बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान तीसरी बार पिता बनने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान के नक्शेकदम पर चलते हुए अपनी तीसरी संतान के जन्म लिए किराये की कोख का सहारा लेने का फैसला किया है।
शाहरुख के करीबी सूत्रों ने एक अखबार से बातचीत में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किंग खान और उनकी पत्नी गौरी एक और बच्चा चाहते थे। चूंकि उम्र के कारण गौरी को गर्भधारण में कुछ परेशानियां आ सकती थीं, इसलिए उन्होंने किराये की कोख से बच्चे को जन्म देने का फैसला किया।
तीसरी बार माता-पिता बनने के लिए शाहरुख और गौरी ने उसी डॉक्टर से सम्पर्क किया है, जिसने आमिर को औलाद का तोहफा दिया था। इस फैसले में परिवार के अन्य सदस्यों ने भी दोनों का साथ दिया। सरोगेसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शाहरुख के घर में साल के अंत तक किलकारियां गूंज सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किंग खान की तीसरी संतान एक लड़का हो सकता है।
क्यों पड़ती है सरोगेसी की जरूरत
बहुत सी महिलाओं में ओवम यानी अंडाणु बनने बंद हो जाते हैं। ऐसे में उनके गर्भवती होने की संभावना खत्म हो जाती है। या उनका गर्भाशय इतना कमजोर हो जाता है कि बच्चा संभालने मे असक्षम हो जाता है। थ्रेटेंड एबरेशन और हैबिचुअल मिसकैरिज जैसे मामलों में भी यही एकमात्र रास्ता रह जाता है। कुछ कामकाजी महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान छुट्टी मिलने में मुश्किल होना भी सरोगेसी केस बढ़ने की एक वजह है।
ऐसे पेरेंट्स के लिए स्वस्थ महिला डोनर्स की मदद से अंडाणु लिए जाते हैं। इन अंडाणुओं को फर्टीलाइज करने के लिए एक स्वस्थ गर्भाशय की जरूरत होती है। ऐसे में रिप्रोडक्टिव एज यानी 18 से 40 साल तक की औरत का चयन करके अंडाणु उसके गर्भ में ट्रांसफर कर दिया जाता है। बच्चे के जन्म के बाद उसे उसके बायोलॉजिकल और लीगल पेरेंट्स को सौंप दिया जाता है।
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