लोग व्यायाम के दौरान एब्स, बाइसेप्स, ट्राइसेप्स, चेस्ट आदि पर अधिक ध्यान देते हैं, लेकिन ग्लूट्स यानी नितंबो और कूल्हों को भूल जाते हैं। नितंबो और कूलहों पर इसके कारण अधिक चर्बी जमा हो जाती है। बिकनी और स्पोर्ट्स एक्टिविटीज करने वालों को अधिक समस्या हो सकती है। इसलिए ग्लूटस की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और यहां पर जमा अतिरिक्त चर्बी को घटाने के लिए हर रोज ब्रिज एक्सरसाइज करें। खैर, इसके अलावा भी ब्रिज एक्सरसाइज के कई लाभ होते हैं। तो चलिये जानें हर दिन ब्रिज एक्सरसाइज करने के क्या फायदे होते हैं।
घुटने और पीठ दर्द को कम करे
ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग को हेवी वर्कआउट में अकसर नज़रअंदाज कर दिया जाता है। फिर चाहे वे दैनिक गतिविधियां हों या उच्च तीव्रता वाले व्यायाम हों वे नसों में खिंचाव पैदा करते हैं, जिसके कारण कभी-कभी कमर व घुटनों में दर्द हो जाता है। लेकिन अच्छी बात तो यह है कि नियमित ब्रिज एक्सरसाइज कर इस समस्या से बचा जा सकता है।
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एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार करे
जब बात शरीर में ताकत बढ़ाने की आती है तो मजबूत ग्लूट्स एक महत्वपूर्ण कारक सोबित होते हैं। शरीर की शक्ति ही एथलेटिक प्रदर्शन को बेहतर बनाती है। ग्लूट्स को मजबूत बनाने से स्प्रिंट में तेजी आती है और छलांगें आदि लगाने में मदद मिलती है। जिससे एथेलीट मैदान में अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं।
कपड़े शरीर पर पिट आते हैं
डील-डौल अच्छा हो तो कपड़े भी शरीर पर फबते हैं, और लुक निखर कर आता है। नितंबो और कूल्हों का इसमें बेहद महत्वपूर्ण स्थान होता है। आखसतौर पर वेटेड ब्रिज एक्सरसाइज करने से शरीर की शेप में कमाल का सुधार होता है। तो यदि आप चाहते हैं कि शरीर पर कपड़ों की असली रंगत दिखे तो वेटेड ब्रिज एक्सरसाइज की मदद जरूर लें। इससे अपके पोश्चर में भी सुधार होता है।
कोर को मजबूत बनाए
ब्रिज एक्सरसाइज सभी कोर की मांसपेशियों को सक्रिय करती है, खासतौर पर ट्रांसवर्स एब्डोमिनस (तोंद वाला हिस्सा पतला करे), रेक्टस एब्डोमिनस (सिक्स पैक) और ऑब्लीक्वेस (हौरग्लास फिगर)। तो ब्रिज एक्सरसाइज को बदल-बदल कर अभ्यास करने से इन मांशपेशियों पर काफी काम होता है, और वे मजबूत होती हैं।
बट्स ब्रिज
बट्स ब्रिज बट्स के लिए बेहद अच्छी एक्सरसाइज होती है। इसे करने के लिये सबसे पहले चटाई पर लेट जाएं। अब बट्स को अंदर की तरफ खींचें और धीरे-धीरे उन्हें ज़मीन से ऊपर उठा दें। फिर धीरे से बट्स को पहले वाली स्थिति में ही ले आएं। इस तरह से बट्स ब्रिज का एक सेट होता है। इस तरह से बट्स ब्रिज के 10 से 15 सेट लगाएं।
ब्रिज एक्सरसाइज को रोटेट करते रहना चाहिये, मसलन इसके अलग-अग प्रकारों को करना चाहिये। जैसे कि रिवर्स प्लैंक ब्रिज, साइड ब्रिज तथा ग्लूट ब्रिज
आदि। ऐसा करने से ज्यादा लाभ होता है और ग्लूट्स की मांसपेशियां काफी मबूत बनती हैं।
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