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प्रेग्नेंसी में खाती हैं मछली? हो सकती हैं सेहत से जुड़ी ये 5 समस्‍याएं

प्रेग्नेंसी में मछली खाने से पारा, बैक्टीरिया व टॉक्सिन्स का खतरा बढ़ता है, जिससे भ्रूण विकास, दिमाग व इम्‍यूनिटी पर बुरा असर पड़ सकता है।
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प्रेग्नेंसी में खाती हैं मछली? हो सकती हैं सेहत से जुड़ी ये 5 समस्‍याएं

जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसके खानपान का असर सिर्फ उसकी सेहत पर ही नहीं, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है। इस समय हर एक चीज को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है, खासकर जब बात आती है प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की जैसे मछली। मछली को अक्सर ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन-डी और प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो सामान्य रूप से शरीर के लिए फायदेमंद है। लेकिन गर्भावस्था की स्थिति सामान्य नहीं होती। उस समय शरीर की सेंस‍िट‍िव‍िटी बढ़ जाती है, पाचन तंत्र थोड़ा धीमा हो जाता है और इम्‍यून स‍िस्‍टम भी बदलावों से गुजरता है। इसलिए प्रेग्नेंसी में वही भोजन खाना स्‍वस्‍थ होता है जो न केवल पोषण दे, बल्कि शरीर को अंदर से स्‍वस्‍थ रखे। कई एक्‍सपर्ट्स ऐसा मानते हैं क‍ि प्रेग्नेंसी में मछली खाने से शरीर को कई तरीके के नुकसान होते हैं। इनके बारे में व‍िस्‍तार से आगे जानेंगे। इस व‍ि‍षय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के व‍िकास नगर में स्‍थ‍ित न्‍यूट्र‍िवाइज क्‍लीन‍िक की न्‍यूट्र‍िशन‍िस्‍ट नेहा स‍िन्‍हा से बात की।


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1. पारे का जहरीला असर- Mercury Toxicity

पारा एक न्यूरोटॉक्सिन है जो भ्रूण के द‍िमागी विकास को नुकसान पहुंचा सकता है। जर्नल ऑफ मिडवाइफरी एंड वूमन हेल्‍थ (Journal of Midwifery & Women's Health) की एक स्‍टडी के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान मछली का सेवन करने से भ्रूण के विकास के लिए जरूरी ओमेगा-3 फैटी एसिड म‍िलता है। लेक‍िन मछली खाने के कुछ नुकसान भी हैं। बड़ी और लंबी उम्र वाली मछलियों में पारे (Mercury) की मात्रा ज्‍यादा होती है। गर्भावस्था में इनका सेवन भ्रूण के द‍िमाग और तंत्रिका तंत्र के विकास को प्रभावित कर सकता है।

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2. इंफेक्‍शन का खतरा- Risk of Infection

कच्ची या अधपकी मछली को खाने से लिस्टेरिया और अन्य बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो गर्भवती महिलाओं और भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकते हैं। कच्ची या अधपकी मछली (जैसे सुशी, स्मोक्ड फिश) में लिस्टेरिया और टॉक्सोप्लास्मा जैसे बैक्टीरिया और परजीवी मौजूद हो सकते हैं। लिस्टेरियोसिस नामक इंफेक्‍शन से गर्भपात, समय से पहले प्रसव या नवजात की मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को हमेशा अच्छी तरह पकी हुई मछली का ही सेवन करना चाहिए।

3. पाचन संबंधी परेशानियां- Digestive Discomfort

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गर्भावस्था में महिलाओं का पाचन तंत्र पहले से ही सेंस‍िट‍िव होता है। मछली की ज्‍यादा मात्रा या खराब गुणवत्ता की मछली खाने से पेट में अपच, एसिडिटी, उल्टी या डायरिया जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इससे शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जो मां और शिशु दोनों के लिए हानिकारक है।

4. कमजोर इम्यून सिस्टम- Weakened Immune System

गर्भावस्था के दौरान, खराब क्‍वॉल‍िटी वाली मछली खाई जाए, तो उसमें मौजूद बैक्टीरिया या टॉक्सिन्स शरीर पर गहरा असर डाल सकते हैं। मछली में मौजूद पारा या अन्य रसायन इम्यून कोशिकाओं पर बुरा असर डालते हैं, जिससे महिला को बार-बार बीमार पड़ने या इंफेक्‍शन का खतरा बढ़ जाता है।

5. फूडबॉर्न बीमारियों का खतरा- Risk of Foodborne Illnesses

गर्भावस्था में भोजन से फैलने वाली बीमारियों (Foodborne Illnesses) का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। मछली अगर सही तरीके से न पकाई जाए या लंबे समय तक फ्रिज में रखी हो, तो उसमें साल्मोनेला, लिस्टेरिया, ई. कोलाई जैसे हानिकारक बैक्टीरिया पनप सकते हैं। इनसे फूड पॉइजनिंग, उल्टी, डायरिया, बुखार और डिहाइड्रेशन हो सकता है, जो गर्भवती महिला और भ्रूण दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।

मछली में कई पोषक तत्व होते हैं जो मां और बच्चे के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन गलत मछली का चुनाव और उसकी मात्रा की अनदेखी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है इसल‍िए गर्भावस्था में मछली या ज्‍यादा मीट खाने से परहेज करना चाह‍िए।

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Study Source: Journal of Midwifery & Women's Health

Study Link: https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S1526952308000755#preview-section-abstract

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FAQ

  • कौन सी बीमारी में मछली नहीं खानी चाहिए?

    गठिया, पाचन तंत्र की समस्याएं (जैसे आईबीएस), यूरिक एसिड ज्‍यादा होने पर, त्वचा रोगों में और कुछ प्रकार की एलर्जी में मछली खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे लक्षण बढ़ सकते हैं।
  • क‍िन लोगों को मछली नहीं खाना चाह‍िए?

    जिन्हें सीफूड एलर्जी है, लिवर या किडनी रोग है, गर्भवती महिलाएं (विशेष रूप से कुछ प्रकार की मछलियों से), छोटे बच्चों को मछली खाने से बचना चाह‍िए। 
  • मछली खाने से नुकसान

    गंदे स्रोत से आई या अधपकी मछली खाने से फूड पॉइजनिंग, पारा विषाक्तता, स्किन एलर्जी, डाइजेशन प्रॉब्लम और लिवर पर असर हो सकता है। सुरक्षित स्रोत से मछली खा सकते हैं।

 

 

 

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