कैंसर अब भी महिलाओं के लिए सबसे घातक? कब मिलेगा छुटकारा?

दैनिक जीवनचर्या, आर्थिक बदलाव के कारण तेजी से बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता, असंतुलित खानपान, मोटापा और प्रजनन कारकों के कारण गरीब देश में कैंसर अधिक से अधिक महिलाओं को अपनी चपेट में ले रहा है।
  • SHARE
  • FOLLOW
कैंसर अब भी महिलाओं के लिए सबसे घातक? कब मिलेगा छुटकारा?


कहीं आप तो नहीं अगले 14 साल में कैंसर से मरने वाली सातवीं महिला...
पहली बार में ये सावल पढ़कर आप डर जाएं... लेकिन ये डराने के लिए नहीं, चेताने के लिए है। क्योंकि हाल ही में कैंसर को लेकर एक रिसर्च हुई है जिसके आंकड़े डराने वाले हैं। रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2030 तक कैंसर की वजह से तकरीबन 55 लाख महिलाओं की मौत हो जाएंगी। ये संख्या (55 लाख) डेनमार्क की कुल आबादी के लगभग है।

इन आंकड़ों को अच्छी तरह से पढ़ने पर पता चलता है कि आने वाले दो दशक से भी कम समय में कैंसर के मामलों में लगभग 60 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। कैंसर का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव गरीब और मध्यम आय वाले देशों में होने वाला है। 


रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से अधिकतर मौतों का कारण कैंसर होने वाला है जिसका इलाज किया जा सकता है। यह रिपोर्ट अमेरिकी कैंसर सोसायटी ने दवा कंपनी मर्क के साथ तैयार की है। अमेरिकी कैंसर सोसायटी के वैश्विक स्वास्थ्य मामलों की उपाध्यक्ष सैली कोवल ने कहा कि ‘अधिकतर मृत्यु युवा या मध्यम आयु वर्ग के लोगों में देखने को मिलती है’, जिसका परिवार और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर बहुत अधिक भार पड़ता है।

 

कैंसर की वजह से होती है हर सात में से एक महिला की मौत

रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में दुनिया में हर सातवीं महिला कैंसर की वजह से मौत को गले लगा रही है। कैंसर से होने वाली मौतों का ये आंकड़ा दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों के बाद दूसरे स्थान पर है।

ये हैं सबसे घातक कैंसर

  • स्तन कैंसर
  • कोलोरेक्टल कैंसर
  • फेफड़े का कैंसर
  • गर्भाशय का कैंसर

दुख की बात है कि इन सारे कैंसर का पता आसानी से लगाया जा सकता है और इसका सफल इलाज भी हो जाता है। लेकिन फिर भी महिलाएं मौत की शिकार हो रही हैं।

 

गरीब देश ज्यादा पीड़ित

  • रिपोर्ट में इस और विशेष तौर पर ध्यान दिलाया गया है कि गरीब देशों में अमीर देशों की तुलना में कैंसर से अधिक मौते हो रही हैं क्योंकि इसका समय पर पता ही नहीं चल पाता।
  • दैनिक जीवनचर्या, आर्थिक बदलाव के कारण तेजी से बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता, असंतुलित खानपान, मोटापा और प्रजनन कारकों के कारण गरीब देश में कैंसर अधिक से अधिक महिलाओं को अपनी चपेट में ले रहा है।
  • वर्ष 2012 में महिलाओं के कैंसर की वजह से जो मौतें हुईं उसमें से 64 फीसदी मौतें गरीब देशों में हुई हैं।
  • गरीब देशों में दो तिहाई मौतें स्तन कैंसर और 10 में से 9 मौतें सर्वाइकल कैंसर से होती हैं।
  • इंडिया, दक्षिण अफ्रीका और मंगोलिया जैसे देशों में स्तन कैंसर का पता लगने के बाद भी 50 फीसदी महिलाएं मौत की शिकार हो जाती हैं। जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी जैसे 34 विकसित देशों में कैंसर की पहचान के बाद 80 फीसदी महिलाओं का सफल इलाज हो जाता है।

 

इस तरह से रोकें

  • तंबाकू, स्मोकिंग व अन्य नशीले पदार्थों को ना कहें।
  • सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित महिलाओं को पपानीकोलाउ (पैप) और स्मीयर टेस्ट तथा  स्तन कैंसर के लिए मैमोग्राम स्क्रीनिंग टेस्ट कराने चाहिए।
  • फल और हरी सब्जियों से युक्त संतुलित खुराक लें।
  • मोटापा कम करें। नियमित एक्सरसाइज करें।
  • बेहतर जीवनशैली अपनाएं।

 

Read more articles on cancer in Hindi.

Read Next

शराब पीने से बढ़ सकता है ब्रेस्‍ट कैंसर का खतरा !

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version