
आईलाइनर आंखों की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। छोटी आंखें भी आईलाइनर लगा लेने भरी से और खूबसूरत लगने लगती हैं। लेकिन इसे लगाने का भी एक सही तरीका होता है। लगत तरीके से आईलाइनर नगाने से न सिर्फ मेकअप खराब होता है, बल्कि आपकी आंखों को काफी नुकसान पंहुचा सकता है। आई एंड कांटेक्ट लेंस जर्नल में प्रकाशित एक नए शोध के अनुसार यदि लैश लाइन की रेखा के भीतर आईलाइनर लगाया जाए तो ये नजर को धुंधला कर सकता है तथा इस्की नेत्र रोग भी पैदा कर सकता है। तो चलिये विस्तार से जानें कि आईलाइनर लगाने का गलत तरीका आंखों के लिये कितना घातक हो सकता है।
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एक नए शोध में चेतावनी दी गई कि आंखों की पलकों के भीतर और बाहर लगाया जाने वाला आईलाइनर आंखों की रोशनी को नाकारत्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यह इस तरह का पहला अध्ययन है जो ये बताता है कि पेंसिल आइलाइनर लगाते वक्त इसके कण आंखों में चले जाते हैं।
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को करने के लिए वीडयो रिकॉर्डिंग की मदद ली। पहले तो उन्होंने कई प्रकार से मेकअप किया और फिर तुलना करके देखा कि आइलाइनर के कण कितनी मात्रा में आंखों की आसुओं वाली झिल्ली पर पहुंचते हैं। दरअसल अश्रु झिल्ली आंखों पर एक पतली परत के रूप में मौजूद होती है जो आंखों की रक्षा करती है।
वाटरलू विश्वविद्यालय के साइंटिस्ट डॉक्टर एलिसन नग के अनुसार, ‘हमने अध्ययन के दौरान पाया कि मेकअप करने से आंखों में आईलाइनर के कण चले जाते हैं और जब आईलाइनर को आंख की पलकों की भीतर लगाया जाता है तो ये ज्यादा तेजी से आंख के भीतर जाते हैं।’ इस अध्ययन में हर प्रतिभागी ने पहले पलकों के बाहर की तरफ चमकने वाले (ग्लिटर) आइलाइनर को लगाया और फिर बाद में आंख से ज्यादा नजदीक रहने वाली पलकों की अंदरूनी ओर इसे लगाया।
विजन वैज्ञानिकों ने पाया कि आंखों के भीतर की ओर आइलाइनर लगाने पर पांच मिनट के अंदर ही 15 से 30 प्रतिशत ज्यादा कण आंखों की अश्रु झिल्ली पर पहुंच गए। गौरतलब है कि यह शोध आई एंव कांटैक्ट लैंस साइंस एंड क्लीनिकल प्रैक्टिस जर्नल में प्रकाशित हुआ।
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