माता-पिता बनना किसी भी व्यक्ति के जीवन के सबसे अलग और सुखद अनुभवों में से एक होता है। पेरेंट्स बनने पर बच्चे के साथ माता-पिता का एक नया रिश्ता तो शुरु होता है, लेकिन इसके साथ ही उनकी लाइफ की जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती है। बच्चे के पैदा होने के साथ ही मां-बाप की लाइफ में काफी बदलाव होने लगते हैं। अधिकतर न्यूबॉर्न बेबी रात को जागते हैं और दिन में सोते हैं, जिस कारण उनके पेरेंट्स का रूटीन भी बदलने लगता है और नींद पूरी न होने की समस्या भी आम हो जाती है।
अगर आपका नवजात भी रात को जागता और दिन में सोता है तो ये आम बात है, लेकिन अपने बच्चे के इस रूटीन को बदलना कोई मुश्किल काम नहीं है। सर्टिफाइड बेबी स्लीप कंसल्टेंट साहिबा मदान की माने तो बच्चे के रूटीन में थोड़ा बदलाव करके आप उसके सोने-जागने के समय को तय कर सकते हैं, और उसके लिए एक बेहतर स्लीप शेड्यूल बना सकते हैं, आइए जानते हैं कैसे?
न्यूबॉर्न के सोने का समय ऐसे करें तय - How to Fix Newborn's Sleeping Time in Hindi
- अपने बच्चे को हर सुबह एक तय समय पर जगाने की कोशिश करें। आप बच्चे को कमरे की खिड़कियों के पर्दें खोलकर या अपने बच्चे का धीरे-धीरे नाम पुकारकर उन्हें उठा सकते हैं। लेकिन उनके हलचल से या चिड़चिड़ाने से ज्यादा परेशान न हो, क्योंकि पूरी रात जागने के बाद दिन में जागना कुछ दिनों तक उन्हें पसंद नहीं आएगा।
- बच्चे के शरीर को सही रखने के लिए उन्हें सुबह प्राकृतिक रोशनी में ले जाएं।
- अपने बच्चे को 2 से 3 घंटे के अंतराल पर दूध पिलाएं। ऐसा करने के लिए आपको बच्चे को जगाना पड़ सकता है।
- हर डेढ़ घंटे की झपकी के बाद बच्चे को जगाने की कोशिश करें और लगातार 2 घंटे से ज्यादा की झपकी नहीं लेने दें।
- रात को सोते समय अपने बच्चे के लिए सोते आरामदायक रूटीन बनाएं, इसमें उनके शरीर की मालिश, डायपर बदलना और दूध पिलाना जैसी गतिविधियां शामिल हो सकती हैं।
- बच्चे के देर रात जागने पर उनके साथ बात करने या खेलने की कोशिश न करें, बल्कि उन्हें सुलाने की कोशिश करें।
- रात को बच्चे को दूध पिलाने या डायपर चेंज करने के लिए तेज लाइट का इस्तेमाल न करें, इससे बच्चे की आंख जल्दी खुल सकती है।
- बच्चे को टीवी, मोबाइल फोन के नीली रोशनी के संपर्क में आने से बचाने की कोशिश करें।
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ज्यादातर मामलों में, नवजात बच्चा शुरुआती कुछ महीनों में रात को जागता है और दिन में सोता है। आपके बच्चे के जागने का कारण ज्यादातर कारण अस्थायी होता है, इसलिए घबराने की जरुरत नहीं है। इन टिप्स को फॉलो कर आप उसका एक फिक्स स्लीप रूटीन तय कर सकते हैं।
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Image Credit : Freepik