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बारिश में नवजात शिशु हो सकता है कई तरह के इन्फेक्शन का शिकार, जानें बचाव के टिप्स

बार‍िश के द‍िनों में वातावरण में नमी के कारण नवजात श‍िशु की त्‍वचा में संक्रमण हो सकता है। इन्‍फेक्‍शन दूर करने के उपाय जान लें। 
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बारिश में नवजात शिशु हो सकता है कई तरह के इन्फेक्शन का शिकार, जानें बचाव के टिप्स

बरसात के मौसम में नवजात श‍िशुओं में इन्‍फेक्‍शन होने की आशंका बढ़ जाती है। खासकर उन बच्‍चों के ल‍िए बरसात का मौसम और भी ज्‍यादा र‍िस्‍की है, ज‍िनकी स्‍क‍िन सेंस‍िट‍िव है। आपको बार‍िश के दौरान श‍िशु को इन्‍फेक्‍शन से बचाने के ल‍िए जरूरी उपाय और ट‍िप्‍स जान लेने चाह‍िए। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।  

newborn skin infection

बार‍िश में नवजात को क‍िस तरह के स्‍क‍िन इन्फेक्शन होते हैं? (Common types of Newborn Infection During Rainy Season)   

1. बेबी एक्ने (Baby Acne)

बार‍िश के द‍िनों में फंगल इन्‍फेक्‍शन के कारण श‍िशु की स्‍क‍िन पर बेबी एक्‍ने नजर आ सकते हैं। ये द‍िखने में फुंसी जैसे होते हैं। बेबी एक्‍ने के आसपास की त्‍वचा लाल हो जाती है। बेबी एक्‍ने माथे, पीठ और ठोड़ी पर होने की आशंका ज्‍यादा रहती है। 

2. स्‍कैल्‍प पर पपड़ी जमना (Flaky Scalp)

बारि‍श के द‍िनों में रूसी की समस्‍या ज्‍यादा होती है। नवजात श‍िशुओं में बाल ज्‍यादा न भी हों, तो इन्‍फेक्‍शन स्‍कैल्‍प की त्‍वचा को प्रभाव‍ित कर सकता है। इसके कारण श‍िशु के स्‍कैल्‍प पर पपड़ी जमा हो सकती है। इसे क्रेडल कैप के नाम से भी जाना जाता है।  

3. नैपी रैश (Nappy rash)

श‍िशु को बरसात के द‍िनों में नैपी रैश की समस्‍या हो सकती है। बच्‍चे को नम कपड़े पहनाने, नम बिस्तर पर सुलाने या नमी वाले कमरे में सुलाने-लिटाने से नैपी रैश हो जाते हैं। कई बार गीले हाथों से नैपी चेंज करने के कारण भी ऐसा हो सकता है। नैपी रैश फुंसी की तरह की द‍िखते हैं। नैपी रैश वाले एर‍िया में बच्‍चे को जलन महसूस होती है।  

4. मच्छर का काटना (Mosquito Bites)

बार‍िश के द‍िनों में आसपास के वातावरण में मच्‍छर और कीड़ों की संख्‍या बढ़ जाती है। इनके कारण नवजात श‍िशु को इन्‍फेक्‍शन हो सकता है। मच्‍छर के काटने से श‍िशु की त्‍वचा में खुजली और रेडनेस हो सकती है।   

नवजात श‍िशु को इन्‍फेक्‍शन हो जाने पर क्‍या करें? (How to Treat Infection During Rainy Season) 

  • बच्‍चे की स्‍क‍िन पर माइल्‍ड मॉइश्‍चराइजर अप्‍लाई करें।
  • इन्‍फेक्‍शन वाले ह‍िस्‍से में आप डॉक्‍टर की सलाह पर बताए गई क्रीम का यूज करें। 
  • इन्‍फेक्‍शन वाली जगह को ढककर रखने के बजाय उसे ड्राई रखें। 
  • बच्‍चे को नहलाते समय ओटमील वाले गुनगुने पानी का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। 
  • बच्‍चे के स्‍कैल्‍प पर नहलाने से 1 घंटा पहले ऑल‍िव ऑयल अप्‍लाई कर सकते हैं। इससे स्‍कैल्‍प में इन्‍फेक्‍शन ठीक होगा।
  • बच्‍चे के चेहरे को गुनगुने पानी से साफ करें। इन्‍फेक्‍शन वाले ह‍िस्‍से में साबुन न लगाएं।
  • इन्‍फेक्‍शन को ठीक करने के ल‍िए उस एर‍िया में नार‍ियल का तेल अप्‍लाई कर सकते हैं।    

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इन बातों का ख्‍याल रखें  

  • आप श‍िशु के स‍िर और स्‍क‍िन को ड्राई रखें। बच्‍चे को नमी वाले कमरे में न रखें।  
  • नवजात श‍िशु की स्‍क‍िन को ड्राई रखने के ल‍िए तेज खुशबू वाले पाउडर का इस्‍तेमाल न करें। 
  • श‍िशु को कॉटन कपड़े पहनाएं और ध्‍यान रखें क‍ि कपड़े सूखे हों। 
  • नवजात श‍िशु को संक्रमण से बचाने के ल‍िए उसे स्‍तनपान करवाएं। स्‍तनपान से बच्‍चे की इम्‍यून‍िटी बढ़ती है और इन्‍फेक्‍शन का खतरा कम होता है। 

इन ट‍िप्‍स को अपनाकर आप श‍िशु को संक्रमण से बचा सकते हैं। गंभीर लक्षण नजर आने पर आप डॉक्‍टर की सलाह जरूर लें।  

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