
जर्नल ऑफ़ फिजिकल एक्टिविटी एंड हेल्थ नामक जर्नल में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, लंबे समय तक बैठे रहने से न केवल आपका पेट बढ़ता है, बल्कि इससे आपके प्रोटेस्ट स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जैसे-जैसे आप कम सक्रीय होते जाते हैं, प्रोस्टेट कैंसर से जुड़े एक खास प्रोटीन का स्तर बढ़ता जाता है। तो चलिये विस्तार से जानें कि प्रोस्टेट क्या है, इसका क्या महत्व है और इसे किन चीज़ों से नुकसान हो सकता है।

प्रोस्टेट क्या है 
पौरुष ग्रंथि यानी प्रोस्टेट, पुरुषों के जनानांगों में मौजूद कुछ अखरोट के आकार का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह ग्रंथि सीनम के निर्माण में सहायक होती हैं, जिससे सेक्सुअल क्लाइमेक्स के दौरान वीर्य आगे की ओर बढ़ता है। प्रोस्टेट ग्रंथि में सामान्य बैक्टीरियल इंफेक्शन से लेकर कैंसर जैसे गंभीर रोग हो सकते हैं। प्रोस्टेट में किसी प्रकार की समस्या होने पर पुरुषों में आमतौर पर दो प्रकार के रोग देखने को मिलते हैं। पहला, प्रोस्टेटिक हाईपेथ्रोफी (बीपीएच) तथा दूसरे प्रोस्टेट कैंसर। पहले तरह की बीमारी में प्रोस्टेट का आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से मूत्रमार्ग संकरा हो जाता है और पेशाब करने में समस्या और दर्द होता है। वहीं दूसरी प्रकार की बीमारी अर्थात प्रोस्टेट कैंसर में प्रोस्टेट ग्रंथि कैंसरग्रस्त हो जाती है। सही समय पर इसका इलाज न हो, तो यह आस-पास के अंगों को भी प्रभावित करने लगती है।
क्या कहता है शोध 
शोध में शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के 'शारीरिक गतिविधि का स्तर मापा और पाया कि जिन पुरुषों नें दिन में एक घंटा फालू निष्क्रीयता में बिताया, उनमें प्रोस्टेट विशिष्ट प्रतिजन (पीएसए) का स्तर के 16 प्रतिशत अधिक होने की संभावना रही। वहीं दूसरी ओर जिन पुरुषों में दिन में एक घंटा ज्यादा क्रियाशिलता में बिताया उनमें 'पीएसए' के बढ़े होने की संभावना 18 प्रतिशत तक कम थी।

'पीएसए' ओर प्रोस्टेट कैंसर में संबंध
'पीएसए' प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाओं द्वारा गठित प्रोटीन होते हैं। पहले, एक साधारण रक्त परीक्षण से पीएसए का बढ़ा हुआ स्तर जांच कर प्रोस्टेट कैंसर होने की बढ़ी आशंका का पता लगया जाता था। लेकिन अब अब अधिकांश डॉक्टर जानते हैं कि उच्च पीएसए स्तर कैंसर का झूठा अलार्म हो सकता है। केवल कैंसर ही नहीं बल्कि, प्रोस्टेट की सूजन, संक्रमण या प्रोस्टेट का बढ़ना भी पीएसए के स्तर को बढ़ा सकते हैं। 
प्रोस्टेट स्वास्थ्य को ठी रखने के लिये क्या करें 
प्रोस्टेट स्वास्थ्य को ठीक रखना चाहते हैं तो धूम्रपान कतई न करें। धूम्रपान करने से न सिर्फ प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बल्कि पूरे शरीर को भारी नुकसान होता है। धूम्रपान के आदि लोगों की प्रोस्ट्रेट ग्रंथी खराब होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। साथ ही कैफीन और शराब आदि का सेवन भी कम करें। दिन में केवल एक कप कॉफी ही पियें। मोबाइल रेडियेशन से भी खुद का बचाव करें। पुरुष अपने मोबाइल फोन को हमेशा अपनी पैंट की जेब में ही न रखें। क्योंकि इससे होने वाला रेडियेशन प्रोस्टेट ग्रंथी को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि मोबाइल रेडियेशन के इस मुद्दे पर आभी भी कई मत हैं। साथ ही नियमित एक्सरसाइज करने से भी प्रोस्टेट हैल्थ बेहतर रहती है। इसके लिये कीगल एक्सरसाइज एक बेहद लाभदायक एक्सरसाइज होती है। 
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, हर साल अमेरिका में प्रोस्टेट कैंसर के 190,000 से भी अधिक मामले सामने आते हैं। भारत में भी यह आंकड़े चिंताजनक हैं। लेकिन सौभाग्य से, आप अपने प्रोस्टेट को स्वस्थ रखने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।
Images source : © Getty Images
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 जर्नल ऑफ़ फिजिकल एक्टिविटी एंड हेल्थ नामक जर्नल में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, लंबे समय तक बैठे रहने से न केवल आपका पेट बढ़ता है, 
 
