प्रोस्टेट कैंसर के एडवांस स्टेज में दिखते हैं ये 6 लक्षण, पुरुषों को नहीं करना चाहिए नजरअंदाज

प्रोस्टेट कैंसर के एडवांस स्टेज में दिखाई देते हैं ये संकेत, डॉक्टर से जानें इन संकेतों और इस समस्या में होने वाले इलाज के बारे में।
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प्रोस्टेट कैंसर के एडवांस स्टेज में दिखते हैं ये 6 लक्षण, पुरुषों को नहीं करना चाहिए नजरअंदाज

आज के समय में पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन जानकारी के अभाव में यह बीमारी लोगों में गंभीर रूप धारण कर लेती है। खाराब जीवनशैली, खानपान में गड़बड़ी और निष्क्रियता जैसे कारक इस समस्या को बढ़ाने का काम करते हैं। शुरुआत में ही इस गंभीर बीमारी के लक्षणों को पहचानकर आप इस गंभीर समस्या से बच सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के कई बड़े शहरों में काफी संख्या में पुरुष आबादी प्रोस्टेट कैंसर का शिकार हो रही है। दिल्ली, कोलकाता और पुणे जैसे शहरों में पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के मामले दूसरे नंबर पर हैं। शुरुआत में प्रोस्टेट कैंसर होने पर आपमें कोई लक्षण नहीं दिखाई दे सकते हैं जिसकी वजह से इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन एडवांस स्टेज में पहुंचने पर आपके शरीर में कुछ संकेत दिखाई देते हैं जिनके माध्यम से आप इस बीमारी का अंदाजा लगा सकते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।

क्या है प्रोस्टेट कैंसर की समस्या? (What Is Prostate Cancer?)

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(image source - freepik.com)

प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुषों में पाए जाने वाला अखरोट की साइज का एक ग्लैंड होता है। यह पेशाब की थैली के नीचे, पेशाब की नली को घेरे होता है। जैसे-जैसे किसी की उम्र बढ़ती है इसके साइज में परिवर्तन आता है। इस कारण पेशाब की नली को चारों ओर से दबाता है। इसे प्रोस्टेट कैंसर का बड़ा होना या फिर बीपीएच - बेनानइन प्रोस्टेट हायपरप्लेसिटान कहते हैं, जो कैंसर नहीं है। 50 वर्ष की उम्र तक लगभग 40 फीसदी पुरुषों को और 70 साल की उम्र तक लगभग 60 फीसदी पुरुषों को प्रोस्टेट ग्लैंड (बीपीएच) की समस्या होती है। यदि समय पर इसका उपचार कराया जाए तो बीमारी का कारगर इलाज संभव है। लेकिन प्रोस्टेट कैंसर की समस्या जानलेवा होती है। जब पुरुषों में प्रोस्टेट का साइज कैंसर की वजह से बढ़ना शुरू होता है तो इसे अधिक खतरनाक माना जाता है। हर छह में से एक व्यक्ति को प्रोस्टेट कैंसर की बीमारी के होने की संभावना होती है। प्रोस्टेट कैंसर बहुत धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है। देखा गया है कि कई बार इस बीमारी से ग्रसित होने पर मरीज को पता भी नहीं चलता है।

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प्रोस्टेट कैंसर के एडवांस स्टेज में दिखने वाले लक्षण (Signs Of Advanced Prostate Cancer)

जीवनशैली, तनाव और निष्क्रियता की वजह से बड़े शहरों में लोगों को कैंसर जैसी घातक बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी प्रोस्टेट कैंसर की समस्या पुरुषों में आम है। भारत जैसे देशों में जागरूकता की कमी के कारण लोग शुरुआत में इस बीमारी के लक्षण को समझ नहीं पाते हैं। ऐसे में सही समय पर उपचार शुरू न होने के कारण मरीजों की मौत भी हो जाती है। प्रोस्टेट कैंसर में भी शुरुआत में कोई भी लक्षण न दिखने के कारण इसके बारे में आसानी से पता नहीं चलता है। जब यह कैंसर बढ़ता है तो धीरे-धीरे प्रोस्टेट का आकार बढ़ जाने और बेनिग्न प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) की तरह लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट सिमटम्स होने पर इसका पता लगाया जाता है। आइये सीके बिड़ला अस्पताल, गुड़गांव के मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शलभ अग्रवाल से से जानते हैं प्रोस्टेट कैंसर के एडवांस स्टेज में दिखने वाले कुछ प्रमुख संकेत के बारे में।

