
डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में बड़ों से लेकर बच्चों को अपना शिकार बना रही है। डायबिटीज दो तरह के होते हैं, टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) को चाइल्डहुड डायबिटीज भी कहा जाता है, जिसमें डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए व्यक्ति को मानव निर्मित इंसुलिन का इस्तेमाल करना पड़ता है। जबकि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) जेनेटिक कारणों से होता है और लाइफस्टाइल से जुड़ा होता है। टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को अपना खास ख्याल ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि यह स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याएं जैसे, दिल से जुड़ी बीमारी, किडनी की समस्या या आंखों से जुड़ी परेशानी हो सकती है। ऐसे में आइए हेल्थ कोच और डायटीशियन विधि चावला से जानते हैं कि टाइप 1 डायबिटीज होने पर क्या नहीं करना चाहिए?
डायबिटीज के मरीज क्या गलती न करें?
1. जांच कराने में देरी
टाइप 1 डायबिटीज सिर्फ बचपन की बीमारी नहीं है, जिसके बारे में देर से पता चलता है। बल्कि टाइप 1 डायबिटीज के बारे में पता लगाने के लिए एंटीजन की जांच की जानी चाहिए, जिसके लिए आप आइलेट सेल एंटीजन और ग्लूटामिक एसिड डिकार्बोक्सिलेज 65 करवा सकते हैं। देर से इसकी जांच कराने से डायबिटीज ज्यादा बढ़ सकता है।
2. इमोशनल हेल्थ की अनदेखी
टाइप 1 डायबिटीज अक्सर तनाव कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन को ट्रिगर करता है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। टाइप 1 डायबिटीज वाले व्यक्तियों में, ये हार्मोनल परिवर्तन ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकते हैं जिसे केवल इंसुलिन से नियंत्रित करना मुश्किल होता है। इसलिए आपको अपने इमोशनल हेल्थ को अनदेखा नहीं करना है, बल्कि तनाव कम करने और इन हार्मोन्स को कंट्रोल करने की कोशिश करनी है।
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3. डायबिटीज का जर्नल न रखना
अपने रक्त शर्करा के स्तर, भोजन के सेवन, शारीरिक गतिविधि और इंसुलिन डाइस के बारे में जर्नल तैयार रखना आपके डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए बहुत जरूरी है। जर्नल लिखना डायबिटीज के पैटर्न की पहचान करने और इसे कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
4. नियमित जांच न कराना
टाइप 1 डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं जैसे किडनी फंक्शन टेस्ट और लिपिड प्रोफाइल आदि के लिए नियमित जांच समय रहते करवाना बहुत ज़रूरी है, ताकि समय रहते इसका पता लगाया जा सके और इसका इलाज किया जा सके। इन जांचों को न कराने से जरूरी इलाज में देरी हो सकती है।
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5. सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट न लेना
कार्बोहाइड्रेट की सही मात्रा का पता लगाना बहुत जरूरी है। ऐसे में अपने खुराक का गलत अनुमान लगाने से इंसुलिन की खुराक गलत हो सकती है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ या घट सकती है। इसलिए कार्बोहाइड्रेट की सही मात्रा लेने के लिए हमेशा अपने डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।
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टाइप 1 डायबिटीज से जुड़ी इन गलतियों को करने से रोककर आप ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल रख सकते हैं।
Image Credit- Freepik
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