जानें मेलानोमा कैंसर के लक्षण

मेलानोमा कैंसर के शुरूआत में यदि आपकी त्‍वचा पर कोई मस्‍सा या तिल है तो यह बड़ा हो जाता है। मेलानोमा कैंसर के अन्‍य लक्षण और कारण जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
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जानें मेलानोमा कैंसर के लक्षण

मेलानोमा बहुत ही खतरनाक प्रकार का स्किन कैंसर है। यह त्‍वचा के रंग का निर्माण करने वाले मेलोनोसाईट्स में होता है। मेलोनोसाईट्स या मिलेनिन सूर्य की किरणों के असर से स्किन की रक्षा करते हैं। मेलानोमा स्किन कैंसर के चार चरण होते हैं। चौथे चरण में यह सामान्‍य न रहकर गंभीर बीमारी बन जाती है।

मेलानोमा का पता चलते ही तुरंत इसका उपचार शुरू कर देना चाहिए। कई बार मेलानोमा त्‍वचा के साथ ही शरीर के अन्‍य अंगों और हड्डियों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। आगे इस आलेख के जरिए बात करते हैं मेलानोमा के कारण और लक्षणों के बारे में।

 

Melanoma

कारण
मेलानोमा कैंसर की शुरूआत ज्‍यादा समय तक सूर्य की रोशनी में रहने के कारण होती है। त्‍वचा के लंबे समय तक सूर्य की किरणों के प्रभाव में रहने से स्किन सेल खराब हो जाते हैं। खराब हुए स्किन सेल तेजी से बढ़ते हैं और ये ऊतकों को चारों तरफ से घेर लेते हैं। मेलानोमा कैंसर छुआ-छूत से भी फैलता है। यदि आपके परिवार में यह रोग किसी को है तो दूसरे लोगों को भी इसके होने आशंका बनी रहती है।

लक्षण

मेलानोमा के शुरूआती लक्षणों में यदि आपकी त्‍वचा पर कोई मस्‍सा या तिल है तो इसके आकार में परिवर्तन होने लगता है। मेलानोमा कैंसर के निम्‍नलिखित लक्षण हैं।

त्‍वचा पर दाग बनना : शरीर की स्किन पर गोलाकार आकृति वाले दाग या धब्‍बा बन जाते हैं। इनकी आकृति एक जैसी न होकर अलग-अलग भी हो सकती है। दाग के पुराने हो जाने पर इसमें खुजली होने लगती है। खुजाने पर खून भी निकलता है।

दाग के चारों तरफ घेरा बन जाना : शुरूआत में ही यदि इसका उपचार न किया जाये तो दागों के चारों तरफ काले रंग का बॉर्डर बन जाता है। इन्‍हें खुजाने पर खून निकलता है। यह धीरे-धीरे आसपास की त्‍वचा पर भी फैलने लगता है।

धब्‍बों का त्‍वचा से अलग रंग : इन दाग या धब्‍बों का कलर ज्‍यादातर काला और ब्राउन होता है। कई बार ये स्किन से अलग कलर व्‍हाइट, ग्रे, रेड, पिंक और ब्‍लू कलर के भी दिखाई देते हैं।

साइज : इन धब्‍बों के साइज में बदलाव होता रहता है और यह धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। इनका आकार चौथाई इंच यानी 6 एमएम तक का होता है। यह धीरे-धीरे कड़े भी होते जाते हैं।

Melanoma

 

कैसे फैलता है स्किन कैंसर
शरीर लाखों जीवित कोशिकाओं से मिलकर बनी है। सामान्‍य रूप से शरीर की कोशिकाएं बढ़ती हैं और नई कोशिकाओं का जन्‍म होता है, फिर पुरानी कोशिकाएं मर जाती है। यही क्रम चलता रहता है। किसी भी व्‍यक्ति के जीवन के शुरुआती सालों में सामान्‍य कोशिकाएं तेजी से बढ़ती है। इसके बाद युवावस्‍था आने पर ज्‍यादातर नई कोशिकाएं बेकार कोशिकाओं को बदलने या क्षतिग्रस्‍त कोशिकाओं की रिपेयर के लिए तैयार होती है।

जब स्किन कैंसर कोशिकाओं के माध्‍यम से शरीर में फैलना शुरु होता है तो इसका उपचार कठिन हो जाता है। स्किन कैंसर एबनार्मल कोशिकाओं के बढ़ने के कारण होता है और यह कई प्रकार का होता है। सामान्‍य कोशिकाओं से कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ एकदम अलग होती है। कैंसर कोशिकाओं मरने के बजाय बढ़ती रहती हैं और नई बनती रहती है।

दरअसल डीएनए के क्षतिग्रस्‍त होने से सामान्‍य कोशिकाएं कैंसर कोशिका में तब्‍दील हो जाती हैं। डीएनए प्रत्‍येक कोशिका में मौजूद होता है। जब किसी सामान्‍य कोशिका का डीएनए क्षतिग्रस्‍त हो जाता है तो उस कोशिका का उपचार किया जा सकता है। लेकिन कैंसर कोशिकाओं में क्षतिग्रस्‍त डीएनए की मरम्‍मत नहीं की जा सकती।

यदि आपके शरीर पर हुए किसी दाग या धब्‍बे में खुजली होती है और खून निकलता है तो आपको मेलानोमा कैंसर हो सकता है। इसके उपचार के लिए जल्‍द से जल्‍द चिकित्‍सक से संपर्क करें।


Image Courtesy@gettyimages

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