेप के मोल्डस बाजार से जाकर लाएं और खाने को उस मोल्ड में बनाने की मदद करें। जब बच्चा अपनी प्लेट में कार्टून कैरेक्टर देखेगा तो खुद ही उसे खाने के लिए लालायित होगा।
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