हर व्यक्ति की हर स्थिति या परिस्थितियों के बारे में सोच अलग-अलग हो सकती है। सोच एक ऐसी प्रक्रिया है कभी खत्म नहीं होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आपकी सोच ही है जो आपको उस स्थान तक लेकर गयी है जहां पर आप हैं। आपने तमाम लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि 'सोच बदलो सब कुछ बदलेगा'। लेकिन आपको इस बात की जानकारी शायद ही हो कि किस तरीके से आप अपनी सोच को बदल सकते हैं या बेहतर बना सकते हैं। इंसान की सोच उसके जीवन में आगे बढ़ने या पीछे धकेलने में बहुत अहम भूमिका निभाती है। जो लोग हर परिस्थिति में सकारात्मक रहते हैं उन्हें जीवन में आसानी होती है लेकिन जिनकी सोच क्रिटिकल या कठिन होती है उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। तो आइये जानते हैं कि इंसान की सोच के बारे में और इसे बेहतर बनाने के तरीके के बारे में।
5 तरह की सोच या थिंकिंग और उसे बेहतर बनाने का तरीका (Types And Tips To Improve Your Thinking)
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि परिस्थितियों के हिसाब से हर इंसान की सोच बदलती रहती है और अलग-अलग परिस्थितियों में हर इंसान की सोच अलग-अलग हो सकती है। इंसान को अगर उसके सोचने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी हो तो वो हर स्थिति में खुद को अपनी सोच के माध्यम से संभाल सकता है। आइये जानते हैं इंसान के सोच की प्रक्रिया और उसे बेहतर बनाने के बारे में।
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1. रचनात्मक सोच या क्रिएटिव थिंकिंग (Creative Thinking)
आज के समय में चाहे स्कूल हो, कॉलेज हो या फिर ऑफिस हर जगह पर आदमी को रचनात्मक सोच के लिए कहा जाता है। दरअसल क्रिएटिव सोच एक ऐसी सोच है जो आउट ऑफ द बॉक्स सोचने की अनुमति देती है। इस सोच के माध्यम से व्यक्ति का सोचने का तरीका और उसकी सोच की क्षमता भी बढ़ती है। रचनात्मक सोच होने से आप आसानी से हर मुश्किल को सुलझा सकते हैं और अपने करियर और जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
क्रिएटिव थिंकिंग को इम्प्रूव करने के टिप्स
- अलग-अलग शैलियों में लिखने की कोशिश।
- पहेली या पजल को साल्व करने की कोशिश करें।
- किसी समस्या को हल करने के लिए दूसरों से अलग दृष्टिकोण तलाशें।
- नए विचारों और नए तरीकों के बारे में जानें।
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2. क्रिटिकल थिंकिंग (Critical Thinking)
क्रिटिकल थिंकिंग सोच की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आप किसी भी स्थिति या परिस्थिति के बारे में गहराई से सोचते हैं। आप किसी भी समस्या के कारकों, उनके प्रभाव और तमाम अन्य चीजों के बारे में विश्लेषण करने के बाद निर्णय लेते हैं। यह सोच उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें हर एक चीज के बारे में बहुत गहराई से सोचने के बाद निर्णय लेना होता है। इस सोच के व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में दूसरे व्यक्ति को जवाब देने से पहले स्थिति के बारे में गहराई से विश्लेषण जरूर करते हैं।
क्रिटिकल थिंकिंग को बेहतर बनाने के टिप्स
- हर एक चीज के बारे में विस्तार से जानें।
- बिना सोचे समझे किसी भी परिस्थिति के बारे में निर्णय न लें।
- हरेक परिस्थिति में समान नियम न लागू करें।
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3. कंक्रीट थिंकिंग यानी ठोस सोच (Concrete Thinking)
जब कोई भी व्यक्ति किसी भी लक्ष्य या ध्येय को प्राप्त करने के लिए एक ही दिशा में सोचता है तो उस सोच को कंक्रीट थिंकिंग कहा जाता है। इस तरह के लोग अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सीधा सोचते हैं और वे किसी तरह से अपनी सोच नहीं बदलते हैं। ऐसी सोच वाले लोगों के दिमाग या मन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या भ्रम की स्थिति नहीं रहती है।
कंक्रीट सोच को बेहतर बनाने की टिप्स
- युवाओं और छात्रों के लिए यह सोच बहुत जरूरी है।
- इसे बेहतर करने के लिए अपने लक्ष्य को दिमाग में रखें।
- सिर्फ एक ही लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पाने तक न बदलें।
- समय में सिर्फ एक चीज पर ध्यान केंद्रित करें।
- एक विषय के बारे में बहुत सारे प्रश्न पूछें।
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4. कनवर्जेंट थिंकिंग या अभिसारी सोच (Convergent Thinking)
यह एक ऐसी सोचने की प्रक्रिया है जो अपने आसपास नकारात्मकता या परेशानी होते हुए भी लक्ष्य पर ध्यान रखते हैं। ऐसी सोच ज्यादातर वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की होती है। जो हर समय किसी न किसी समस्या का सबसे अच्छा समाधान ढूंढने के लिए बिना भटके अपना ध्यान केंद्रित रखते हैं।
कनवर्जेंट थिंकिंग को बेहतर बनाने की टिप्स
- अपने मिशन पर ध्यान रखें।
- बाधाओं से डरने की बजाय उनका मुकाबला करें।
- हर चुनौती के लिए समाधान ढूंढने में आगे रहने।
- संसाधनों के अभाव में भी हिम्मत न हारें।
5. सामान्य सोच (Abstract Thinking)
यह बहुत ही अलग सोच प्रक्रिया है जो बॉक्स से बाहर निकलकर सोचने के साथ स्थिति के हिसाब से सोच को डेवलप करती है। यह सोच प्रक्रिया विशेष चीजों पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करती है। इस सोच के जरिए आप एक ही चीज के कई समाधान निकालने में लग जाते हैं। इस सोच प्रक्रिया में लोग संकेत और भाषा पर अधिक ध्यान देते हैं।
सामान्य सोच को बेहतर बनाने के टिप्स
- विभिन्न भाषाई दृष्टिकोण और संस्कृतियों के बारे सीखें।
- विज़ुअलाइजेशन की प्रैक्टिस करें।
- आलंकारिक संकेतों और भाषा को सीखें।
- तार्किक सोच गतिविधियों में भाग लें।
- विभिन्न भाषाओं को जानें।
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इन सोच प्रक्रियाओं से आप अपनी सोच को बेहतर बनाने में मदद ले सकते हैं। आपकी सोच और सोचने की प्रक्रिया ही आपको अच्छा इंसान, जीवन में आगे बढ़ने में मदद और हर परिस्थितियों से जूझने का संबल देती है।
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