बाथरूम, टॉयलेट और किचन की सफाई के लिए ब्लीच वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल खतरनाक, हो सकती हैं कई बीमारियां

हाल ही में की गई एक स्टडी से मालूम पड़ा है कि जो लोग अपने घर की साफ-सफाई में ब्लीच क्लीनर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके घर की हवा प्रदूषित हो रही है। ऐसे घर की हवाओं में कई बीमारियां पल रही हैं, जिसका ध्यान न रखा जाए तो आप भी इसके शिकार हो सकते हैं।  
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बाथरूम, टॉयलेट और किचन की सफाई के लिए ब्लीच वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल खतरनाक, हो सकती हैं कई बीमारियां


क्या आप अपने घर की साफ-सफाई का बहुत ख्याल रखते हैं। अपने घर के टॉयलेट्स, फर्श और वॉश-बेसिन को अच्छे क्लीनर्स और ब्लीच का इस्तेमाल करके साफ करते हैं, तो इस साफ-सफाई के साथ आप अपने घर की हवाओं को प्रदूषित कर रहे हैं। जी हां, इसे सुनकर हैरान न हों क्योंकि यह हम नहीं, हाल ही में की गई एक स्टडी बता रही है। हाल ही में की गई एक स्टडी का मानें तो, जिन लोगों को हर कुछ दिन बाद सर्दी-जुकाम हो जाता है, उनके पीछे आपके घर में इस्तेमान किए जाने वाले क्लीनर्स हो सकते हैं। दरअसल आपके क्लीनर्स में मिले हुए ब्लीच कंमपाउंड, घर में पहले से ही उपस्थित कुछ कणों के जैसे सिट्रस कंपाउंड के साथ मिलकर स्मॉग का रूप ले लेते हैं। यह वही स्मोग के कण हैं, जिसे हम प्रदूषण के उच्च रूप में देखते हैं। इस कंपाउंड के बनने को साइंस की भाषा में 'लिमोनेन' कहा जाता है और आमतौर पर बाहरी स्मोग के अपेक्षाकृत हल्का होता है। यह स्मोग हमारे आंखों, गले, फेफड़े और त्वचा के लिए परेशानी का करण बन सकता है। दरअसल ब्लीच का गंध भी कुछ इंफेक्शन का कारण हो सकते हैं। खासकर ठंड और फ्लू के मौसम के दौरान यह ब्लीच का गंध कई बीमारियों का कारण बन सकता है।

आंखों, गले, फेफड़े और त्वचा को पहुंचा सकते हैं नुकसान

शोधकर्ताओं के एक समूह ने पाया कि  जब ब्लीच धूआं कई घरेलू क्लीनर में पाए जाने वाले सिट्रस कंपाउंड के साथ मिल जाता है, तो यह आपके और आपके पालतू जानवरों के लिए हानिकारक हवाई कण बना सकता है।इस साइट्रस कंमपाउंड को लिमोनेन के रूप में जाना जाता है। यह हजारों सफाई उत्पादों और एयर फ्रेशनर्स में पाया जाता है, और कुछ लकड़ी के सामानों में भी पाया जाता है। हालांकि बड़ी मात्रा में इनका संपर्क त्वचा, आंखों, गले और फेफड़ों को परेशान कर सकता है। हवा की उपस्थिति में, यह यौगिक बनाने के लिए ऑक्सीकरण कर सकता है जो त्वचा की एलर्जी का कारण बनता है।

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इनडोर वायु गुणवत्ता को करती है प्रभावित

वीओसी (VOC) कई घरेलू उत्पादों द्वारा उत्सर्जित गैसें हैं और यह इनडोर एयर गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं। इस हवा का नुकसान यह होता है कि यह हवा में घुमते रहते हैं और घर की सतहों से चिपक जाते हैं। क्योंकि ब्लीच और लिमोनेन वाले उत्पादों का उपयोग अक्सर एक ही इनडोर में किया जाता है। इसे देखकर 'टोरंटो विश्वविद्यालय' और 'पेनसिल्वेनिया के बकनेल विश्वविद्यालय' के शोधकर्ताओं ने देखा कि इन रसायनों के संयुक्त होने पर घर की हवाओं में क्या असर हुआ? तो शोधकर्ताओं ने पाया कि ब्लीच-आधारित क्लीनर के उपयोग के दौरान और बाद में, उच्च मात्रा में हाइपोक्लोरस एसिड और क्लोरीन गैसें निकलती हैं, जो हमारे घर की इनडोर वातावरण में जल्दी से मिल कर अन्य हानिकारक गैसों का निर्माण करती हैं।

ब्लड के जरिए बॉडी में सर्कुलेट करते हैं हानिकारक कण

फ्लोरोसेंट लाइट या सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर, यह कंपाउंड कार्बनिक एरोसोल (SOAs) बनाते हैं। एसओएएस की ही वजह से स्मॉग बनना शुरु होता है। जब कण काफी छोटे होते हैं, तो वे फेफड़ों के अंदर जा सकत हैं और खाँसी और सांस की तकलीफ जैसे अल्पकालिक प्रभाव पैदा कर सकते हैं। बहुत महीन कण फेफड़ों के माध्यम से ब्लड में सर्कुलेट होती हैं, जिससे आगे जाकर ब्लड-इंफेक्शन आदि की भी परेशानी हो सकती है।

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हार्ट अटैक होने का खतरा

पार्टिकुलेट मैटर के नियमित संपर्क से हार्ट अटैक और सांस लेने में तकलीफ जैसी स्वास्थ्य समस्याएं जुड़ी होती हैं। मौजूदा हृदय रोग, अस्थमा, या अन्य फेफड़ों की स्थिति वाले लोग के लिए यह और अधिक हानिकारक हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि हम ऐसे क्लीनर्स का इस्तेमाल करने से बचें, जिनमें ज्यादा मात्रा में ब्लीच कंमपाउड्स हैं।

इन चीजों से करें घर की साफ-सफाई

आप एक साधारण क्लीनर जैसे सिरका, पानी या बेकिंग सोडा को क्लीनर के रूप में चुन सकते हैं।

खुशबू, अमोनिया और ब्लीच से मुक्त सफाई उत्पादों को चुनें।

ग्रीन सील या इको लोगो द्वारा प्रमाणित उत्पादों की तलाश करें औप उन्हीं का सफाई में प्रयोग करें।

मिट्टी या रेत में हल्का सा सोडा और नींबू मिलाकर बर्तनों की सफाई करें।

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