
टीबी संक्रमण से फैलने वाला एक गंभीर रोग है। यह रोग जितना जेनेटिक है उतना ही हमारी लाइफस्टाइल से भी जुड़ा हुआ है। मौजूदा वक्त में दुनिया के करीब सात करोड़ लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। ट्यूबरकुलोसिस (टी.बी) एक ऐसी बीमारी है जो मौत का कारण भी बन सकती है।
टीबी एक ऐसी बीमारी है जो आसानी से एक दूसरे में फैलती है। जिन लोगों को टीबी होता है उनके खांसने, बोलने, सांस लेने और थूकने के समय बलगम व थूक की बहुत ही छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिनमें उपस्थित बैक्टीरिया कई घंटों तक हवा में रह सकते हैं और स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में सांस लेते समय प्रवेश करके उसे भी टीबी का रोगी बना देते हैं।
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टीबी होने/फैलने के मुख्य कारण
- टीबी की बीमारी से पीड़ित मरीज का जूठा खाना।
- टीबी के मरीज का चुम्बन करना या लार चाटना।
- टीबी का मरीज जब खांसे तो उसके सामने बैठे रहना।
- इन्फेक्टेड इंजेक्शन से भी टीबी का रोग फैलता है।
- रोगी द्वारा इस्तेमाल किये गए कपड़े और तोलिये का इस्तेमाल करना।
- शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना।
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टीबी होने/फैलने के मुख्य लक्षण
- 2 हफ्ते तक लगातार होने वाली खांसी टीबी का स्पष्ट लक्षण है।
- शाम के वक्त बुखार आना इस रोग का मुख्य लक्षण है।
- छाती (सीने) में दर्द की शिकायत होना।
- गले में दर्द और सूजन होना।
- लगातार वजन का घटते रहना।
- नॉर्मल सांस लेने में दिक्कत होना और थोड़ा सफर तय करने पर सांस का फूलना।
टीबी से बचने के आसान उपचार
- स्मोकिंग से दूर रहना।
- मॉनिंग वॉक पर मास्क पहन कर जाना।
- कार का शीशा हमेशा बंद रखें।
- बच्चों को इंफेक्शन से बचाने के लिए घर में और आस-पास सफाई रखें।
- चेस्ट की फिजियोथैरेपी और ब्रिदिंग एक्सरसाइज से भी मदद मिलती है।
- अनुलोम-विलोग प्राणायाम से भी फेफड़ों को आराम मिलता है।
नोट— टीबी की बीमारी से बचने के लिए बताए गए 6 उपचारों को नियमित करने से इस बीमारी की चपेट में आने से बचा जा सकता। इसके अलावा नियमित एक्सरसाइज और हेल्दी खानपान से भी इस बीमारी की चपेट में आने से बचा जा सकता है।
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