
प्रेगनेंसी का समय हर महिला के लिए सबसे खूबसूरत होता है। लेकिन इसी समय महिलाओं को बहुत सी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाओं को लिस्टीरियोसिस बीमारी हो जाती है, जो एक गंभीर संक्रमण होता है। बता दें कि लिस्टीरियोसिस लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक संक्रमण है। यह एक दुर्लभ संक्रमण है। प्रेगनेंसी के दौरान लिस्टीरियोसिस होने पर पेट में पल रहे बच्चे को खतरा होता है। कई बार लिस्टेरिया संक्रमण होने से गर्भपात होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। बताते चलें कि लिस्टेरिया बैक्टीरिया गंदे भोज्य पदार्थों, धूल, मिट्टी, दूषित पानी और जानवरों में पाया जाता है। तो चलिए क्लाउडनाइन हॉस्पिटल की सीनियर कंसलटेंट गायनेकोलॉजीस्ट डॉ रितु सेठी से विस्तार से जानते हैं कि प्रेगनेंसी में लिस्टीरियोसिस बीमारी क्यों होती है और लिस्टीरियोसिस बीमारी होने के क्या कारण है। साथ ही जानेंगे लिस्टीरियोसिस बीमारी के लक्षण और प्रेगनेंट महिलाएं कैसे बचाव कर सकती हैं।
लिस्टीरियोसिस बीमारी के कारण
ज्यादातर यह इंफेक्शन लिस्टेरिया बैक्टीरिया से दूषित भोजन के सेवन से होता है। इन्हें खाने से फूड पॉइजनिंग होती है, जो बाद में गंभीर समस्या का कारण बन जाती है। साथ ही धूल, मिट्टी की चपेट में आने से कई प्रेगनेंट महिलाएं लिस्टेरिया से संक्रमित हो जाती हैं।
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- लिस्टेरिया बैक्टीरिया गंदे पानी पीने और पशु का मांस खाने के कारण भी हो सकती है।
- प्रेगनेंसी के दौरान प्रोसेस्ड मीट नहीं खाना चाहिए। ये वह मांस होता है, जिसे कई केमिकल्स से बहुत दिनों तक ताज़ा रखा जाता है।
- अनपाश्चराइज्ड या कच्चा दूध पीने से भी ये संक्रमण हो सकता है।
- रेफ्रिजरेटर में रखा खाना खाने से भी इस संक्रमण का खतरा हो सकता है।
- प्रेगनेंसी के दौरान कच्चे अंकुरित अनाजों को खाने के कारण भी गर्भवती महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
लिस्टीरियोसिस संक्रमण के लक्षण
लिस्टीरियोसिस संक्रमण होना इतना आसान नहीं है, लेकिन यह सबसे अधिक प्रेगनेंट महिलाओं को होता है। इसलिए इस बीमारी के प्रति प्रेगनेंट महिलाओं का जागरूक होना बहुत ज़रूरी है, ताकि वे इस बीमारी की पहचान करके सही समय पर इसका ट्रीटमेंट करा सकें और भ्रूण को प्रभावित होने से बचा सकें। आइए जानते हैं लिस्टीरियोसिस संक्रमण के लक्षण।
- बुखार
- जी मिचलाना
- दस्त
- उल्टी
- मांसपेशियों में दर्द
- सिर दर्द
- ठंड लगना
साथ ही बता दें लिस्टेरिया बैक्टीरिया के संक्रमण के संपर्क में आने के 10 सप्ताह तक ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान बुखार और ठण्ड लगने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
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लिस्टीरियोसिस बीमारी से बचाव कैसे करें?
- मौसमी फलों का सेवन करें। बेमौसम की चीजें न खाएं क्योंकि इन्हें केमिकल्स के द्वारा उगाया और ताजा रखा जाता है।
- पनीर और दही रोजाना खाएं।
- हेल्दी फूड खाएं।
- खाना बनांने से पहले हाथों को अच्छे से साबुन से धोयें।
- जिन बर्तनों में खाना बनाएं उन बर्तनों को अच्छे गर्म पानी से साफ करें।
- कच्ची सब्जियों को अच्छी तरह से साफ़ करें और भोजन को अच्छी तरह से पकाएं।
- रेफ्रिजरेटर में कच्ची और पकी हुई सब्जियों को अलग-अलग रखें। साथ ही समय पर रेफ्रिजरेटर को साफ करें।
- बाहर से सामान खरीदने से पहले प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट को अवश्य चेक करें।
- प्रेगनेंसी के दौरान खुले में बिकने वाले मीट-मछली खाने से बचें। साथ ही अधपका या कच्चा मांस बिल्कुल न खाएं।
- घर से बाहर निकलें तो धूल-मिट्टी से बचने के लिए मास्क और सनग्लासेज पहनें।
इस तरह प्रेगनेंट महिलाएं लिस्टीरियोसिस बीमारी से अपना बचाव कर सकती हैं। इसके लक्षणों के दिखने पर बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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