हमारे लिए जितनी जरुरी एक्सरसाइज है उससे भी ज्यादा जरूरी है, एक्सरासाइज से पहले वार्मअप करना। वार्मअप करने से शरीर लचीला बन जाता है, साथ ही इससे मांसपेशियों में रक्तसंचार बढ़ जाता है और उन्हें गर्माहट मिलती है। ऐसे में आप न केवल अधिक समय तक व अधिक वजन उठा कर वर्कआउट कर सकते है बल्कि चोट या मोंच लगने की आशंका भी कम हो जाती है। वार्मअप करने से मसल्स, लिगमेंट और टेंडन पूरी तरह से स्ट्रेच हो जाती हैं। लेकिन इसे सही तरीके से करना भी जरूरी होता है। तो चलिये आज आपको बताते हैं कि एक्सरासइज से पहले सही तरीके से वार्मअप कैसे किया जाए, ताकि भारी वज़न उठाकर वर्कआउट किया जा सके।
जौगिंग करें
एक्सरासाइज के दौरान भारी वजन उठाने के लिए पहले वार्मअप करें। ध्यान रहे कि जब भी आप एक्सरासाइज शुरु करें उससे पहले ट्रेडमिल पर 5 से 10 मिनट तक जौगिंग करें। और फिर धीरे-धीरे इसका समय को बढ़ाते जाएं। यह इसलिए भी करना जरुरी है क्योंकि इससे शरीर का तापमान बढ़ाता है। लेकिन कभी भी ट्रेडमिल कर एकदम से ही दौड़ना नहीं शुरू कर देना चाहिए। ठीक इसी प्रकार दौड़ना बंद करने से पहले भी अपनी रफ्तार को धीमा कर लेना चाहिए, ताकि दिल की धड़कन वापस से सामान्य हो जाए। आप दौड़ भी लगा सकते हैं। खुली जगह में दौड़ने से कूल्हे और घुटनें लचीले बनाते हैं।
स्ट्रेचिंग करें
द जर्नल ऑफ स्ट्रेंथ और कंडिशनिंग रिसर्च में प्रकाशित हुए एक शोध के मुताबिक वर्कआउट से पहले स्टेटिक स्ट्रेचिंग मसल स्ट्रेंथ को तकरीबन 5.5 प्रतिशत तक कम कर देती है। स्टेटिक स्ट्रेचिंग का अर्थ है शीरीर को शांत रखते हुए किसी भी एक मसल को इतना स्ट्रेच करना ताकि उसमें थोड़ा असहजता महसूस हो और फिर इस स्थिति में कम से कम आधे से एक सेकंड तक टिके रहना। इस प्रकार की स्ट्रेचिंग का लक्ष्य होता है शीरीर की फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाना और उसे ठंडा रखना। इसलिए स्ट्रेचिंग को हमेशा वर्कआउट के बाद ही करना चाहिए।
रस्सी कूदना या साइकिलिंग
रस्सी कूदना भी एक बेहतरीन वार्मअप एक्सरसाइज हैं। रस्सी कूदने की शुरुआत करते समय रस्सी को धीमे-धीमे कूदना शुरू करें। शुरुआत में केवल एक पैर का ही इस्तेमाल करते हुए रस्सी कूदें। और फिर थोड़ी देर के बाद दोनों पैरों का इस्तेमालकरना शुरू कर दें। इसे वार्मअप के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज में से एक माना जाता है। इसके अलावा साइकिल मशीन पर साइकिलिंग कर सकते हैं या फिर आप बाहर जाकर असली साइकिल भी चला सकते हैं।
कार्डियो शामिल करें
आपने बैवी वेट एक्सरसाइज और मसल्स बिल्ड़िग प्रोग्राम में कार्डियो एक्सरासइज को जोड़ना भी बेहद आवश्यक होता है। हैवी वेट एक्सरसाइज की योजना का अधिक से अधिक लाभ तब तक नहीं मिलता, जब तक कि आप साथ में अच्छा कार्डियो नहीं करते हैं। लेकिन बहुत ज्यादा कार्डियो करने से भी बचें।
जरूरत से ज्यादा वार्मअप भी ठीक नहीं
कोई भी चीज़ सीमित मात्रा में ही हो, तभी लाभ दती है। इसलिए जरूरत से ज्यादा वार्मअप भी नहीं करना चाहिए। जिम में हर एक्सरसाइज का सेट आरम्भ करने से पहले आपको वार्मअप करने की जरूरत नहीं होती है। फर्ज़ करें कि अगर आप एक दिन में चेस्ट, शोल्डर्स और ट्राइसेप्स वर्कआउट कर रहे हैं, तो ऐसे में आपका काम बस चेस्ट एक्सरसाइज के वार्मअप से ही चल जाएगा। इसमें आप पुश अप्स कर सकते हैं और इसके बाद आपको लेटरल रेसिस और ट्राइसेप्स एक्सटेंशंस की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि चेस्ट की एक्सरसाइज से ही आपके कंधों को भी पूरा वर्कआउट मिल जाता है।
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