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धमनियां ब्लॉक होने पर पैरों में नजर आते हैं ये 5 लक्षण, न करें अनदेखी

एथेरोस्क्लेरोसिस या PAD के कारण पैरों में धमनियां ब्लॉक हो सकती हैं। ऐसा होने पर पैरों में दर्द, सुन्नता और अल्सर जैसे महत्वपूर्ण लक्षणों नजर आते हैं।
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धमनियां ब्लॉक होने पर पैरों में नजर आते हैं ये 5 लक्षण, न करें अनदेखी


Symptoms Of Blocked Arteries In Legs In Hindi: धमनियां यानी आर्टरीज ब्लॉक होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस और पेरिफेरल आर्टरी डिजीज। एथेरोस्क्लेरोसिस आर्टरीज ब्लॉक होने का सबसे आम कारण माना जाता है। यह समस्या होने पर फैटी सब्सटेंस, जिसे हम प्लाक कहते हैं, धमनियों में जमा हो जाता है। इससे ब्लड आर्टरीज नैरो यानी संकरी हो जाती हैं। नतीजतन, ब्लड फ्लो होने में दिक्कत होती है। इसके अलावा, पेरिफेरल आर्टरी डिजीज भी धमनियों में ब्लॉकेज का एक कारण है। यह अक्सर एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़ा होता है। यह समस्या तब होती है, जब पैरों में ब्लड पहुंचाने वाली धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं। वहीं, आपकी खराब लाइफस्टाइल के कारण ब्लड फ्लो प्रभावित होता है। जैसे स्मोकिंग करना या मेडिकल कंडीशंस जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की वजह से भी ब्लड फ्लो बाधित हो सकता है। एज फैक्टर, परिवार की मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना भी आपकी फिजिकल हेल्थ को खराब कर सकता है और ब्लड फ्लो को कम कर सकता है। इस तरह की समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि शरीर में नजर आने वाले लक्षणों पर गौर करें। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि धमनियां ब्लॉक होने पर पैरों में किस तरह के लक्षण उभरकर आते हैं। इस बारे में हमने नोएडा स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल में कार्डियक साइंसेज के चेयरमैन डॉ. अजय कौल से बात की।

धमनियां ब्लॉक होने पर पैरों में नजर आने वाले लक्षण- Symptoms Of Blocked Arteries In Legs In Hindi

Symptoms Of Blocked Arteries In Legs In Hindi

इंटरमिटेंट क्लॉडिकेशन- Intermittent Claudication

इंटरमिटें क्लॉडिकेशन का मतलब होता है, पैरों में दर्द या ऐंठन होना। अगर आपको अक्सर चलने-फिरने या एक्सरसाइज के दौरान दर्द का अहसास होता है, तो इसे धमनियों के ब्लॉक होने का लक्षण माना जाता सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अक्सर धमनियों के कारण हो रहे दर्द में जब आप रेस्ट करते हो, तो रिलैक्स फील होने लगता है।

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सुन्नता या कमजोरी- Numbness or Weakness

 Numbness or Weakness

अगर अक्सर आपको चलते-फिरते या किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि करते हुए थकान महसूस होने लगती है और पैर सुन्न हो जाते हैं। इस स्थिति को हल्के में न लें। यह कई तरह की गंभीर बीमारियों की ओर इशारा करता है। इसमें धमनियों में ब्लॉकेज होना भी शमिल हैं। इसके अलावा, अगर पैर सुन्न हो जाते हैं या झुनझुनी महसूस होती है, तो तुरंत एक्सपर्ट से मुलाकात कर अपनी जांच करवाएं।

पैर के निचले हिस्से में ठंडा महसूस होना- Coldness in the Lower Leg or Foot

पैरों में सही तरह से ब्लड फ्लो न होने के कारण अक्सर एक पैर दूसरे पैर की तुलना में अधिक ठंडा महसूस होता। विशेषज्ञों का कहना है कि जब ब्लड फ्लो बाधित होता है, पेरिफेरल आर्टरी डिजीज या ब्लड वेसल डिसऑर्डर होता है, तो इस तरह की सेंसेशन पैरों में महसूस हो सकती है। ऐसे में ध्यान रखें कि मौसम ठंडा नहीं है, तो धमनियों में ब्लॉकेज का लक्षण समझते हुए अपना सही ट्रीटमेंट करवाएं।

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पैरों में घाव होना- Sores or Ulcers

आपने अक्सर सुना होगा कि जिन लोगों को डायबिटीज होता है, उनके घाव की रिकवरी जल्दी नहीं होती है। ऐसा ही कुछ आर्टरीज में ब्लॉकेज होने पर भी हो सकता है। असल में, जब बॉडी में पर्याप्त ब्लड नहीं पहुंचता है, तो इससे बॉडी में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। वहीं, ब्लड के जरिए प्लेटलेट्स भी पूरी बॉडी में सर्कुलेट करते हैं, जो कि खून के थक्कों को बनाकर जख्म को भरने का काम करते हैं। अगर किसी वजह से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो रहा है, तो पैरों में घाव या छाले हो सकते हैं, जिन्हें भरने में समय लग सकता है।

पैरों के स्किन कलर में बदलाव- Change in Skin Color

ब्लड सर्कुलेशन कम होने पर पैरों में कमजोरी और थकान तो हो ही जाती है। इसके साथ ही अगर धमनियां ब्लॉक हैं, तो पैरों का स्किन कलर भी बदल सकता है। इस दौरान पैरों की त्वचा पीली, नीली हो सकती है। यहां तक कि ब्लड सर्कुलेशन बाधित होने के कारण पैरों के बालों का झड़ना भी देखा जा सकता है।

पैरों में धमनियों के ब्लॉकेज का ट्रीटमेंट- Treatment of Blocked Arteries in Legs

  • पैरों की धमनियों में अगर ब्लॉकेज है, तो सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल में हेल्दी आदतों को अपनाएं और बुरी आदतें छोड़ें। जैसे स्मोकिंग न करें, हेल्दी डाइट फॉलो करें और रेगुलर एक्सरसाइज करें।
  • डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कंडीशन को मैनेज करने की कोशिश् करें।
  • डॉक्टर द्वारा परामर्श में दी गई दवाओं का सेवन नित समय पर करें। नियमित अनुसार अपना रूटीन चेकअप करवाएं।
  • कई बार धमनियों के ब्लॉकेज को रोकने के लिए डॉक्टर बाईपास सर्जरी करते हैं। हालांकि, ऐसा गंभीर मामलों में करना पड़ता है। इस संबंध में डॉक्टर आपको बेहतर सलाह दे सकते हैं।

All Image Credit: Freepik

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