क्या एक्स्ट्रोवर्ट लोग जोखिम उठाना पसंद करते हैं?

व्यक्तित्व दो तरह का होता है, इंट्रोवर्ट और एक्स्ट्रोवर्ट, एक्स्ट्रोवर्ट व्यक्ति लोगों के बीच अपनी बात रखने में आगे होते हैं और वे अपनी ब्रांडिंग करने में भी पीछे नहीं रहते हैं। उनकी इच्छाएं आस-पास के माहौल से जुड़ी होती हैं।
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क्या एक्स्ट्रोवर्ट लोग जोखिम उठाना पसंद करते हैं?

जो लोग स्वभाव से ज्यादा एक्‍स्‍ट्रोवर्ट और भावनात्मक तौर पर स्थिर होते हैं, वे अपनी बाद की जिंदगी में उन लोगों की तुलना में ज्यादा खुश रहते हैं, जो कि इंट्रोवर्ट या भावनात्मक तौर पर अस्थिर होते हैं। ऐसा हम नहीं साउथएम्पटन विश्वविद्यालय के मेडिकल रिसर्च काउंसिल के डॉक्टर कैथरीन गेल और एडिनबर्ग विश्वविद्यालय व यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक दल ने किये अपने शोध में कही थी। कुछ लोग मानते हैं एक्स्ट्रोवर्ट लोग जीवन में अधिक जोखिम लेते हैं। खैर यह एक बड़ा विषय है और अलग-अलग लोगों के स्वभाव पर भी निर्भर करता है। चलिये जानने की कोशिश करते हैं कि एक्स्ट्रोवर्ट लोग कौंन होते हैं और वे जीवन को किस तरह जीना पसंद करते हैं।

Extrovert people in Hindi

 

क्या वाकई एक्स्ट्रोवर्ट लेते हैं अधिक जोखिम  

दरअसल व्यक्तित्व दो तरह का होता है, इंट्रोवर्ट और एक्स्ट्रोवर्ट। एक्स्ट्रोवर्ट लोगों के बीच अपनी बात रखने में आगे होते हैं। वे पर्सनल ब्रांडिंग में अच्छे होते हैं, लेकिन इंट्रोवर्ट भी अपने स्वाभाविक व्यक्तित्व को बनाए रखते हुए पर्सनल ब्रांडिंग कर सकते हैं। एक ओर जहां इंट्रोवर्ट लोग बेहद संवेदशील होते हैं, वहीं एक्स्ट्रोवर्ट लोगों में संवेदनशीलता कम होती है। उन्हें किसी काम के लिए प्रेरित करने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ता है। जहां एक्स्ट्रोवर्ट लोगों की इच्छाएं उनके पर्यावरण से जुड़ी होती हैं, वहीं इंट्रोवर्ट्स खुद से ही खुश होते हैं। हां एक्स्ट्रोवर्ट लोगों का स्वभाव उन्हें कई बार त्वरित निर्णय लेने के लिए उत्साहित करता है, जिसे आप जोखिम भरे निर्णय भी कह सकते हैं।

क्या इंट्रोवर्ट... क्या एक्ट्रोवर्ट, बदल रहे हैं मायने

एक समय था जब इंट्रोवर्ट का मतलब अपने मे रहना और एक्ट्रोवर्ट का मतलब बाहर के लोगो से मिलना जुलना हुआ करता था। तब बड़े लोग नाराज़ हुआ करते थे कि क्या सारा दिन घर मे बैठे रहते हो जरा बाहर भी निकला करो.... लोगो से मिला जुला करो!! लेकिन समय के साथ - साथ इंट्रोवर्ट और एक्स्ट्रोवर्ट की परिभाषा भी बदली है। आज इसे लेकर थोड़ी असमंजस वाली स्थिति हो गई है। असल मे, आजकल लोग इंट्रोवर्ट होते हुए भी एक्ट्रोवर्ट हो गए हैं जैसा कि लोग सोशल नेटवर्क साईट आदि पर सारा दिन एक्टिव रहते हैं।  



घर हो या पब्लिक प्लेस, साथ बैठे लोगों से बेफिक्र नेट पर दूर दराज के लोगों से हैलो हाय चलता रहता है। लेकिन अगर जब वे किसी से बाहर मिलने जाएं तो वो एक्ट्रोवर्ट होते हुए भी इंट्रोवर्ट ही रहते हैं, क्योकि वो कम्प्यूटर पर ही उलझे रहते हैं। इंट्रोवर्ट होते हुए भी भरपूर एक्ट्रोवर्ट हैं और एक्ट्रोवर्ट होते हुए भी भरपूर इंट्रोवर्ट... !!! है ना असमंजस वाली बात !!

Extrovert People in Hindi

 

क्या कहता है शोध

उथएम्पटन विश्वविद्यालय के मेडिकल रिसर्च काउंसिल के डॉक्टर कैथरीन गेल और एडिनबर्ग विश्वविद्यालय व यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक दल ने 16 और 26 वर्ष की उम्र में एक्‍स्‍ट्रोवर्ट स्वभाव वाले और नकारात्मक अवस्था में बने रहने वाले लोगों के 60 से 64 वर्ष की उम्र के होने पर उनके मानसिक स्वास्थ्य और जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों की जांच की। शोधकर्ताओं ने पाया कि परिपक्वता के शुरुआती दौर में व्यक्तित्व में जो गुण आ जाता है, उसका कई दशकों बाद के स्वास्थ्य पर स्थाई प्रभाव पड़ता है।



शोध में पाया गाया कि युवाओं में एक्‍स्‍ट्रोवर्ट होने की आदत का उनकी बाद की जिंदगी में सुख और जीवन से संतुष्टि पर सीधा और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वहीं इसके उलट नकारात्मक अवस्था में बने रहने का बुरा प्रभाव होता है, क्योंकि इससे लोगों में चिंता व अवसाद और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की आशंकाएं ज्यादा हो जाती हैं।



कई शोधों के अनुसार यह बात सही मालूम चलती है कि एक्स्ट्रोवर्ट लोग जल्दी नजर में आते हैं, लेकिन आगे चलकर इंट्रोवर्ट्स लोगों  को जो समय के साथ अपनी सोशल स्किल्स में महारत हासिल कर लेते हैं, भी सराहना और सफलता मिलती है।

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