
गर्मी का मौसम छोटे बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। तेज धूप में स्कूल जाना या स्कूल से लौटना, घर के बाहर खेलना और यात्रा करना बच्चों की सेहत के लिए ठीक नहीं है। बच्चों की त्वचा कोमल होती है और बढ़ते-घटते तापमान का असर भी बच्चों पर बहुत जल्दी पड़ता है। ऐसे में अगर आपके बच्चे गर्मी में धूप में बाहर जाते हैं, तो उन्हें डिहाइड्रेशन, सनबर्न, फूड प्वायजनिंग जैसी कई बीमारियों का खतरा रहता है। बच्चों के स्वास्थ्य को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इसलिए गर्मी के मौसम में बच्चों को घर से बाहर भेजते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बच्चों को पानी की बॉटल जरूर दें
आपका बच्चा घर से स्कूल जाए, पिकनिक पर जाए, दोस्तों के साथ खेलने जाए या ट्रैवेल करने जाए, उसे अपने साथ ले जाने के लिए पानी की बोतल जरूर दें। बच्चे अक्सर वजन कम करने के लिए पानी की बोतल ले जाना नहीं पसंद करते हैं। मगर आपको बता दें कि तेज गर्मी में शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने के लिए बहुत ज्यादा पानी की जरूरत होती है। गर्मी में पसीना भी बहुत निकलता है। इसलिए अगर बच्चा पर्याप्त पानी नहीं पीता है, तो उसे डिहाइड्रेशन हो सकता है। बच्चों को समझाएं कि स्कूल से घर आते समय भी वो अपनी पानी की बोतल भर लिया करें और रास्ते में हर 10-15 मिनट में 2 घूंट पानी पीते रहें।
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नींबू पानी और फ्रूट जूस
पानी के अलावा गर्मी के मौसम में बच्चों को लिक्विड डाइट ज्यादा दें। इसके लिए आप उसे सॉलिड खाना थोड़ा कम देकर फ्रूट जूस, नारियल पानी, शर्बत, छाछ आदि दे सकती हैं। बच्चे की पानी की बोतल में सादे पानी की जगह नींबू पानी भरें। इससे बच्चे को पानी पीने में भी अच्छा लगेगा और नींबू शरीर को लंबे समय तक हाइड्रेट रखता है।
दोपहर में बच्चों को बाहर न निकलने दें
तेज गर्मी में घूमने या खेलने से बच्चों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। ऐसे में बच्चों को दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच घर से बाहर या छत पर न निकलने दें। इस दौरान बच्चों को घर के अंदर रहने की सलाह दें। अगर बच्चों की छुट्टी है, तो दोपहर में उन्हें इनडोर गेम्स (घर के अंदर खेले जाने वाले खेल) खेलने, किताबें पढ़ने, स्कूल होमवर्क पूरा करने और छुट्टियों के असाइनमेंट और प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए कहें। बच्चों की इन कामों में मदद करें।
लाइट कलर के कपड़े पहनाएं
गर्मी के मौसम में बच्चों को चटख (गहरे) रंग के कपड़े नहीं पहनाने चाहिए। दरअसल गहरे रंग के कपड़े गर्मी को ज्यादा अवशोषित करते हैं। इस मौसम में बच्चों की स्कूल ड्रेस और कैजुअल ड्रेस चुनते समय हल्के रंग (लाइट कलर) के कपड़े चुनें। इन कपड़ों में गर्मी कम लगती है, जिससे बच्चे का शरीर अपेक्षाकृत ठंडा रहता है। इसके अलावा बच्चों को कॉटन की बनियान जरूर पहनाएं। ये पसीने को सोखती है और शरीर को ठंडा रखती है।
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बच्चों को धूप से बचाने के लिए अपनाएं ये उपाय
बच्चे हों या बड़े, धूप में घर से बाहर निकलते समय त्वचा पर सनस्क्रीन जरूर लगाना चाहिए। छोटे बच्चों के लिए ऐसा सनस्क्रीन या डे क्रीम चुनें, जिसमें पैराबिन्स, सल्फेट और एल्कोहल न हो। गर्मी के मौसम में कम से कम 20-25 SPF का सनस्क्रीन इस्तेमाल करना ठीक रहता है। सनस्क्रीन त्वचा को धूप की हानिकारक किरणों से होने वाले नुकसान से बचाता है। इसके अलावा बच्चों को धूप से बचाने के लिए उन्हें चौड़ी टोपी पहनाएं। टोपी चुनते समय ध्यान रखें कि टोपी कपड़े की बनी हो। प्लास्टिक मैटीरियल्स से बनी टोपियां सिर में रक्त संचार को बाधित करती हैं। अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है और अकेले सफर करता है, तो उसे छोटा सा छाता दें, जिसका इस्तेमाल वो धूप में पैदल चलने के दौरान कर सकता है।
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बच्चों का टिफिन पैक करते समय दें ध्यान
बच्चों का टिफिन पैक करते समय उसे कभी भी बासी या रात का बचा हुआ खाना न दें। गर्मी के मौसम में तापमान ज्यादा होने के कारण बासी खाना जल्दी खराब हो जाता है। किसी भी स्थिति में 5-6 घंटे से ज्यादा समय का बना हुआ खाना बच्चों को न खिलाएं। बच्चों के टिफिन में हल्की चीजें रखें जैसे- सैंडविच, पास्ता, सब्जी, रोटी, पराठा, खिचड़ी, फ्रूट्स आदि। इस मौसम में बच्चों को बहुत अधिक मसालेदार और भारी चीजें, जैसे- छोले, बीन्स, मैदे से बनी चीजें, चाउमीन, बर्गर आदि न दें। ये फूड्स आसानी से नहीं पचते हैं। बच्चों की पाचन क्षमता बड़ों से कम होती है। ऐसे में बच्चे गर्मी के मौसम में फूड प्वायजनिंग का शिकार जल्दी हो सकते हैं।
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