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प्रेग्नेंसी में पाचन से जुड़े इन 5 मिथकों से रहें दूर, एक्‍सपर्ट से जानें इनकी सच्‍चाई

प्रेग्नेंसी के दौरान पाचन से जुड़े कई मिथक महिलाओं के मन में उलझन पैदा करते हैं। इन म‍िथकों के कारण गर्भवती मह‍िलाओं की सेहत अक्‍सर खराब हो जाती है।
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प्रेग्नेंसी में पाचन से जुड़े इन 5 मिथकों से रहें दूर, एक्‍सपर्ट से जानें इनकी सच्‍चाई

28 वर्षीय श‍िल्‍पा मीना प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में पाचन समस्याओं का सामना कर रही थीं। जब वह अपनी मां और सास से इन समस्याओं के बारे में बात करतीं, तो दोनों उन्हें यह सलाह देतीं कि उन्हें खट्टे फल नहीं खाने चाहिए क्योंकि इससे बच्चे की सेहत प्रभावित होती है। इस वजह से उन्होंने इन फलों का सेवन करना बंद कर दिया। लेक‍िन इससे उनका पाचन बेहतर नहीं हुआ और वह निराश होने लगीं। प्रेग्नेंसी में खट्टे फल खा सकते हैं, फलों को न खाना केवल एक म‍िथक है।

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करना पड़ता है। इनमें से एक अहम बदलाव है पाचन तंत्र में चेंज आना। गर्भवस्था के दौरान पाचन संबंधी समस्याएं आम हैं, जैसे कि कब्ज, एसिडिटी, गैस और मतली। हालांकि, इन समस्याओं के बारे में कई मिथक भी फैलाए जाते हैं। महिलाओं को यह समझने की जरूरत है कि इन मिथकों से दूर रहकर वे खुद को स्वस्थ रख सकती हैं। कुछ मिथक प्रेग्नेंसी में पाचन से जुड़ी सामान्य समस्याओं को और बढ़ा सकते हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि क्या सच है और क्या भ्रम। आइए, हम ऐसे ही कुछ मिथकों पर बात करें, जो प्रेग्नेंसी के दौरान पाचन तंत्र से जुड़े हुए हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्‍प‍िटल की वर‍िष्‍ठ गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

1. म‍िथक: गर्भवस्था में ज्यादा खाना जरूरी है- Eating More is Necessary in Pregnancy

बहुत से लोग मानते हैं कि प्रेग्नेंसी में दो लोगों के लिए खाना खाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को केवल 300 अतिरिक्त कैलोरीज की जरूरत होती है, जो वजन और स्वास्थ्य के हिसाब से होती है। ज्यादा खाने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे पेट में गैस और एसिडिटी हो सकती हैं।

इसे भी पढ़ें- प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में पेट से जुड़ी समस्याएं ज्यादा क्यों होती हैं? डॉक्टर से जानें

2. म‍िथक: ताजे फल और सब्जियां पाचन में मदद नहीं करतीं- Fresh Fruits and Vegetables Won’t Help in Digestion

यह मिथक है कि गर्भवती महिलाएं ताजे फल और सब्जियां नहीं खा सकतीं। असल में, ताजे फल और सब्जियां विटामिन, मिनरल्स और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, जो पाचन में मदद करते हैं। फाइबर कब्ज को रोकने और पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

3. म‍िथक: गर्भावस्था में हल्का भोजन ही पाचन के लिए अच्‍छा है- Light Food is Always Right for Digestion in Pregnancy

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यह सच है कि हल्का भोजन पाचन को आसान बनाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमेशा हल्‍का भोजना ही खाना चाह‍िए। प्रेग्नेंसी में सही पोषण और संतुलित आहार जरूरी है। प्रोटीन, विटामिन्‍स और खनिजों से भरपूर खाद्य पदार्थ पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं, जो शारीरिक विकास के लिए जरूरी होते हैं।

4. म‍िथक: प्रेग्नेंसी में खट्टे फल नहीं खाने चाहिए- Avoid Sour Fruits in Pregnancy

यह मिथक है कि प्रेग्नेंसी में खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा या आमला नहीं खाने चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से एसिडिटी और पाचन समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, एक्‍सपर्ट्स के अनुसार, खट्टे फल पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होते हैं, क्योंकि इनमें विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर को इम्‍यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है। इसलिए, प्रेग्नेंसी में खट्टे फल संतुल‍ित मात्रा में खाए जा सकते हैं।

5. म‍िथक: प्रेग्नेंसी में खाना छोड़ने से श‍िशु को नुकसान हो सकता है- Skipping Meals Can Harm Baby in Pregnancy

यह एक आम मिथक है कि प्रेग्नेंसी में कभी भी खाना छोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे को जरूरी पोषण की कमी हो सकती है। हालांकि, एक्‍सपर्ट्स बताते हैं कि अगर गर्भवती महिला को भूख नहीं लग रही है तो उसे खुद को जोर-जबर्दस्ती खाने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। कभी-कभी, खाने के समय में बदलाव या भूख के अनुसार हल्का खाना लेना बेहतर होता है, ताकि पाचन तंत्र पर दबाव न पड़े और होने वाली मां को आराम मिल सके।

गर्भवस्था के दौरान पाचन से जुड़ी समस्याओं के बारे में कई मिथक हैं, जिन्हें सही जानकारी के साथ दूर किया जा सकता है।

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