कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करें इन हर्बल उपचारों से

कीमोथेरेपी के साइड इफेट को कम करने में कुछ हर्बल उपचार आपकी मदद कर सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ हर्बल उपचार के बारे में इस आर्टिकल के माध्‍यम से जानते हैं।
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कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करें इन हर्बल उपचारों से


कैंसर से ग्रस्त लोगों के बीच कीमोथेरेपी के साइड इफेक्‍ट, एक आम चिंता का विषय है। हालाकि कीमोथेरेपी का लक्ष्‍य कैंसर कोशिकाओं को नष्‍ट कर इन्‍हें बढ़ने से रोकना है, लेकिन यह स्‍वस्‍थ कोशिकाओं को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। जब स्‍वस्‍थ कोशिकाएं क्षतिगस्‍त होती है तो प्रतिकूल प्रभाव की संख्‍या बढ़ने लगती है। लेकिन घबराइए नहीं क्‍योंकि कीमोथेरेपी के साइड इफेट को कम करने में कुछ हर्बल उपचार आपकी मदद कर सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ हर्बल उपचार के बारे में इस आर्टिकल के माध्‍यम से जानते हैं। लेकिन सबसे पहले हम आपको कीमोथेरेपी से होने वाले कुछ आम दुष्‍प्रभावों की जानकारी देते हैं।

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कीमोथेरेपी के आम दुष्प्रभाव

साइड इफेक्ट और उसकी गंभीरता कैंसर से ग्रस्‍त हर मरीज के बीच अलग होती है और कीमोथेरेपी की खुराक के प्रकार पर काफी निर्भर करती हैं। कुछ आम कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट में शामिल हैं:

  • रक्ताल्पता
  • थकान
  • बाल झड़ना
  • चोट, खून बहने और संक्रमण का खतरा
  • जी मिचलाना
  • उल्टी
  • आंतों और पेट की समस्याएं
  • भूख और वजन में परिवर्तन
  • मुंह, मसूड़ों, और गले में सूखापन
  • तंत्रिका और मांसपेशियों की समस्या
  • त्‍वचा के रंग में बदलाव और सूखापन
  • किडनी और मूत्राशय की जलन
  • यौन और प्रजनन संबंधी समस्‍याएं

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कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स के लिए वैकल्पिक चिकित्‍सा

अनुसंधान से पता चला है कि यहां दिये प्राकृतिक उपचार और वैकल्पिक चिकित्सा से कीमोथेरेपी के साइड इफेक्‍ट को कम करने में कुछ हद तक सफलता मिल सकती है। तो देर किस बात की आइए ऐसे उपायों के बारे में हम भी जानकारी लेते हैं।

 

एक्यूपंक्चर

1997 में नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हेल्‍थ के आम सहमति सम्‍मेलन के विशेषज्ञों के एक पैनल ने कहा कि वह कीमोथेरेपी से जुड़े लक्षय मलती और उल्‍टी के प्रबंधन के लिए एक्‍यूपंक्‍चर को प्रभावी मानते हैं। एक्‍यूपंक्‍चर एक सुई-आधारित चिकितया है जिसका इस्‍तेमाल आमतौर पर पारंपरिक चीनी चिकित्‍सा में किया जाता है।  

2005 में प्रकाशित एक शोध की समीक्षा के बाद, शोधकर्ताओं ने 11 क्लिनिकल परीक्षण किया और पाया कि एक्‍यूपंक्‍चर कीमोथेरेपी के बाद आने वाले उल्‍टी और कीमोथेरपी के मतली की गंभीरता को कम पाया।

2007 में प्रकाशित एक अन्‍य अध्‍ययन के अनुसार जिन कीमोथेरेपी के रोगियों ने एक्‍यूपंक्‍चर कराया, उनमें सामान्‍य थकान, शारीरिक थकान, गतिविधि और प्रेरणा में उल्‍लेखनीय सुधार देखा गया।

 

मसाज थेरेपी

41 लोगों पर किए गये 2002 के अध्‍ययन के अनुसार मसाज कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी करवाने वाले लोगों में दर्द और चिंता को दूर करने और नींद में सुधार करने में मदद करती है।

2007 में प्रकाशित एक अन्‍य अध्‍ययन के अनुसार, कीमोथेरपी के दौर से गुजर रही 39 महिलाओं की 20 मिनट के मसाज सत्र के प्रभावों की जांच की गई। परिणामों ने संकेत दिया कि मसाज मतली को कम करने के साथ मूड में सुधार करती है।

 

जड़ी बूटी

कई अध्‍ययनों से पता चला है कि कीमोथेरेपी के दौरान होने वाली पेट की समस्‍या को अदरक दूर कर सकती है। 644 कैंसर के रोगियों पर किए गये 2009 के एक अध्‍ययन के अनुसार, जो लोग कीमोथेरेपी से तीन दिन पहले और उपचार के दौरान तीन दिन अदरक के सप्‍लीमेंट लेते हैं (एंटी-उल्‍टी दवा के अलावा), उनमें मतली में कम से कम 40 प्रतिशत कटौती पाई गई।

2010 में प्रकाशित एक छोटे से अध्‍ययन से पता चला है मिल्‍क थीस्‍ल (लीवर की समस्‍याओं के इलाज के लिए इस्‍तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटी) कीमोथेरेपी के दौर से गुजर रहे कैंसर रोगियों में लीवर की सूजन से लड़ने में मदद करता है।


कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स का उपचार

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान ने लोगों से आग्रह किया कि कीमोथेरेपी के दौर से गुजर रहे लोगों को साइड इफेक्ट और इसे प्रबंधित करने के लिए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

हालांकि कुछ वैकल्पिक चिकित्सा कीमोथेरेपी के दौर से गुजर लोगों को लाभ पहुंचाती है, लेकिन कीमोथेरेपी के साथ जुड़े अन्‍य मानक उपचार या कारण संयुक्‍त हस्‍तक्षेप कर सकते हैं।

इसलिए, अगर आप कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट के इलाज में वैकल्पिक चिकित्सा के उपयोग पर विचार कर रहे हैं, तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं से परामर्श करना बहुत जरूरी होता है। स्व-उपचार और मानक देखभाल से बचने और देरी से गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

 

Image Source : Getty

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