विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का शनिवार को राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय अयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उनकी हालत स्थिर है। 64 वर्षीय सुषमा की सर्जरी 50 डॉक्टरों की टीम ने करीब 5 घंटे तक की। इसके बाद उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया। एम्स के सूत्रों ने बताया कि सुषमा को लगभग 40 साल की एक महिला ने अपनी किडनी दी और वह उनकी रिश्तेदार नहीं हैं।
इससे पहले, संभावना थी कि सुषमा को किडनी उनकी बेटी देंगी लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि क्योंकि वह खुद डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित हैं, इसलिए उनकी किडनी नहीं ली जा सकती। डॉक्टर ने कहा, सर्जरी सफल रही और किडनी दानकर्ता और प्राप्तकर्ता दोनों को होश आ गया है। सर्जरी के बाद की जाने वाली निगरानी के तहत दोनों को आईसीयू में रखा गया है।
एम्स के निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा ने बताया कि शनिवार सुबह ठीक साढ़े नौ बजे ऑपरेशन शुरू हुआ जो दोपहर ढाई बजे तक चला। ऑपरेशन सफल रहा है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की एक टीम मंत्री की हालत पर चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है। उम्मीद है कि उन्हें हफ्ते भर में छुट्टी भी मिल जाएगी।
सुषमा लंबे समय से डायबिटीज से पीड़ित हैं। इसी बीमारी के चलते 15 नवंबर को वह एम्स में भर्ती हुई थीं। उन्होंने स्वयं ट्वीट कर बताया था कि किडनी फेल होने के कारण वह अस्पताल में भर्ती हुई हैं। विदेश मंत्री के ट्वीट के बाद कई लोगों ने उन्हें किडनी दान करने की इच्छा जताई थी। पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित समेत काफी संख्या में लोगों ने सोशल मीडिया पर सुषमा के जल्द सवस्थ होने की कामना की है।