अगर आप इस दुविधा में हैं कि नींद और थकान दूर करने के लिए कॉफी या चाय में से किसका सेवन किया जाए तो बेहतर रहेगा कि आप चाय को चुनें। चाय में ऑक्सीकरणरोधी (एंटीऑक्सीडेंट) गुण होते हैं। एक शोध के मुताबिक, चाय पीने से गैर-ह्वदवाहिनी (नॉन कार्डियो-वस्कुलर-सीवी) का खतरा 24 फीसदी तक कम हो जाता है।
स्पेन के बार्सिलोना में यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ईएससी) कांग्रेस 2014 में फ्रांस के प्रोफेसर निकोलस डानचिन ने कहा कि आजकल चाय और कॉफी हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने फ्रांस के ह्वदवाहिनी बीमारियों के कम जोखिम वाले लोगों में सीवी घातकता और गैर सीवी घातकता पर चाय और काफी के प्रभावों की जांच की।
शोध में 18 से 95 आयुवर्ग के 1,31,401 लोगा शामिल हुए। औसतन 3.5 साल की फॉलो-अप अवधि के दौरान सीवी कारणों से 95 और गैर सीवी कारणों से 632 लोगों की मौतें हुई। शोधकर्ताओं ने कॉफी पीने वालों में सीवी का खतरा, कॉफी नहीं पीने वालों के मुकाबले ज्यादा पाया।
कॉफी नहीं पीने वाले लोग शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय थे। काफी न पीने से शारीरिक सक्रियता का स्तर 45 फीसदी, जबकि कॉफी पीने वालों में 41 फीसदी था। चाय पीने वालों लोगों में सीवी जोखिम प्रोफाइल बेहतर था। प्रतिदिन संयत चाय पीने वालों में शारीरिक गतिविधि 43 फीसदी और ज्यादा चाय पीने वालों की शारीरिक गतिविधि 46 फीसदी तक बढ़ी।
शोध में पाया गया कि संक्षेप में कॉफी पीने वालों में जोखिम का स्तर अधिक और चाय पीने वालों में जोखिम का स्तर कम होता है। हमने यह भी पाया कि महिलाओं की अपेक्षा पुरूष काफी ज्यादा पीते हैं, जबकि महिलाएं अपेक्षाकृत चाय ज्यादा पीती हैं।