मेया क्लिनिक के अनुसार, 'प्रीमेच्योर बेबी के जन्म का मतलब है कि वह उसका जन्म समय से पहले हो गया है। आमौर पर एक सामान्य गर्भावस्था 40 सप्ताह तक चलती है। वहीं, अगर बच्चे का जन्म इस निश्चित समय से पहले हो जाए, तो इसे प्रीमेच्योर बेबी बर्थ कहा जा सकता है।’ जिन शिशुओं का जन्म समय से पहले हो जाता है, उन्हें कई तरह की समस्याओं का समाना करना पड़ता है। विशेषकर, उनका स्वास्थ्य बेहद नाजुक होता है और जरा सी लापरवाही बरतते ही उनकी तबियत खराब हो जाती है। यही नहीं, कुछ गंभीर मामलों में यह भी देखा जा सकता है कि सही तरह से शिशु की देखभाल न होने के कारण, उसकी मृत्यु तक हो जाती है। ऐसा किसी के साथ न हो, इसके लिए बहुत जरूरी है कि प्रीमेच्योर बेबी की केयर करते वक्त कुछ गलतियां दोहराने से बचें। इस बारे में हमने मेडिकेयर हॉस्पिटल, नवी मुंबाई के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम (Head of Pediatric Intensive Care Department) से बात की।
बार-बार शिशु को बाहर ले जाना
प्रीमेच्योर बेबी को बार-बार घर से बाहर ले जाना सही नहीं है। वास्तव में, कई पेरेंट्स सोचते हैं कि शिशु को बाहरी हवा लगेगी, तो इससे उसके स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ेगा। जबकि प्रीमेच्योर बेबीज के लिए ऐसा कहा जाना सही नहीं होगा। पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चे को कम से कम बाहर ले जाएं। वैसे भी इन दिनों मॉनसून का सीजन चल रहा है। इस मौसम में हवा में कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस मौजूद होते हैं, जो शिशु को संक्रमित कर सकते हैं।
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बार-बार घर में मेहमानों का आना
शिशु का जन्म किसी भी परिवार के लिए बेहद खास पल होता है। इसे हर कोई सेलिब्रेट करना चाहता है। लेकिन, आपको यह बता देना जरूरी है कि प्रीमेच्योर बेबी के लिए यह सही नहीं होगा। अगर घर आए मेहमान जरूरत से ज्यादा शिशु को हाथ लगाएंगे या बार-बार गोदी उठाएंगे, तो इससे शिशु की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। प्रीमेच्योर बेबी बहुत नाजुक होते हैं। अगर कोई ऐसा व्यक्ति इन्हें गोदी ले ले, जिसे वायरस है, तो शिशु को भी वायरल होने का चांस बढ़ सकता है। शिशु को सुरक्षित रखने के लिए मेहमानों को फिलहाल घर न आने दें।
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घर में स्मोक करना
अगर आपके घर में कोई ऐसा व्यक्ति है, जो रेगुलर स्मोक करता है, तो आपके लिए यह चेतावनी है। जिन घरों में प्रीमेच्योर बेबी का जनम होता है, उन घरों में लोगों को स्मोक करने से बचना चाहिए। स्मोकिंग करने से शिशु के लंग्स तक धुआं जा सकता है, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
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हाथ न धोकर शिशु को गोदी उठाना
हमारे यहां आमतौर पर ऐसा बहुत कम होता है कि लोग हाथ धोकर नए जन्मे शिशु को गोदी में उठाते हैं। यह तरीका बिल्कुल सही नहीं है। प्रीमेच्योर बेबी को गोदी में उठाते वक्त न सिर्फ अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं, बल्कि सेनिटाइजर की मदद से सेनिटाइज भी करें। इस तरह, आपके हाथ में लगे बैक्टीरिया शिशु के शरीर तक पहुंचकर उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे।
शिशु के वैक्सीन को लेकर लापरवाही करना
चाहे, शिशु प्रीमेच्योर जन्मा हो या सामान्य तरीके से उसका जन्म हुआ हो। दोनों ही स्थिति में यह बहुत जरूरी है कि शिशु को समय-समय पर वैक्सीन लगाई जाए। ये वैक्सीन उसकी इम्यूनिटी को मजबूत करेगी, उसे बाहरी वातावरण से लड़ने में सक्षम बनाएगी। ऐसा करने पर शिशु की इम्यूनिटी इतनी स्ट्रॉन्ग हो जाएगी कि वह आसानी से वायरल फीवर की चपेट में नहीं आएगा।
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