फेफड़ों की मजबूती हर व्यक्ति के लिए जरूरी होती है। यह हमारे शरीर का एक प्रमुख अंग है लेकिन लोग इसकी कीमत को नहीं समझते और इसे लगातार नजरअंदाज करते हैं। फेफड़े हमारे शरीर के बेहद महत्वपूर्ण अंग होते हैं। क्योंकि जीवित रहने के लिए सांस लेना ज़रूरी है और सांस लेने के लिए स्वस्थ फेफड़े होना आवश्यक है। यदि अपने फेफड़ों की सही देखभाल करें तो ये जीवन भर हमारा बेहतर साथ दे सकते हैं। अगर फेफड़ों पर बाहर से किसी प्रकार का हमला न हो तो वे काफी टिकाऊ बने रहते हैं। यदि कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो हमारे फेफड़े तब तक स्वस्थ रहते हैं जब तक हम खुद किसी तरह (धूम्रपान आदि) से इन्हें मुसीबत में न डालें। तो चलिये आज ऐसे कुछ तरीकों के बारे में जानते हैं जिनकी मदद से हम अपने फेफड़ों को हमेशा स्वस्थ रख सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे आहार बता रहे हैं जो फेफड़ों की मजबूती के लिए बहुत फायदेमंद हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये—
कैरोटीनॉयड
यह एक ऐसा एंटीऑक्सीडेंट तत्व है, जो व्यक्ति को एस्थमा और लंग्स कैंसर के खतरे से बचाता है। यह फेफड़े में मौज़ूद विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है। अगर नियमित रूप से गाजर, ब्रॉक्ली, शकरकंद, टमाटर व हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन किया जाए तो इस तत्व की पूर्ति आसानी से हो जाती है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
ओमेगा-3 फैटी एसिड केवल ब्रेन के लिए ही नहीं बल्कि फेफड़ों की सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए मछली, ड्राई फ्रूट्स और अलसी को अपने भोजन में प्रमुखता से शामिल करना चाहिए।
फोलेटयुक्त खाद्य पदार्थ
हमारा शरीर फोलेट को फोलिक एसिड में तब्दील करता है, जो इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाकर फेफड़ों की हिफाज़त करता है। मसूर की दाल और पालक, मेथी और बथुआ जैसी हरी पत्तेदार सब्जि़यां फोलेट से भरपूर होती हैं। इसलिए लंग्स को मज़बूत बनाने के लिए इन चीज़ों का नियमित रूप से सेवन करें।
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विटमिन सी
विटमिन सी से भरपूर खट्टे फलों में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं, जो सांस लेते वक्त शरीर के अन्य हिस्सों को ऑक्सीजन प्रदान करने में मदद करते हैं। इसके लिए संतरा, नींबू, टमाटर, कीवी, स्ट्रॉबेरी और अंगूर जैसे फलों को अपने भोजन में प्रमुखता से शामिल करें।
एलिसिन
लहसुन में मौजूद एलिसिन नामक तत्व फेफड़ों की सूजन को घटाता है और इन्फेक्शन से लडऩे में मददगार होता है।
फ्लेवोनॉयड
यह एंटीऑक्सीडेंट तत्व फेफड़ों से कार्सिनोजेन नामक नुकसानदेह तत्व को हटाता है, जो इन्फेक्शन के लिए जि़म्मेदार माना जाता है। सेब और अनार इसके सबसे अच्छा स्रोत हैं।
क्यूराक्यूमिन
हल्दी में मौजूद यह तत्व एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के कारण फेफड़ों को मज़बूत बनाता है और एस्थमा के मरीज़ों को भी राहत देता है। अंत में, इन फलों और सब्जि़यों के नियमित सेवन के अलावा पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आदत डालें। इससे शरीर का रक्त संचार दुरुस्त रहता है और यह फेफड़ों के नुकसानदेह तत्वों को बाहर निकालने में भी मददगार होता है।
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