सर्दियों में बच्चे के गले में इंफेक्शन होने पर अपनाएं ये 5 तरीके, जल्द मिलेगी बच्चे को राहत

सर्दियों में बच्चे के गले में इंफेक्शन होने पर उसे अदरक की चाय पीने के लिए दें और कंप्लीट रेस्ट करने को कहें।
  • SHARE
  • FOLLOW
सर्दियों में बच्चे के गले में इंफेक्शन होने पर अपनाएं ये 5 तरीके, जल्द मिलेगी बच्चे को राहत


Tips To Get Rid Of Throat Infection In Children During Winter In Hindi: ठंड बढ़ने के साथ-साथ बच्चों को कई तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। इसमें गले में इंफेक्शन भी शामिल है। बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, इस वजह से उन्हें अक्सर इस तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। बच्चों को इस तरह की परेशानी से बचाने के लिए जरूरी है कि पेरेंट्स सावधानी बरतें। कुछ पेरेंट्स ऐसे हैं, जो तुरंत बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाते हैं और कई सारी दवाईयों खिलाते हैं। जबकि आपक कुछ घरेलू उपायों की मदद से बच्चों को स्वस्थ बना सकते हैं। आज हम यहां कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं, जो आपके बहुत कम आ सकती हैं। इन्हें जरूर फॉलो करें।

बच्चों के गले में इंफेक्शन के लक्षण- Symptoms Of Throat Infection In Children In Hindi

Symptoms Of Throat Infection In Children In Hindi

  • सांस लेने में दिक्कत होना
  • गले में खराश होना
  • गले में दर्द महसूस करना
  • मुंह के अंदर रेडनेस हो जाना
  • हल्का बुखार होना

बच्चों के गले में इंफेक्शन दूर करने के उपाय- How To Get Rid Of Throat Infection In Hindi

How To Get Rid Of Throat Infection In Hindi

गुनगुने पानी से गरारा करवाएं- Gargle With Salt Water

गले में इंफेक्शन होने पर आप बच्चे से कहें कि वह गुनगुने पानी से गरारा करे। गुनगुने पानी में हल्का नमक डालकर मिक्स कर लें। नमक पानी से गरारा करने पर गले का इंफेक्शन कम होगा, गले में जमा म्यूकस रिलीज होता है, सूजन में भी कमी आती है और गले में हो रहा दर्द भी दूर होता है।

गर्म सूप पिलाएं- Drink Hot Soup

बच्चे के गले में इंफेक्शन होने पर उसे गर्म सूप पीने के लिए दें। आप उसे वेजिटेबल सूप, चिकन सूप आदि पीने के लिए दे सकते हैं। Pennmedicine के मुताबिक, "सूप में नमक का उपयोग किया जाता है। नमक, सोडियम का अच्छा स्रोत है। सोडियम की मदद से चेस्ट कंजेशन दूर होता है, गला साफ होता है और बंद नाक की समस्या भी दूर होती है।"

इसे भी पढ़ें: ध्‍यान न देने पर गंभीर हो सकती है बच्‍चों में गले के खराश की समस्‍या, जानें इससे बचाव के 5 उपाय

बॉडी हाइड्रेट रखें- Keep Body Hydrated

अक्सर पेरेंट्स यह गलती करते हैं कि गले में इंफेक्शन होने पर बच्चे को कम पानी पिलाते ते हैं। आप ऐसा न करें। गले में इंफेक्शन से रिकवरी के लिए जरूरी है कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के लिए दें। अगर इंफेक्शन की वजह से सादा पानी नहीं पीना चाह रहे हैं, तो आप उन्हें हल्के गुनगुने पानी में शहद मिक्स करके दें। गले की इंफेक्शन की समस्या से जल्द राहत मिल जाएगी।

ज्यादा से ज्यादा रेस्ट करे- Take Complete Rest

गले में इंफेक्शन को अगर हल्के में लिया जाए, तो बच्चे को जल्द बुखार हो सकता है। इसलिए, जरूरी है कि पेरेंट्स बच्चों को पर्याप्त रेस्ट करने दें। Mayoclinic की मानें, तो बच्चे को घर में अंदर ही रहना चाहिए और रेस्ट करना चाहिए। इसके अलावा, जितना संभव हो, बच्चे से कम बातचीत करें। बच्चा जितना रेस्ट करेगा, गले का इंफेक्शन उतनी तेजी से दूर होगा।

अदरक खिलाएं- Eat Ginger

अदरक एंटीबैक्टीरियरल प्रॉपर्टी का अच्छा स्रोत है। इसलिए, अक्सर सर्दी-जुकाम से रिकवरी के लिए अदरक की चाय का सेवन किया जाता है। बच्चे को आप अदरक किसी भी फॉर्म में दे सकते हैं। Healthline के अनुसार, "अदरक में एलीसिन नाम का एक तत्व होता है, जो प्राकृतिक तरीके से वायर इंफेक्शन दूर करने में मदद कर सकता है।"

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल- FAQ

कैसे पता चलेगा कि बच्चे को गले में संक्रमण है?

अगर बच्चे को बुखार है, गले में खराश है, खाना खाने या पानी पीने में तकलीफ हो रही है, टॉन्सिल में सूजन है या फिर आवाज में भारीपन आ रहा है, तो समझ जाइए कि बच्चे को गले में इन्फेक्शन हो गया है।

गले के इन्फेक्शन की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

अगर गले में इन्फेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो जरूरी है कि आप डॉक्टर से कंसल्ट करें और उनकी प्रिस्क्राइब की गई दवा ही लें। आप चाहें, तो घर में कुछ उपाय आजमाकर इससे राहत पा सकते हैं, जैसे अदरक की चाय पिएं।

बच्चे के गले में दर्द हो तो क्या करना चाहिए?

बच्चे के गले में दर्द हो, तो जरूरी है कि आप उसे ज्यादा से ज्यादा रेस्ट करने की सलाह दें। इसके अलावा, गुनगुने नमक पानी से गरारा करने को कहें। दर्द से आराम मिलने लगेगा। इसके बावजूद, स्वास्थ्य में सुधार न हो, तो डॉक्टर के पास जाएं।

Image Credit: Freepik

Read Next

बच्‍चों के फेफड़ों में इन्‍फेक्‍शन का कारण बनता है रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस, जानें बचाव के उपाय

Disclaimer