
' सॉरी' यूं तो महस एक छोटा सा शब्द है लेकिन इसे कहने में बड़ों-बड़ों को पसीने आ जाते हैं। क्या सच में गलती मानना और उसे स्वीकर करना इतना मुश्किल होता है। शायद नहीं लेकिन हमारा अहम या ईगो इसे मुश्किल बना देता है।
गलती मानने और इसे स्वीकार करना किसी कला से कम नहीं। हो सकता है कि आपको अपनी गलती का एहसास लेकिन अगर आपका माफी मांगने का तरीका सही नहीं होगा तो आपकी माफी का कोई मतलब नहीं रह जाता है। आइए जानें 
गलती का एहसास होना जरूरी
माफी मांगने के लिए सबसे पहले जरूरी है अपनी गलती का एहसास होना। माफी मांगने का सबसे आसान तरीका है ‘सॉरी’ बोल देना, लेकिन जब तक आप अपनी गलती को नहीं मानेगें और पहले खुद को माफ नहीं करेंगे तब तक सामने वाले के लिए आपको माफ करना मुश्किल हो जाएगा।
इधर-उधर की बात न करें
अपनी गलती की माफी मांगने के लिए गोल-मोल शब्दों या इधर-उधर की बातों का इस्तेमाल कम ही करें तो बेहतर होगा। इससे सामने वाले को आपकी माफी मांगने की भावनाएं दिखाई नहीं देंगी। इसलिए अच्छा यही होगा कि सीधे व साफ शब्दों में अपनी गलती को स्वीकारें और उसके लिए माफी मांगे।
माफी को आरोप में ना बदलें
ध्यान रहे अपनी माफी को आरोप में ना बदलें। ऐसा कई बार होता है जब आप माफी मांगते हैं तो साथ यह कहना नहीं भूलते हैं कि आपने ऐसा क्यों कहा या किया। जैसे ''मैनें जो कहा उसके लिए सॉरी लेकिन इसकी शुरुआत तुमने ही पहले की थी। तभी मैनें ऐसा कहा''। इस तरह की बातें माफी से ज्यादा आरोप लगाने की ओर इशारा करती हैं।
सामने वाले की बात सुनें
जब आप माफी मांग रहें तो जरूरी है कि आप दूसरे की प्रतिक्रिया को ध्यान से सुनें, उसकी बातों को बीच में नहीं काटें। हो सकता है कि अपकी गलती की वजह से वह काफी दुखी हुआ हो। अपनी बातों के जरिए वो अपने अंदर के दर्द व गुस्से को बाहर निकाल पाएगा और आपको उससे माफी मांगने में आसानी हो सकती है
गलती को स्वीकार करें
अगर आपने कोई गलती की है तो उसे मानने में कोई बुराई नहीं है। अक्सर, लोग अपने दोष का स्वीकार करने में सक्षम नहीं होते हैं जिससे उनकी माफी दिखावा या अविश्वसनिय लगती हैं। अपनी गलती से सबक लें और सामने वाले को आश्वस्त करें कि आप भविष्य में ऐसी गलती कभी नहीं करेंगे। इसके अलावा सामने वाले को निर्णय लेने की स्वतंत्रता दें और उसके निर्णय का सम्मान करे। आपने माफी मांगकर अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है।
झूठ का सहारा ना लें
आप जिससे माफी मांग रहें हैं उसे सही रुप से बताएं कि आप क्यों अपनी गलती मान रहे हैं। इससे उन्हें आपको माफ करने में मुश्किल नहीं होगी। एक कहानी बुनना या अपने झूठ का औचित्य साबित करने की कोशिश करने से अंत में आप आपका आखिरी मौका भी गवां सकते हैं।
अपनी गलती मानने में कोई बुराई नहीं बल्कि इससे सामने वाले की नजरों में आपकी इज्जत और बढ़ जाती है।
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