फेशिया शरीर के लिए बहुत जरूरी होती है। ये शरीर में एक दूसरे से आपस में जुड़ी होती है। रक्त के बाद इनका दबाव सबसे ज्यादा होता है। फेशिया के बिना मजबूत मासपेसियां भी अच्छे से काम नहीं करती हैं। शरीर के बाकी अंग भी ठीक से काम नहीं करते है और हड्डिया टूटने लगती है। शरीर में फेशिया के ही कारण अंग ठीक तरह से काम करते हैं या टूटते हैं। वास्तव में फेशिया कोशिकाओं को जोड़ने वाला फाइबर है, जो कि बहुत ही संवेदनशील होता है। इस लेख में विस्तार से जानिये फेशिया के बारे में और इसकी देखभाल के तरीकों के बारे में।
क्या है फेशिया
कंकालीय पेशियों को ढकने वाले और उन्हें एक साथ बांधे रखने वाला तंतुमय संयोजी ऊतक के बने आवरण को फेशिया कहते है। यह उपास्थि और गहन दो प्रकार के होते हैं। सुपरफिशियल फेशिया त्वचा के अंदर स्थित होती है। यह विशेषकर खोपड़ी, हथेलियों और तलुओं में पायी जाती है। इसकी मोटाई शरीर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग होती है।
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क्या करती है फेशिया
सामान्यत: सुपरफिशियल फैशिया ढीले संयोजी ऊतको की बनी होती है। जिसमें रक्त वाहिकाएं, तंत्रिकाएं, लसीका वाहिनियां और अनेक वसा पायी जाती है। यह एक रक्षात्मक परत उपल्बध कराती है और त्वचा को, गहराई में स्थित संरचनाओं के ऊपर खुले रूप से गति करनें में सहायता करती है। गहन फैशिया उपरिस्थ फैशिया के नीचे स्थित रहती है। यह एक घने संयोजी ऊतक की कई परतों से मिलकर बनी होती है और यह पेशियों को लपेटती और बांधती है। इसमें रक्त वाहिकाएं, तंत्रिकाएं, लसीका वाहिनियां तथा कुछ मात्रा में वसा पायी जाती है।
फेशिया क्यूं होती है जरूरी
जोडों की सेहत, चोटरहित खेल, अंगों की सलामती और शरीर में फ्ल्यूड का संचालन फैशिया तंत्र पर ही निर्भर होता है। फैशिया शरीर के प्रत्येक अंग की देखभाल करता है। ये सभी अंगों में समान रूप से काम करता है। शरीर की कुल सेहत इसके अंदरूनी तंत्रों की सेहत पर निर्भर करती है।
फैशिया शरीर के अंगों के संचालन में बहुत आवश्यक भूमिका निभाती है । इसके सुचारू रूप सें ना चलने से अंगों मे परेशानी का सामना करनी पड़ सकता है।
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