
छोटा बच्चा, जो अभी बोलना भी नहीं सीख पाया है, वही खाता है जो आप उसे खिलाते हैं। उसकी परवरिश और खाने-पीने की जिम्मेदारी उसकी मां पर होती है। लेकिन कई बार बच्चे अचानक से रोना शुरू कर देते हैं जिनका कारण उनकी मां को भी नहीं समझ आता। चिंता तो तब बढ़ जाती है जब ऐसे बच्चे माताओं के चुप कराने से भी नहीं चुप होते हैं। अगर आपका बच्चा भी अचानक से ऐसे ही रोने लगता है तो उन्हें ये काढ़ा पिलाएं।
पेट में मरोड़
अचानक से रोना, बच्चे पेट में मरोड़ उठने के कारण शुरू कर देते हैं। पेट में मरोड़ उठने से बच्चों के पेट में बहुत तेज दर्द उठता है जो बच्चे द्वारा फीडिंग के दौरान हवा निगल लेने से होता है। कई बार मां का खान-पान और बच्चे की अपरिपक्व पाचन क्रिया से भी बच्चे के पेट में दर्द होता है। अगर मां के कुछ ख़ास चीज़ खाने के 48 घंटे बाद तक बच्चे के पेट में दर्द होता है तो मां को वैसी चीजें दो-तीन महीने तक खाने से परहेज़ करना चाहिए।
इन चीजों से होता है बच्चों को पेट में मरोड़
- बेसन से बनी चीज़ें
- मूंगफली
- अंकुरित अनाज
- अंडा और अन्य मांसाहारी आहार
हींगास्थक काढ़ा
मां के खान-पान या किसी भी अन्य वजह से बच्चों के पेट में दर्द होता है तो हींगास्थक काढ़ा का इस्तेमाल करें। ये काढ़ा मां को एसिडिटी और शिशु को पेट के मरोड़ से राहत दिलाता है।
कैसे बनाएं काढ़ा ( सभी सामग्री एक-एक चुटकी लें)
अजवायन
शेपा (शतपुष्प बीज)
हींग
काला नमक
मुलैठी
सौंठ
सारी चीजों को पानी में एक साथ डालकर उबालें। 5 मिनट तक इसे अच्छी तरीके से उबलने दें और उसके बाद इसे छान लें। खाना खाने के आधे घंटे के बाद मां अगर इस काढ़ा को पीती हैं तो इससे उनकी पाचन क्रिया बेहतर होगी। इसके बाद शिशु के रोने की समस्या भी दूर हो जाएगी। साथ ही इससे मां और शिशु दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
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