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प्रोस्टेट कैंसर की बीमारी में शुरुआत में कोई विशेष लक्षण नहीं लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। ऐसे में मरीजों को यह समझना कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर की बीमारी है बड़ा मुश्किल हो जाता है। यह कैंसर धीमी गति से बढ़ने वाले कैंसर के रूप में जाना जाता है। शुरुआत में इस कैंसर में हड्डियों में और शरीर के अन्य हिस्सों जैसे यकृत, फेफड़े में मेटास्टेसिस होता है जिसके बाद यह धीरे-धीरे बढ़ता है। प्रोस्टेट कैंसर के एडवांस स्टेज में ये लक्षण दिखाई देते हैं। 

1. प्रोस्टेट कैंसर के एडवांस स्टेज में मरीज को जोड़ो में दर्द, हड्डियों में दर्द की समस्या देखने को मिलती है। इस बीमारी में मरीज के कूल्हे और पीठ व कंधों में विशेष रूप से दर्द होता है। 

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2. प्रोस्टेट कैंसर के एडवांस स्टेज में मरीज में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। इसके पीछे कैंसर की वजह से शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव जिम्मेदार माने जाते हैं। 

3. प्रोस्टेट कैंसर के एडवांस स्टेज में मरीज को थकान और शरीर में कमजोरी की समस्या होती है। ऐसी स्थिति में मरीज के शरीर ऊर्जा की हानि होती है। 

4. एडवांस स्टेज में प्रोस्टेट कैंसर पहुंचने पर तेजी से वजन कम होने की समस्या शुरू हो सकती है। प्रोस्टेट कैंसर की समस्या में मरीज का तेजी से वजन कम होता है।

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5. ऐसे मरीज जिनमें प्रोस्टेट कैंसर की समस्या एडवांस स्टेज में पहुंच जाती है उनमें कब्ज की समस्या तेजी से शुरू हो सकती है। इसके अलावा मरीजों के मल में खून आने की समस्या भी हो सकती है। 

6. प्रोस्टेट कैंसर के कारण गुर्दे में रुकावट की समस्या होती है। ऐसी स्थिति में मरीज की किडनी से मूत्र बाहर आने में परेशानी होती है। 

प्रोस्टेट कैंसर के शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच जाने पर हड्डियों में दर्द और पीठ में दर्द की समस्या होती है। इसकी वजह से आपको पेशाब से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती है। इस कैंसर की जांच के दौरान खून में पीएसए यानी प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटिजन की मात्रा को चेक किया जाता है। जब खून में पीएसए की मात्रा बढ़ जाती है तो इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। एडवांस स्टेज में इस कैंसर के पहुंचने पर इसे नियंत्रित करना बहुत कठिन हो जाता है।

प्रोस्टेट कैंसर की जांच और इलाज (Prostate Cancer Diagnosis And Treatment)

प्रोस्टेट कैंसर की समस्या में चिकित्सक मरीजों को कुछ जांच की सलाह देते हैं। जांच की रिपोर्ट के आधार पर ही मरीजों में इस बीमारी का पता लगाया जाता है। प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए बायोप्सी, अल्ट्रासाउंड समेत कई तरह की जांच की जाती है। इसकी जांच में इन तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।

  • डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (डीआरई- Digital Rectal Exam (DRE) 
  • प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजेन (Prostate Specific Antigen)
  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
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प्रोस्टेट कैंसर का इलाज उसके ग्वलैंड व स्टेज पर निर्भर करता है। यह कैंसर सबसे पहले हड्डियों (रीढ़ की हड्डी) में फैलता है। शुरूआती स्टेज में इसके लक्षण न दिखने के कारण मरीजों में यह समस्या गंभीर होने पर ही पता चल पाती है। अगर शुरुआत में इस समस्या के बारे में पता लग जाता है तो मरीज का इलाज सर्जरी के माध्यम से किया जाता है जिसके द्वारा इसे पूरी तरह से शरीर से दूर किया जा सकता है। शुरुआत में इसके इलाज के लिए लेप्रोस्कोप या फिर रोबोटिक सर्जरी की सहायता ली जाती है। इसके बाद कम जोखिम वाले मरीजों में प्रोस्टेट कैंसर का इलाज रेडियोथेरेपी या रेडिकल सर्जरी द्वारा किया जा सकता है। प्रोस्टेट कैंसर के एडवांस स्टेज में पहुंचने पर इसका इलाज हार्मोनल या कीमो थेरेपी के द्वारा किया जाता है, जिसमें बीमारी जड़ से तो ठीक नहीं होती लेकिन इलाज कर मरीज के लाइफ को बढ़ाया जा सकता है।

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