
प्रोस्टेट, पुरुषों के मूत्राशय के नीचे पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अंग है, जो कि प्रजनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोस्टेट पुरुषों में वीर्य संबंधित तरल पदार्थ का उत्पादन करता है। जब प्रोस्टेट का आकार बढ़ने लगता है उस स्थिति को प्रोस्टेट कैंसर कहा जाता है। प्रोस्टेट कैंसर एक घातक रोग है, जो किसी व्यक्ति के इस महत्वपूर्ण अंग को प्रभावित कर सकता है। सामान्य तौर प्रोस्टेट कैंसर बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है इसलिए शुरुआत में इसके लक्षणों का पता मुश्किल से ही चलता है। गलत खान-पान और खराब जीवनशैली प्रोस्टेट कैंसर का प्रमुख कारण रही है। हालांकि जीवनशैली में बदलाव कर प्रोस्टेट कैंसर से बचाव संभव है। लेकिन जब यह फैल जाता है तो किसी व्यक्ति का जीना दुश्वार कर देता है। प्रोस्टेट कैंसर फैलने के कई कारण हैं। लेकिन शुरूआती अवस्था में प्रोस्टेट कैंसर के फैलने का कारण आनुवांशिक होता है।
आनुवांशिक डीएनए प्रोस्टेट कैंसर होने का सबसे प्रमुख कारण है। प्रोस्टेट ग्लैंड यूरीनरी ब्लैडर के पास होता है, इस ग्रंथि से निकलने वाला पदार्थ यौन क्रिया में सहायक बनता है। आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ ही प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है, लेकिन आजकल की दिनचर्या के कारण यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। दोनों पैरों में कमजोरी व पीठ में दर्द महसूस होता है। बढ़ती उम्र, मोटापा, धूम्रपान, आलस्यपूर्ण दिनचर्या और अधिक मात्रा में वसायुक्त पदार्थो का सेवन करने के कारण प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है।
प्रोस्टेट कैंसर फैलने के कारण
बढ़ती उम्र
प्रोस्टेट कैंसर सबसे ज्यादा 40 साल की उम्र के बाद होता है। उम्र बढ़ने के साथ ही प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने लगती है जो कि कैंसर होने की संभावना को बढ़ाती है। 50 साल की उम्र पार कर रहे लोगों में यह कैंसर बहुत तेजी से फैलता है। प्रोस्टे कैंसर के हर 3 में से 2 मरीजों की उम्र 65 या उससे ज्यादा होती है।
आनुवांशिक बीमारी
प्रोस्टेट कैंसर आनुवांशिक भी होता है। घर में अगर किसी भी व्यक्ति या रिश्तेदार को प्रोस्टेट कैंसर होता है तो बच्चों में इसकी होने की संभावना ज्यादा होती है। अगर किसी के भाई को अपने पिता से यह इंफेक्शन मिलता है तो उसके छोटे भाई को भी इससे प्रभावित होने की संभावना ज्यादा होती है।
इसे भी पढ़ेंः 45 की उम्र के बाद बढ़ जाता है मुंह के कैंसर का खतरा, जानें इसके लक्षण और बचाव का तरीका
खान-पान
आधुनिक जीवनशैली में खान-पान भी प्रोस्टेट कैंसर के फैलने का प्रमुख कारण बन गया है। लेकिन अभी इस बारे में कोई निश्चित निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। जो आदमी लाल मांस (रेड मीट) या फिर ज्यादा वसायुक्त डेयरी उत्पादों का प्रयोग करते हैं उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने की संभवना ज्यादा होती है। लेकिन ज्यादा वसायुक्त खाद्य-पदार्थों का सेवन ही प्रोस्टेट कैंसर का प्रमुख कारण है इस बात पर अभी भी आशंका है। जंक फूड का सेवन भी प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना को बढ़ाता है।
मोटापा
मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। मोटे लोगों को डायबिटीज कई सामान्य बीमारियां होना आम बात है। लेकिन मोटापा प्रोस्टेट कैंसर के फैलने का एक कारण है। मोटापे से ग्रस्त लोगों को प्रोस्टेट कैंसर होने की ज्यादा संभावना होती है। लेकिन इस तथ्य की पुष्टि नहीं हो पायी है कि मोटापा भी प्रोस्टेट कैंसर होने का प्रमुख कारण है लेकिन कुछ अध्ययनों में यह बात सामने आयी है।
इसे भी पढ़ेंः पैंक्रियाटिक कैंसर के 5 संकेतों को पहचान कर बचाई जा सकती है जान, जानें शुरुआती संकेत
धूम्रपान
धू्म्रपान करने से मुंह और फेफड़े का कैंसर तो होता है लेकिन धूम्रपान प्रोस्टेट कैंसर को भी बढ़ाता है। धूम्रपान करने वालों को प्रोस्टेट कैंसर होने की ज्यादा संभावना होती है। सिगरेट में पाया जाने वाला निकोटीन प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ाता है।
कम प्रजनन क्षमता वाले लोगों में भी प्रोस्टेट कैंसर होने की ज्यादा संभावना होती है। यदि सही समय पर इस मर्ज का पता लग जाए, तो सर्जरी के जरिए प्रोस्टेट कैंसर से निजात पाना संभव है। इसलिए अगर उम्र बढ़ने के बाद प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण दिखे तो चिकित्सिक से संपर्क जरूर कीजिए।
Read More Articles On Cancer In Hindi