आपसी तकरार को समाधान में कैसे बदलें

कहते हैं कि जिस घर में दो बर्तन होते हैं तो वो खड़कते भी हैं। मतलब हर घर और रिश्ते में छोटी-मोटी तकरार होना आम है। लेकिन इससे पहले कि मतभेद, मनभेद बन जाएं, इन छोटी-छोटी तकरारों को सुलझा लेना चाहिए।
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आपसी तकरार को समाधान में कैसे बदलें


कहते हैं कि जिस घर में दो बर्तन होते हैं तो वो खड़कते भी हैं। मतलब हर घर और रिश्ते में छोटी-मोटी तकरार होना आम है। मनमुटाव, रूठना-मनाने का क्रम हमेशा चलता ही रहता है। आप भी अछूते न होंगे, आपके बीच भी किसी न किसी विषय को लेकर, कभी न कभी मन-मुटाव या तकरार होती होगी। लेकिन इससे पहले कि मतभेद मनभेद बन जाएं, इन छोटी-छोटी तकरारों को सुलझा लेना चाहिए। तो चलिये आज जानने की कोशिश करते हैं कि कैसे तकरार के बीच भी प्यार तलाशा जा सकता है।


कई बार रिश्ते में दोनों लोगों के विचार नहीं मिलते हैं जिस कारण भी कभी कभी लड़ाई हो जाती हैं। इसमें कोई ग़लत बात नहीं, सबके विचार अलग-अलग होते हैं लेकिन हमेशा इन चीज़ो को लेकर लड़ने के बजय इसका हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए। आपस में बैठकर मतभेदों को सुलझाने की कोशिश करने पर संभवतः कोई ना कोई समाधान निकल सकता है।

 

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तकरार के बाद क्या करें?

हर रिश्ते में कभी न कभी तकरार हो ही जाती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप अपने साथी के साथ बातचीत करना ही बंद कर दें। या फिर आमने-सामने आने पर एक-दूसरे को गुस्से भरी निगाहों से घूरते रहें। बातचीत बंद कर देने से न सिर्फ घर के बाकी सदस्यों को आपके बीच के तनाव की जानकारी मिलती है बल्कि आप दोनों के बीच के रिश्ते में दूरियां और बढ़ जाती हैं। देखिये पति-पत्नी के बीच छोटी-मोटी बातों पर लड़ाई होना आम है। लेकिन जरूरी बात यह है कि आप दोनों के बीच चाहे कितने भी झगड़े क्यों न हुआ हो, आपके बीच बातचीत बंद नहीं होनी चाहिए।

चुप्पी है रिश्ते की दुश्मन

मनोचिकित्सक मानते हैं कि थोड़ी-बहुत नोक-झोंक रिश्ते में प्यार को बढ़ाती है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप लड़ाई के बाद  बातचीत करना बंद न करें। साथ बैठकर अपनी गलतफहमियां को दूर करें। लेकिन वास्तव में होता इसका उल्टा है। झगड़े के बाद अकसर लोग बातचीत करना बंद कर देते हैं, जिससे गलतफहमियां दूर ही नहीं हो पाती। चुप रहकर वे एक-दूसरे के बारे में नकारात्मक सोच को बढ़ाते हैं और रिश्ते में कड़वाहट बढ़ती ही चली जाती है। संबंधों में सहजता के लिए आवश्यक है कि आप दोनों की बातचीत हमेशा जारी रहे। क्योंकि जिस रिश्ते में बातचीत कितनी भी विषम परिस्थितियों आने पर भी बंद नहीं होती है, वहां न केवल एक-दूसरे के लिए हमेशा प्यार बना रहता है बल्कि सम्मान भी बढ़ जाता है।

 

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कैसे शांत करें गुस्सा

वास्तविकता में झगड़े के बाद बहुत अधिक गुस्सा आता है और एक-दूसरे से बातचीत करने का और शक्ल देखने का भी मन नहीं करता। लेकिन ऐसे में एक-दूसरे से बातचीत बंद करने के बजाए अपने गुस्से को कम करने के लिए साथ बिताए उन खूबसूरत दिनों को याद करें, जो आपको खुश करते हैं। आपकी जिंदगी में कई ऐसे यादगार लम्हे होंगे, जिन्हें याद कर आप अपना गुस्सा कम कर सकते हैं।


किसी बात पर तकरार हो जाने के बाद हमेशा अपने पार्ट्नर के मूड को जानें और उसके बाद ही कोई बात शुरू करें। क्योंकि मूड खराब होने पर गुस्सा और बढ़ जाता हैं और बनती बात भी बिगडं सकती है। इसलिए ध्यान रखें जब किसी का मूड खराब हो तो उस वक्त किसी भी बात पर बहस न करें और फिर सही मूड देखकर बात करें।



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