रमजान 2019: रोजा रखने के दौरान इन 5 तरीकों से रहें फिट, जानें एक्सपर्ट की राय

मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है ऐसे में उन्हें पूरे महीने रोजे रखने होंगे और इन दिनों के दौरान उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती खुद को स्वस्थ रखने की होगी। हालांकि दिक्कत उन लोगों के लिए अधिक है, जो मधुमेह या उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित हैं। अपोलो अस्पताल की पोषण विशेषज्ञ व सीनियर कंसल्टेंट डॉ. प्रियंका रोहतगी ने पाक महीने के दौरान खुद को स्वस्थ रखने व पूरे दिन चुस्त रहने के उपाय सुझाए है, जिनके सहारे आप अपनी शक्ति बरकरार रख सकते हैं।    
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रमजान 2019: रोजा रखने के दौरान इन 5 तरीकों से रहें फिट, जानें एक्सपर्ट की राय


मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है ऐसे में उन्हें पूरे महीने रोजे रखने होंगे और इन दिनों के दौरान उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती खुद को स्वस्थ रखने की होगी। हालांकि दिक्कत उन लोगों के लिए अधिक है, जो मधुमेह या उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित हैं। रमजान के दौरान ये लोग ऐसा क्या करें, जिससे उन्हें पूरे दिन ऊर्जा मिले या वह अपने को स्वस्थ रख सकें, इस बात को जानना बेहद जरूरी है इसलिए अपोलो अस्पताल की पोषण विशेषज्ञ व सीनियर कंसल्टेंट डॉ. प्रियंका रोहतगी ने पाक महीने के दौरान खुद को स्वस्थ रखने व पूरे दिन चुस्त रहने के उपाय सुझाए है, जिनके सहारे आप अपनी शक्ति बरकरार रख सकते हैं। 

नमक या चीनी के अत्याधिक इस्तेमाल से बचें

सुहुर या सेहरी तरल पदार्थों के साथ शुरू होती है, निरंतर ऊर्जा के लिए उच्च फाइबर वाले स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए, जैसे साग-भाजी के साथ साबुत गेहूं की रोटियां, दाल के साथ मिस्सी रोटी, दलिया के रूप में जई या बाजरा और सब्जियों वाली खिचड़ी । इसके अलावा सैंडविच में मक्खन लगाकर भी खाया जा सकता है। अगर आप तरल पदार्थ पीना पसंद करते हैं तो पोमोग्रनेट, खरबूज जैसे फलों का जूस पी सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि नमक और चीनी का अत्याधिक इस्तेमाल न करें क्योंकि यह आपकी प्यास को बढ़ाता है।

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मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीज रोजा रखने से बचें

मधुमेह और उच्च रक्तचाप टाइप 1 के रोगियों को रोजा रखने से बचना चाहिए। वे मधुमेह रोगी, जो गोलियों का सेवन करते हैं उन्हें  बीमार होने से बचने के लिए अपने डॉक्टर या फिर आहार विशेषज्ञ के साथ आहार योजना पर चर्चा करनी चाहिए। सेहरी या इफ्तार में बहुत अधिक सरल कार्बोहाइड्रेट का उपयोग से बचें। ऐसा डाइट लें, जिसमें प्रोटीन के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट और सब्जियों का अच्छा संयोजन हों। सेहरी में बादाम के रूप में अपने पास मेवे जरूर रखें।

धूप में जाने से बचें

उपवास के दौरान शरीर हमारे भीतर जमा कार्बोहाइड्रेट व फैट का  उपयोग करता है। चूंकि तरल पदार्थ का भंडार नहीं किया जा सकता इसलिए धूप में जानें, बेफिजूल की मेहनत या यात्रा करने से बचें। इसलिए घर के भीतर ठंडे वातावरण में रहें ताकि आपको पसीना न आए क्योंकि पसीना आने से शरीर में पानी की मात्रा कम होगी और आपको प्यास ज्यादा लगेगी।

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चक्कर आने पर ओआरएस का घोल पीएं

मौसम पर निर्भरता और उपवास की अविध के कारण किसी भी व्यक्ति को हल्का डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे सिरदर्द, थकान और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है। हालांकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है, बशर्ते कि आप सेहरी या इफ्तार के दौरान तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स का प्रयोग करें। अगर उपवास के दौरान किसी को चक्कर आ रहा है या कुछ ठीक महसूस नहीं हो रहा है तो वह तुरंत ओआरएस का घोल पी लें।

घर का बना भोजन खाएं

इफ्तार या सेहरी के दौरान प्रयोग में लाई जाने वाली डाइट पर्याप्त हो सकती है। आप अपनी डाइट में कम वसा वाले खाद्य पदार्थ, बहुत सारे फल व सब्जियां और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ  के साथ-साथ अच्छे तरल पदार्थ शामिल कर सकते हैं, जिसका मतलब है कि आपका भोजन घर में बना हो न कि बाहर से लाए गए स्नैक।

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