Category : Beyond the call of Duty
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कौन : बोंथा साईं कुमारक्या : युवा कोरोना योद्धा जिसने दान की अपनी सैलरी
क्यों : अपनी कमाई से कोरोना रिलीफ के लिए किया दान
सेवा भाव का जज्बा अमीरी या गरीबी नहीं देखता, देखता है इरादा, जो कोरोना महामारी के समय बोंथा साईं कुमार ने दिखाया है। तेलंगाना के इस स्वच्छता दूत ने मुख्यमंत्री राहत कोष में अपनी दो महीने की सैलरी देकर सेवा परमो धर्म: की मिसाल पेश की है। बोंथा साईं कुमार के इसी सेवाभाव को देखते हुए OMH Healthcare Heroes अवॉर्ड में उन्हें ‘बियोंड दी कॉल ऑफ ड्यूटी- फ्रंटलाइन हीरो के लिए नॉमिनेट किया गया है।
महामारी काल में सफाईकर्मियों की कितनी अहमियत है, ये पूरा देश जानता है। इनकी अटूट मेहनत पर हमारी स्वच्छता और स्वास्थ टिका हुआ है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ये वो अग्रिम पंक्ति के हीरों हैं, जो अपने स्वास्थ्य और जान की परवाह किए बिना मानव की सेवा कर रहे हैं। लेकिन तेलंगाना के अटनूर में रहने वाले सफाईकर्मी बोंथा साईं कुमार कोरोना काल में अपनी ही बिरादरी में दो कदम आगे निकल गए। उन्होंने न केवल तन मन से सफाई और स्वच्छता का काम किया, बल्कि दो महीने का अपना वेतन भी दान में दे दिया।
दरअसल लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लोग प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दे रहे थे। बोंथा साईं कुमार को यह खबर मिली और देश के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते उन्होंने दो महीने की सैलरी लगभग 17 हजार रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देकर अपना योगदान दिया। बोंथा की मां, आशा रेड्डी, अटनूर ग्राम पंचायत की पूर्व सरपंच हैं और अपने समुदाय की देखभाल के लिए अपने बेटे के दृष्टिकोण का समर्थन करती हैं। वैसे समाज के लिए बोंथा का योगदान पहला योगदान नहीं है। उन्होंने वर्ष 2010 में हैदराबाद तक 100 किलोमीटर की पैदल यात्रा की थी, ताकि जोडेघाट के लिए बेहतर सड़क और विकास की मांग की जा सके।
बोंथा साईं कुमार के इस योगदान के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया। तेलंगाना के आईटी मंत्री केटी रामाराव ने ट्विटर पर बोंथा साईं कुमार की एक तस्वीर साझा की और चल रहे महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए बोंथा की सराहना की। उन्होंने लिखा “मेरा #CitizenHeroes आज एक आदिवासी किशोर है, जिसका नाम बोंथा साईं कुमार है, जो अटनूर में स्वच्छता कार्यकर्ता के रूप में काम करता है। एक बहुत ही सक्रिय और सामाजिक रूप से जागरूक युवा। इन्होंने दो महीने के लिए अपने वेतन का योगदान दिया है।”
यही नहीं, सोशल मीडिया पर बोंथा साईं कुमार की इस भेंट पर कई यूजर्स ने उन्हें सलाम भी किया है। बोंथा अपने इस योगदान के लिए हमेशा जाने जाएंगे। वह अपने काम से हमेशा प्रशंसनीय तो रहेंगे ही, साथ ही मुश्किल समय में अपनी सैलरी दान करके दूसरों के लिए मिसाल भी कायम करेंगे।
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