 
बल्कि इससे आपके प्रोटेस्ट स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जैसे-जैसे आप कम सक्रीय होते जाते हैं, प्रोस्टेट कैंसर से जुड़े एक खास प्रोटीन का 
 
 
स्तर बढ़ता जाता है। तो चलिये विस्तार से जानें कि प्रोस्टेट क्या है, इसका क्या महत्व है और इसे किन चीज़ों से नुकसान हो सकता है। 
 
 
 
प्रोस्टेट क्या है 
 
पौरुष ग्रंथि यानी प्रोस्टेट, पुरुषों के जनानांगों में मौजूद कुछ अखरोट के आकार का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह ग्रंथि सीनम के निर्माण में 
 
 
सहायक होती हैं, जिससे सेक्सुअल क्लाइमेक्स के दौरान वीर्य आगे की ओर बढ़ता है। प्रोस्टेट ग्रंथि में सामान्य बैक्टीरियल इंफेक्शन से लेकर कैंसर जैसे 
 
 
गंभीर रोग हो सकते हैं। प्रोस्टेट में किसी प्रकार की समस्या होने पर पुरुषों में आमतौर पर दो प्रकार के रोग देखने को मिलते हैं। पहला, प्रोस्टेटिक 
 
 
हाईपेथ्रोफी (बीपीएच) तथा दूसरे प्रोस्टेट कैंसर। पहले तरह की बीमारी में प्रोस्टेट का आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से मूत्रमार्ग संकरा हो 
 
 
जाता है और पेशाब करने में समस्या और दर्द होता है। वहीं दूसरी प्रकार की बीमारी अर्थात प्रोस्टेट कैंसर में प्रोस्टेट ग्रंथि कैंसरग्रस्त हो जाती है। सही समय 
 
 
पर इसका इलाज न हो, तो यह आस-पास के अंगों को भी प्रभावित करने लगती है।
 
 
 
क्या कहता है शोध 
 
शोध में शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के 'शारीरिक गतिविधि का स्तर मापा और पाया कि जिन पुरुषों नें दिन में एक घंटा फालू निष्क्रीयता में बिताया, उनमें 
 
 
प्रोस्टेट विशिष्ट प्रतिजन (पीएसए) का स्तर के 16 प्रतिशत अधिक होने की संभावना रही। वहीं दूसरी ओर जिन पुरुषों में दिन में एक घंटा ज्यादा 
 
 
क्रियाशिलता में बिताया उनमें 'पीएसए' के बढ़े होने की संभावना 18 प्रतिशत तक कम थी। 
 
 
 
'पीएसए' ओर प्रोस्टेट कैंसर में संबंध
 
'पीएसए' प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाओं द्वारा गठित प्रोटीन होते हैं। पहले, एक साधारण रक्त परीक्षण से पीएसए का बढ़ा हुआ स्तर जांच कर प्रोस्टेट कैंसर 
 
 
होने की बढ़ी आशंका का पता लगया जाता था। लेकिन अब अब अधिकांश डॉक्टर जानते हैं कि उच्च पीएसए स्तर कैंसर का झूठा अलार्म हो सकता है। 
 
 
केवल कैंसर ही नहीं बल्कि, प्रोस्टेट की सूजन, संक्रमण या प्रोस्टेट का बढ़ना भी पीएसए के स्तर को बढ़ा सकते हैं। 
 
 
 
प्रोस्टेट स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिये क्या न करें  
 
प्रोस्टेट स्वास्थ्य को ठीक रखना चाहते हैं तो धूम्रपान कतई न करें। धूम्रपान करने से न सिर्फ प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बल्कि पूरे शरीर को भारी नुकसान होता 
 
 
है। धूम्रपान के आदि लोगों की प्रोस्ट्रेट ग्रंथी खराब होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। साथ ही कैफीन और शराब आदि का सेवन भी कम करें। दिन में 
 
 
केवल एक कप कॉफी ही पियें। मोबाइल रेडियेशन से भी खुद का बचाव करें। पुरुष अपने मोबाइल फोन को हमेशा अपनी पैंट की जेब में ही न रखें। क्योंकि 
 
 
इससे होने वाला रेडियेशन प्रोस्टेट ग्रंथी को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि मोबाइल रेडियेशन के इस मुद्दे पर आभी भी कई मत हैं। साथ ही नियमित 
 
 
एक्सरसाइज करने से भी प्रोस्टेट हैल्थ बेहतर रहती है। इसके लिये कीगल एक्सरसाइज एक बेहद लाभदायक एक्सरसाइज होती है। 
 
 
 
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, हर साल अमेरिका में प्रोस्टेट कैंसर के 190,000 से भी अधिक मामले सामने आते हैं। भारत में भी यह आंकड़े 
 
 
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