इसलिए होता है ब्रेस्ट कैंसर, ऐसे करें बचाव

ब्रेस्‍ट कैंसर की पहचान और उसका समय से इलाज बहुत जरूरी है। ऐसा न होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है। स्‍तन कैंसर के लक्षणों के बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
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इसलिए होता है ब्रेस्ट कैंसर, ऐसे करें बचाव


देश में ब्रेस्‍ट कैंसर यानी स्‍तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महिलाओं के साथ पुरुष भी स्‍तन कैंसर के शिकार हो रहे हैं। यह ए‍क खतरनाक रोग है, इसकी अनदेखी जीवन पर भारी पड़ सकती है। एक रिसर्च से साफ हुआ है‍ कि लड़कियों में स्‍तन कैंसर के बढ़ रहे मामलों के लिए आधुनिक जीवनशैली के बीच देर से शादी करना प्रमुख कारण है। ज्‍यादा बढ़ने पर यह रोग जानलेवा भी हो सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि स्‍तन कैंसर के बाद महिला की जिंदगी नर्क बन जाती है। वहीं कुछ यह भी मानते हैं कि इससे खूबसूरती पर असर पड़ता है। इस लेख के जरिए हम आपको बता रहे हैं, कुछ ऐसी बातें जिनसे आप स्‍तन कैंसर के बारे पता लगा सकते हैं।

ब्रेस्‍ट कैंसर

 

स्‍तन में गांठ और दर्द

किसी स्‍तन में गांठ महसूस होना, ब्रेस्‍ट कैंसर का सामान्‍य लक्षण है। ऐसे में स्‍तन में दर्द भी होता है। कई बार लड़कियां और महिलाएं ब्रेस्ट में होने वाले दर्द को पीरियड के दौरान होने वाली समस्‍या सोचकर नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसे में आपको डॉक्‍टर से जरूर परामर्श करना चाहिए। प्रत्‍येक महिला को हर 15 दिन पर अपने स्‍तनों को दबाकर स्‍वंय जांच करनी चाहिए, जिससे किसी भी तरह की परेशानी से बचा सजा सकें।


निपल से रिसाव होना

यदि कोई महिला ब्रेस्‍ट फीडिंग नहीं कराती और उसके निपल से दूध का रिसाव हो रहा है, तो यह भी ब्रेस्‍ट कैंसर का कारण हो सकता है। दूध के अलावा खून या पानी का रिसाव होना भी खतरनाक है। ऐसे में निपल के आकार में बदलाव भी हो सकता है और महिला का कोई एक निपल अंदर की तरफ मुड़ सकता है।


ब्रेस्‍ट के आकार में बदलाव

यदि आपको ब्रेस्‍ट या निपल को शीशे में देखने पर आकार में अंतर महसूस हो रहा है, तो यह स्‍तन कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसे में स्‍तन पर एक साइड सूजन या चकत्‍ते भी पड़ जाते हैं। निपल पर परत या पपड़ी बनने के साथ ही त्‍वचा के रंग में बदलाव भी स्‍तन कैंसर का कारण हो सकता है।


तेजी से वजन कम होना

लंबे समय तक बुखार, वजन कम होना और तीन से चार हफ्तों तक सुस्‍ती बने रहना भी स्‍तन कैंसर का इशारा हो सकता है। कई अन्‍य बीमारियों के साथ ही स्‍तन कैंसर में भी अचानक वजन कम हो जाता है। इसके अलावा पेट के कैंसर, फेफड़ों के कैंसर और अग्‍नाश्‍य कैंसर आदि में भी यह समस्‍या होती है।


स्‍तन कैंसर का कारण

धूम्रपान, अल्‍कोहल या पान मसाला का सेवन भी ब्रेस्‍ट कैंसर की आशंका को बढ़ाता है। कुछ महिलाएं बच्‍चों को ब्रेस्‍ट फीडिंग नहीं कराती, जो कि स्‍तन कैंसर का बड़ा कारण होता है। देर से शादी होने पर भी ब्रेस्‍ट कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। देर से शादी होने पर बच्‍चा देर से पैदा होता है। ऐसा माना जाता है कि देर से स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को स्‍तन कैंसर की आशंका ज्‍यादा रहती है।


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ब्रेस्‍ट कैंसर से बचाव के घरेलू नुस्‍खे


काली मिर्च- काली मिर्च में एंटीऑक्सिडेंट ज्‍यादा मात्रा में होता है। एंटीऑक्सिडेंट किसी भी प्रकार के कैंसर से आपका बचाव करता है। भोजन में काली मिर्च का सेवन आपको इस तरह के खतरे से बचाए रखता है। इसमें पैपरीन भी होता

है, जो कि एंटी कैंसर के रूप में प्रयोग किया जाता है।

लहसुन- लहसुन का सेवन भी ब्रेस्‍ट कैंसर से बचाने में कारगर होता है। इसमें भी एंटीऑक्‍सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। लहसुन शरीर में कार्सिनोजेनिक कंपाउन्‍ड बनने से रोकता है और कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है।

ग्रीन टी- ग्रीन टी में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं और यह कई प्रकार के कैंसर से आपको बचाती है। प्रतिदिन ग्रीन टी का सेवन, कैंसर कोशिकाओं को बनने से रोकता है। एक रिसर्च से भी पता चला है कि दिन में तीन बार ग्रीन

टी पीने से शरीर में पूरी तरह से कैंसर के सेल्‍स का बनने की आशंका खत्‍म हो जाती है।

ब्रेस्‍ट कैंसर के लक्षणों के जरा भी महसूस होने पर डॉक्‍टर से परामर्श करना चाहिए। इसके इलाज में लापरवाही आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है।

 

Image Source : Getty

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