मानसून में फंगल इंफेक्‍शन से बचना है तो अपनाएं ये टिप्‍स

मानसून में कई लोगों को खुजली, मुंहासे या फिर त्वचा के अधिक तैलीय होने की समस्या होती है, लेकिन बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण सर्वाधिक परेशानी का सबब बनते हैं और समय रहते इन पर सावधानी न बरती जाए तो यह समस्या गंभीर हो जाती है।
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मानसून में फंगल इंफेक्‍शन से बचना है तो अपनाएं ये टिप्‍स


मानसून में बारिश का मजा लेना सबको अच्छा लगता है लेकिन उसके साथ अनेक तरह की बीमारियों के होने की संभावना भी बढ़ने लगती है। जिनमें खुजली, मुहांसे, चिपचिपापन, स्कैल्प में फोड़े-फुन्सी आदि प्रमुख होतें है। मानसून में कई लोगों को खुजली, मुंहासे या फिर त्वचा के अधिक तैलीय होने की समस्या होती है, लेकिन बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण सर्वाधिक परेशानी का सबब बनते हैं और समय रहते इन पर सावधानी न बरती जाए तो यह समस्या गंभीर हो जाती है।

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फंगल इंफेक्‍श्‍ान का सबसे आम कारण आद्रता है, जिसके कारण डर्माटाइटिस और बालों में रूसी जैसी समस्या होती है। सामान्य फंगल इंफेक्‍श्‍ान की तुलना में स्कैल्प संक्रमण के लक्षण थोड़े अलग होते हैं। आपने अक्सर सिर पर छोटे फोड़े या चिपचिपी परत देखी होगा। ऐसे में जितनी जल्दी हो सके विशेषज्ञ की मदद लें। अगर इसका समय पर उपचार न हो तो बाल झड़ने लगते हैं और समस्या भी बढ़ सकती है। इस समस्या की पहचान करना बहुत आसान है। अगर आपको सिर में खुजली, बालों का गिरना, सिर पर फोड़ा या फुंसी जैसी परेशानी हो तो तुरंत चिकित्सक के पास जाएं।

सिर की त्वचा में संक्रमण से बचाव

अपने सिर को सूखा रखना चाहिए। बारिश में भीगने के बाद अगर आपने बालों को सही तरीके से न सुखाया तो यह बालों में नमी का कारण बनती है। यह फंगल इंफेक्‍श्‍ान का कारण है। मानसून में फंगल इंफेक्‍श्‍ान से बचने का सबसे अच्छा तरीका सफाई है। ऐसे में हम आपको एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल पाउडर इस्तेमाल करने का सुझाव भी देंगे। बारिश के आने से हमारी जलवायु का वातावरण भी बदलता है। वातावरण में नमी बढ़ जाती है। नमी के कारण हमारी त्वचा पर इसका काफी असर पड़ता है। इस मौसम में त्वचा संबंधी रोग, संक्रमण और जलन आदि का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है। इस दौरान हवा में मौजूद नमी शरीर में तेल के स्राव को बढ़ाती है।


हम सभी मानसून और बारिश का खूब आनंद लेते हैं, लेकिन यह हमारे बालों और त्वचा के लिए समस्याएं भी खड़े करता है। इस मौसम में त्वचा के संक्रमण, मुंहासे, बालों में चिपचिपाहट और उनका झड़ना आम बात है। लेकिन खानपान और साफ-सफाई का ध्यान रखकर इन समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है। मौसम के हिसाब से स्वच्छता का ध्यान रखें और अधिक तैलीय भोजन से परहेज करें।


नमी के स्तर और वातावरण में संक्रमण बढ़ने से हमारे बाल और त्वचा भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित होते हैं। फंगल संक्रमण की संभावना कम करने के लिए नहाने के बाद शरीर को सूखे तौलिए से तुरंत सुखाएं। हर समय शरीर को सूखा रखने की कोशिश करें। बालों को सप्ताह में दो बार अच्छी तरह धोएं। मानसून में फंगल संक्रमण से बचने के लिए सही उत्पाद का चुनाव कर उसका प्रयोग करें। त्वचा के लिए एंटीबैक्टीरिया वाला साबुन प्रयोग करें। हर्बल उत्पादों का अधिक प्रयोग करें।

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