
महिलाओं में ओवरियन कैंसर (अंडाशय का कैंसर) और सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय का कैंसर) का खतरा काफी बढ़ गया है। जानें ओवरियन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के लक्षण ताकि सही समय पर इनकी जांच कर खतरों से बचा जा सके।
भारत में हर साल लाखों महिलाओं की मौत कैंसर के कारण होती है। महिलाओं में पाए जाने वाले सबसे प्रमुख कैंसर हैं- ब्रेस्ट कैंसर, ओवरियन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर। ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे ज्यादा महिलाएं ओवरियन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के कारण ही मरती हैं। गलत खानपान, धूम्रपान और शराब की लत के कारण पिछले कुछ सालों में दुनियाभर में कैंसर रोग तेजी से बढ़ा है। डॉक्टर्स मानते हैं कि महिलाओं में जंक फूड्स की आदत मोटापे और कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को बढ़ा देती है। ओवरियन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर को क्यों खतरनाक माना जाता है, जानें इसके कारण और लक्षण।
क्यों खतरनाक हैं ओवरियन और सर्वाइकल कैंसर?
ओवरियन कैंसर (अंडाशय का कैंसर) और सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय का कैंसर) दोनों को ही बहुत खतरनाक समझा जाता है। इसका कारण यह है कि इन दोनों प्रकार के कैंसरों के लक्षण शुरुआती अवस्था में नहीं दिखते हैं या बहुत कम दिखते हैं। 75% से ज्यादा मामलों में जब ये कैंसर एडवांस स्टेज (तीसरे या चौथे स्टेज) में पहुंच जाता है, तब इनका पता चलता है। इस स्टेज में पता चलने पर इन कैंसरों का इलाज मुश्किल भरा हो जाता है और कई तरह की परेशानियां होती हैं।
इसे भी पढ़ें:- महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का संकेत हैं ये 10 लक्षण, जानें किन्हें होता है खतरा
कामकाजी महिलाओं को ज्यादा खतरा
एक्सरपर्ट बताते हैं कि ओवरियन और सर्वाइकल कैंसरों का खतरा कामकाजी महिलाओं में ज्यादा होता है। इसका कारण यह है कि कामकाजी महिलाएं बहुत देर तक एक ही जगह पर बैठी रहती हैं और उनमें घर-परिवार की जिम्मेदारियों के बीच तनाव भी बहुत ज्यादा होता है। इसके अलावा सामान्यतः देखें, तो कामकाजी महिलाएं अपनी सेहत पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती हैं इसलिए उनमें खानपान की गड़बड़ी ज्यादा पाई जाती है। ये सभी आदतें कैंसर को बढ़ावा देती हैं।
जल्दी पता चलने पर हो सकता है कैंसर का इलाज
अगर सर्वाइकल और ओवरियन कैंसर का पता शुरुआत में चल जाए, तो इनका इलाज आसानी से किया जा सकता है। इसलिए एक्सपर्ट मानते हैं कि हर महिला को नियमित इन कैंसरों की जांच करवाते रहना चाहिए। इसके लिए पेट के निचले हिस्से (पेल्विक) का अल्ट्रासाउंड स्कैन किया जाता है और शरीर में Ca 125 की मात्रा जांची जाती है। 3 साल या इससे ज्यादा समय से शारीरिक संबंध बना रही महिला को हर साल इसकी जांच करवानी चाहिए। इसके अलावा 21 साल से बड़ी उम्र की महिलाओं को भी साल में 1 बार ये जांच जरूर करवानी चाहिए।
इसे भी पढ़ें:- ओवरियन सिस्ट के इन 6 संकेतों को नजरअंदाज न करें महिलाएं, सामान्य लगते हैं लक्षण
ओवरियन कैंसर के लक्षण
- पेट में अचानक दर्द या मरोड़ उठना
- अपच और कब्ज की समस्या शुरू हो जाना
- पेट फूलने की समस्या (ब्लोटिंग) होना
- योनि से असामान्य खून निकलना या सफेद लिसलिसे पदार्थ का रिसाव
- भूख कम लगना और खाने की इच्छा न होना
- सर्विक्स कैंसर (गर्भाशय के कैंसर) के लक्षण दिखना
- पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा मात्रा में खून निकलना
- शारीरिक संबंध के दौरान खून निकलना
- शारिरिक संबध के बाद काफी मात्रा में खून निकलना
Read more articles on Cancer in Hindi
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।