जापान और भारत सिकल सेल अनीमिया के इलाज खोजने की दिशा में मिलकर काम करेंगे। रविवार को दोनों देशों ने इस पर फैसला लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जानलेवा बीमारी का ईलाज खोजने में जापान से मदद मांगी थी। गौरतलब है कि यह बीमारी भारतीय की जनजातियों में काफी फैली हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी इस बीमारी का निदान खोजने की दिशा में काफी समय से प्रयास कर रहे हैं। 2012 में जब उन्होंने बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी का दौरा किया था तब उन्होंने मेडिसन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीत चुके एस यामानाका से बातचीत की थी।
यामानाका क्योटो यूनिवर्सिटी के निदेशक भी हैं। प्रधानमंत्री ने अपने दौरे के दूसरे दिन स्टेम सेल रिसर्च फेसिलिटी की यात्रा की और यह आग्रह किया कि जापान इस दिशा में भारत की मदद करे।
सिकल सेल एक गंभीर डिस्ऑर्डर है जिसमें शरीर की लाल रक्त कोशिकायें अर्धचंद्राकार आकार में बढ़ती हैं। सामान्य रक्त कोशिकायें थाली के आकार की होती हैं। ये रक्त कोशिकायें रक्त वाहिनियों में से आसानी से बहती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं में आयरन से भरपूर प्रोटीन होता है जिसे हीमोग्लोबिन कहा जाता है। यह प्रोटीन फेफड़ों से शरीर के अन्य हिस्सों तक ऑक्सीजन लेकर जाता है।
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