बच्चे हमेशा अपने अपने आसपास के लोगों से सीखते हैं। कई बार आस-पड़ोस, स्कूल और कोचिंग में वे कुछ ऐसी बातें भी सीख जाते हैं, जो उन्हें नहीं सीखनी चाहिए। मां-बाप अगर अपने कामों में व्यस्त रहते हैं और बच्चों पर ध्यान नहीं देते हैं, तो बच्चों के बिगड़ने का खतरा ज्यादा होता है। ध्यान न देने पर बच्चों में लड़ने-झगड़ने, चिढ़ाने और मार-पीट करने जैसी गलत आदतें शामिल हो जाती हैं। अगर मां-बाप शुरुआत में ही इन आदतों पर ध्यान दें, तो बच्चों को बिगड़ने से बचाया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं क्या हैं बच्चों के बिगड़ने के संकेत।
अभद्र भाषा का प्रयोग
अगर आपका बच्चा घर में अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहा है, तो समझ लें कि उसकी संगत गलत बच्चों के साथ है। कई बार बच्चे घर से भी गाली-गलौज और गंदी जबान सीखते हैं। इसलिए घर का माहौल अच्छा रखें। अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर बच्चों को तुरंत टोकना चाहिए। अपने बच्चे को ऐसे बच्चों और ऐसे माहौल से दूर रखें, जहां वो गलत बातें सीखें।
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मार-पीट करना
अगर बच्चे घर या पड़ोस में दूसरे बच्चों से मार-पीट करते हैं, तो ये भी बच्चों के बिगड़ने का संकेत है। मार-पीट करने की आदत और हिम्मत अक्सर बच्चों में अपने दोस्तों, घर-परिवार के लोगों या टीवी प्रोग्राम्स और फिल्में देखकर ही आती है। ध्यान दें कि मार-पीट करने पर बच्चों को मारें नहीं, बल्कि उन्हें समझाएं। कई बार बच्चे अटेंशन डेफिसिट हाइपर डिस्ऑर्डर का शिकार होते हैं। इस कारण भी उनमें लड़ने-झगड़ने की प्रवृत्ति हावी होती है।
दूसरों को चिढ़ाना
बच्चों को अक्सर दूसरे बच्चों को चिढ़ाने में मजा आता है। मगर ये गलत आदत है। ये आदत भी बच्चे ज्यादातर पास-पड़ोस के बच्चों और स्कूल के दोस्तों से सीखते हैं। अगर आपके बच्चे में भी ये आदत है, तो उसे प्यार से समझाएं और बताएं कि किसी को मुंह चिढ़ाना अच्छी बात नहीं है।
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पैसे चोरी करना
वैसे तो मां-बाप अपने बच्चे की हर संभव जरूरतें पूरी करते हैं। मगर फिर भी बच्चों का मन चंचल होता है। ऐसे में कई बार अपनी मनपसंद चीज खरीदने के लिए उसे पैसे नहीं मिलते हैं, तो वो घर से पैसे चोरी करता है। चोरी करना बच्चे अक्सर दूसरे बच्चों से ही सीखते हैं। इसलिए अगर आपका बच्चा पैसों या सामान की चोरी करता है, तो उसके दोस्तों और संगति पर ध्यान दें।
जिद करना
आमतौर पर सभी बच्चे थोड़े जिद्दी होते हैं। मगर यदि आपका बच्चा किसी चीज के लिए जिद करते हुए खाना-पीना छोड़ दे, घंटों रोता रहे या खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकियां दे, तो ये उसके बिगड़ने का संकेत है। ऐसे बच्चों को सख्ती से समझाएं। हर बार बच्चों की जिद पूरी करना भी मां-बाप की एक बड़ी गलती होती है। इससे बच्चों में जिद करने की प्रवृत्ति बढ़ती है।
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